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गाजे-बाजे से साथ निकाली गई 105 साल की बुजुर्ग दादी की अंतिम यात्रा, परिवार ने दी शानदार विदाई - ललिता कुशवाहा

टीकमगढ़ में एक परिवार ने अपनी दादी की अंतिम यात्रा धूम-धाम से गाजे-बाजे के साथ निकाली और लोगों को संदेश दिया कि किसी बुजुर्ग की सामान्य मृत्यु होती है तो उसे हंसी-खुशी से विदा करना चाहिए.

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105 साल की दादी की बैंड बाजे के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा
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Published : Dec 16, 2019, 8:49 PM IST

टीकमगढ़। किसी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के लोग रोते बिलखते है, लेकिन कुशवाहा परिवार ने अपनी दादी की अंतिम यात्रा बैंड बाजों के साथ फिल्मी धुनों पर निकाली. परिवार के लोगों ने हंसते-हसंते अपनी दादी अम्मा को गीत और संगीतो की धुनों पर विदा किया.

105 साल की दादी की बैंड बाजे के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा

टीकमगढ़ के लिधोरताल में अपने परिवार के साथ रहने वाली ललिता कुशवाहा का 105 साल उम्र में निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर उनके रोने-धोने के बजाय गाजे-बाजे के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली. परिवार वालों का कहना है कि वो एक खुशी परिवार छोड़ कर गई हैं और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी खुशहाली के साथ जिया है.

टीकमगढ़। किसी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के लोग रोते बिलखते है, लेकिन कुशवाहा परिवार ने अपनी दादी की अंतिम यात्रा बैंड बाजों के साथ फिल्मी धुनों पर निकाली. परिवार के लोगों ने हंसते-हसंते अपनी दादी अम्मा को गीत और संगीतो की धुनों पर विदा किया.

105 साल की दादी की बैंड बाजे के साथ निकाली गई अंतिम यात्रा

टीकमगढ़ के लिधोरताल में अपने परिवार के साथ रहने वाली ललिता कुशवाहा का 105 साल उम्र में निधन हो गया. उनकी मृत्यु पर उनके रोने-धोने के बजाय गाजे-बाजे के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली. परिवार वालों का कहना है कि वो एक खुशी परिवार छोड़ कर गई हैं और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी खुशहाली के साथ जिया है.

Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ जिले में लोगो ने एक मिसाल कायम कर 105 साल की बुजुर्ग महिला की अंतिम यात्रा गाजो बाजो के साथ निकाली गई फिल्मी गीतों की धुनों परBody:वाइट /01 सन्तोष कुशवाहा मृतिका का नाती लिधोरताल

वाईट /02 मनकू बाई मृतिका की बहू लिधोरताल

वाइस ओबर / टीकमगढ जिले में कुशवाहा परिवार ने एक मिसाल कायम कर अपनी दादी की अंतिम यात्रा बेंड बाजो ओर डी जे के साथ फिल्मी धुनों पर निकाली गई और फिर अंतिम संस्कार किया गया जबकि लोग मरने के वाद रोते बिलखते है !पर यहां पर ऐसा कुछ नही हुआ और लोगो ने हंसते हसंते अपनी बूढ़ी दादी अम्मा को गीत और संगीतो की धुनों पर विदा किया गया दरअसल यह मामला टीकमगढ़ जिले के जतारा पुलिस थाने के लिधोरताल का है !जहाँ की ललिता कुशवाहा जिनकी उम्र 105 साल थी और उनकी मौत हो गई थी जिसपर उनके परिजनों बे कहा कि यह सभी को खुशहाल करके गई है !इसलिए कोई भी रोयेगा नही ओर न ही मातमी धुनें बजाई जावेगी इसलिए सभी ने निर्णय किया कि सभी लोग बेंडबाजो ओर संख ओर झालरों ओर फिल्मी गीत संगीत के साथ ललिता जी की बिदाई करेंगे तो सभीबने ऐसा ही किया और ओर पूरे गाँव मे उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें शव यात्रा के आगे आगे डि जे बजता हुआ चल रहा था और उसके पीछे बेंड बाजे ओर रमतूला ओर उंसके पीछे पीछे ललिता बाई की अर्थी ओर उस पर फूल मालाओं की वर्षा हो रही थी और फिल्मी गीत संगीत चल रहा था और अर्थी के पीछे पीछे गांव के लोग ललिता बाई को जलाने अपने अपने कंधों पर लकड़ियां रखकर चल रहे थे Conclusion:टीकमगढ जिले की ललिता बाई कुशवाहा की उम्र काफी हो गईं थी 105 साल ओर यह पूरा खुशहाल परिवार छोड़कर गई जिसमें इनके 6 बेटे है !और 10 बहुये है !और 11 नाती ,ओर11 नातिन, ओर 13 सन्ती शहीत मिलाकर इनके परिवार में 80 लोग है !ललिता बाई का पूरा परिवार एक बट बृक्ष के समान है !जो एक पूरे एक परिवार के समान है !सायद ही आप लोगो ने इतना बड़ा परिवार नही देखा होगा कही पर भी लेकिन ललिता बाई का परिवार किसी मुहहले से कम नही है !आज उनके परिवार ने ललिता जी की अन्तिम यात्रा एक यादगार यात्रा निकाली गई ऐसे अंतिम यात्रा बुन्देलखण्ड में पहलीवार निकाली गईं जो एक चर्चा का विषय रही
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