22 भुजाओं वाले गणेशजी पूरी करते हैं सबकी मुराद, दुनिया में नहीं है ऐसी प्रतिमा
टीकमगढ़ जिले के गणेशपुरा कस्बे में भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर है. जिसमें गणेश जी की 22 भुजाओं वाली प्रतिमा विराजमान है.
गणेशपुरा मंदिर
टीकमगढ़। बानपुर गांव के पास एक प्राचीन गणेश मंदिर है. जिसमें भगवान गणेश की 22 भुजाओं वाली अद्भुत प्रतिमा विराजमान है. लोगों का कहना है कि ऐसी गणेश प्रतिमा पूरे देश में कहीं और नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ये गणेश प्रतिमा औरंगजेब के जमाने की है. जो 70 साल पहले जंगल में पाई गई थी. जिसे दतिया के राज परिवार ने मंदिर में स्थापित किया था.मंदिर के बारे में एक रोचक लोक कथा भी प्रचलित है. भगवान गणेश की ये प्रतिमा जंगल में सोई हुई मुद्रा में मिली थी. लोगों ने जब इसे उठाने का प्रयास किया तो वे इसमें सफल नहीं हो पाये. तब ग्रामीणों को सपने में भगवान गणेश ने बताया कि कोई राजपरिवार का व्यक्ति ही उन्हें उठा सकता है. तब दतिया के राजपरिवार ने भगवान गणेश की इस प्रतिमा की स्थापना मंदिर में की.स्थानीय लोगों का कहना कि इस मंदिर में सभी गणेश भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
टीकमगढ़। बानपुर गांव के पास एक प्राचीन गणेश मंदिर है. जिसमें भगवान गणेश की 22 भुजाओं वाली अद्भुत प्रतिमा विराजमान है. लोगों का कहना है कि ऐसी गणेश प्रतिमा पूरे देश में कहीं और नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ये गणेश प्रतिमा औरंगजेब के जमाने की है. जो 70 साल पहले जंगल में पाई गई थी. जिसे दतिया के राज परिवार ने मंदिर में स्थापित किया था.मंदिर के बारे में एक रोचक लोक कथा भी प्रचलित है. भगवान गणेश की ये प्रतिमा जंगल में सोई हुई मुद्रा में मिली थी. लोगों ने जब इसे उठाने का प्रयास किया तो वे इसमें सफल नहीं हो पाये. तब ग्रामीणों को सपने में भगवान गणेश ने बताया कि कोई राजपरिवार का व्यक्ति ही उन्हें उठा सकता है. तब दतिया के राजपरिवार ने भगवान गणेश की इस प्रतिमा की स्थापना मंदिर में की.स्थानीय लोगों का कहना कि इस मंदिर में सभी गणेश भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिले में विश्व के अनोखे 22 भुजाओं के श्री गणेश है जो भक्तो की सभी मुरादे करते है पूरी नृत्य मुद्रा के यह गणेश विश्व के अनोखे गणेश है
Body:वाइट् /01 नारायण कुशवाहा बुजुर्ग गणेश पूरा
वाइट् /02 बाल मुकुंद दुबे मन्दिर पुजारी
वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में भारतवर्ष के पहला और अनोखा गणेश मंदिर है जिसमे 22 भुजाओं के श्री गणेश बिराजमान है अभी तक आप लोगो ने चार भुजाओं, आठ भुजाओं, ओर 12 भुजाओं के गणेश जी देखे होंगे मन्दिरो में लेकिन अभी तक 22 भुजाओं के गणेश आपलोगो को कही भी देखने को नही मिलेंगे और वह है सिर्फ टीकमगढ़ जिले के गणेशपुरा बस्ती में यह एक अद्भुत ओर अनूठे गणेश है जिनकी प्रतिमा काफी आदमकद है और काफी बड़ी है जो नृत्य मुद्रा में है !गणेश जी की मूर्तियां मन्दिरो में आप लोगो को नृत्य मुद्रा में नही देखने को मिलेगी लेकिन यह मूर्ति एक चमत्कारिक मूर्ति है इस मूर्ति के इतिहास पर यदि हम नजर डाले तो यह मूर्ति काफी पुरानी है जो काफी प्राचीन बताई जा रही है औरंगजेब शासन काल के समय की बताई जा रही है यह मूर्ति पहिले एक जंगल मे जमीन पर लेटी हुई थी और ऐसे में ही लोग पूजा करते थे लेकिन 70 साल पहिले इस मूर्ति को जमीन से उठाकर खड़ा किया गया था जिसमे लोगो ने काफी प्रयास किया था जमीन से उठाने का मगर न बड़ी बड़ी रस्सियां काम आई और न ही हाथी क्योकि मूर्ती को उठाने के लिए हाथी बुलाये गए थे तब भी गणेश जमीन से नही उठे थे
Conclusion:टीकमगढ़ लेकिन गणेश जी ने लोगो को सपना दिया था कि बानपुर के महाराजा के परिवार को कोई सदस्य यदि उनको उठाने में सहयोग करता है तो वह जमीन से उठ जावेंगे तब लोगो ने दतिया से बानपुर के महाराजा बाणासुर के परिजनों को बुलाया तो तत्काल ही गणेश जी जमीन से उठ गए थे और यहां पर एक मन्दिर बनबाया गया था यह एक चमत्कारिक है जो टीकमगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर है और अब मन्दिर के आसपास एक बस्ती लोगो ने बसा ली गणेशपुरा के नाम से औरंगजेब ने अपने शासन काल मे हिन्दू मन्दिरो को काफी नुकसान पहुंचाया था और उसने गणेश जी की मूर्ति को भी तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन गणेश जी के चमत्कार के आगे यह नसमस्तक हो गया था गणेश जी सभी की मुरादे पूरी करते है यहां पर पांच रविवार ओर पांच बुधवार को दर्शन करने जाना पड़ता है और उनकी परिक्रमा की जाती है इतना करने पर यह सभी की मुरादे पूरी करते है जहाँ पर दूर दूर से लोग दर्शन करने जाते है
Body:वाइट् /01 नारायण कुशवाहा बुजुर्ग गणेश पूरा
वाइट् /02 बाल मुकुंद दुबे मन्दिर पुजारी
वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिले में भारतवर्ष के पहला और अनोखा गणेश मंदिर है जिसमे 22 भुजाओं के श्री गणेश बिराजमान है अभी तक आप लोगो ने चार भुजाओं, आठ भुजाओं, ओर 12 भुजाओं के गणेश जी देखे होंगे मन्दिरो में लेकिन अभी तक 22 भुजाओं के गणेश आपलोगो को कही भी देखने को नही मिलेंगे और वह है सिर्फ टीकमगढ़ जिले के गणेशपुरा बस्ती में यह एक अद्भुत ओर अनूठे गणेश है जिनकी प्रतिमा काफी आदमकद है और काफी बड़ी है जो नृत्य मुद्रा में है !गणेश जी की मूर्तियां मन्दिरो में आप लोगो को नृत्य मुद्रा में नही देखने को मिलेगी लेकिन यह मूर्ति एक चमत्कारिक मूर्ति है इस मूर्ति के इतिहास पर यदि हम नजर डाले तो यह मूर्ति काफी पुरानी है जो काफी प्राचीन बताई जा रही है औरंगजेब शासन काल के समय की बताई जा रही है यह मूर्ति पहिले एक जंगल मे जमीन पर लेटी हुई थी और ऐसे में ही लोग पूजा करते थे लेकिन 70 साल पहिले इस मूर्ति को जमीन से उठाकर खड़ा किया गया था जिसमे लोगो ने काफी प्रयास किया था जमीन से उठाने का मगर न बड़ी बड़ी रस्सियां काम आई और न ही हाथी क्योकि मूर्ती को उठाने के लिए हाथी बुलाये गए थे तब भी गणेश जमीन से नही उठे थे
Conclusion:टीकमगढ़ लेकिन गणेश जी ने लोगो को सपना दिया था कि बानपुर के महाराजा के परिवार को कोई सदस्य यदि उनको उठाने में सहयोग करता है तो वह जमीन से उठ जावेंगे तब लोगो ने दतिया से बानपुर के महाराजा बाणासुर के परिजनों को बुलाया तो तत्काल ही गणेश जी जमीन से उठ गए थे और यहां पर एक मन्दिर बनबाया गया था यह एक चमत्कारिक है जो टीकमगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर है और अब मन्दिर के आसपास एक बस्ती लोगो ने बसा ली गणेशपुरा के नाम से औरंगजेब ने अपने शासन काल मे हिन्दू मन्दिरो को काफी नुकसान पहुंचाया था और उसने गणेश जी की मूर्ति को भी तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन गणेश जी के चमत्कार के आगे यह नसमस्तक हो गया था गणेश जी सभी की मुरादे पूरी करते है यहां पर पांच रविवार ओर पांच बुधवार को दर्शन करने जाना पड़ता है और उनकी परिक्रमा की जाती है इतना करने पर यह सभी की मुरादे पूरी करते है जहाँ पर दूर दूर से लोग दर्शन करने जाते है