टीकमगढ़। कोरोना के कारण लगाया गया लॉकडाउन खत्म हो गया है, लेकिन प्राइवेट बसों की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है. जिसका असर बस संचालकों पर तो हुआ ही है. लेकिन इसकी चपेट में बस स्टैंड के छोटे दुकानदार भी आ गए हैं. बसें बंद होने से इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. दुकान संचालक अशोक सेन ने बताया कि उनकी दुकानदारी बसों पर ही निर्भर है. बस स्टैंड पर आने वाले यात्री उनके ग्राहक होते हैं. लेकिन बसों के पहिए जाम होने से अब उनकी अर्थव्यवस्था का चक्का भी रूक गया है.
दुकानदारों ने बयां किया दर्द
यही हाल बाकि दुकानदारों का भी है. नाश्ता सेंटर चलाने वाले रवींद्र शुक्ला और मोबाइल एसेसरीज बेचने वाले सुनील तिवारी ने अपनी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने कहा कि बसें बंद होने से धंधा चौपट हो गया है. दुकानों का किराया, बिजली बिल और वर्कर्स की पगार देने में भी पसीने छूट रहे हैं.
जिले भर में बस स्टैंड पर दुकान लगाने वाले सैकड़ों दुकानदारों की हालत खराब
- टीकमगढ़ बस स्टैंड- 200
- जतारा बस स्टैंड-150
- पलेरा बस स्टैंड-150
- बड़ागांव- 100
- मोहनगढ़- 70
- दिगौड़ा-100
- कुंडेश्वर 50
भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी क्षमता के साथ बसों के परिवहन की अनुमति दे दी है, लेकिन बसों के संचालन को लेकर अभी भी असमंसज की स्थिति बनी हुई है. टैक्स माफी नहीं होने से बस संचालकों में नाराजगी है. जिसका परिणाम सैकड़ों दुकानदार भुगत रहे हैं.