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Singrauli news: सहकारी बैंक का भवन जर्जर, डर के साये में काम करने को मजबूर कर्मचारी

सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में सहकारी बैंक का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बैंक के कर्मचारी 66 साल पुराने जर्जर भवन में काम करने को मजबूर हैं. बैंक आने वाले किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन नए भवन को लेकर प्रशासन उदासीन नजर आ रहा है. Singrauli news, Singrauli Cooperative bank, Farmers face problems

Singrauli Cooperative bank
सिंगरौली सहकारी बैंक
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Published : Sep 6, 2022, 8:00 PM IST

सिंगरौली। मध्यप्रदेश की उर्जा राजधानी कही जाने वाले सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में सहकारी बैंक प्रशासन की लचर व्यवस्था से बदहाली के आँसू रो रहा है. बैंक का भवन पूरी तरह जर्जर अवस्था में आ चुका है. विभागीय उदासीनता की वजह से इस बैंक के कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. बारिश में बैंक की छत से कमरों में पानी टपकता है. जिससे बैंक में रखी फाइलें भी पानी में भीग जाती हैं. (MP Power Capital Singrauli)

66 साल पुराना भवन: जहां एक ओर केंद्र व राज्य सरकारें बैंकों को हाईटेक कर नेटबैंकिंग से जोड़ने का प्रयास कर रही है,नए-नए भवनों का लोकार्पण किया जा रहा है तो वहीं सहकारी केंद्रीय बैंक लगभग 66 साल पुराने जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है. जहाँ भवन से लेकर हर चीज जर्जर हालत में है, दीवारों में दरारें पड़ने लगी है कमरों के अंदर छज्जे भी टूटने लगे है. कमरों के चारों ओर पानी टपकने से वर्षों से रखे दस्तावेज भी भीगने लगे हैं. सुविधाओं के अभाव में कर्मचारियों सहित यहां आने वाले किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. (Singrauli news) (Cooperative bank in dilapidated building)

नए भवन की मांग: जर्जर भवन लोगों के लिए पूरी तरह से असुरक्षित हो चुका है जिसके चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. बैंक के लिए नए भवन की मांग भी की जा रही है. बैंक के शाखा प्रबंधक पुष्पराज सिंह ने भवन की मांग को लेकर कहा कि उच्च अधिकारियों को कई बार नए भवन के लिए प्रस्ताव दिया गया है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई पहल नही की जा रही है.

सिंगरौली। मध्यप्रदेश की उर्जा राजधानी कही जाने वाले सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में सहकारी बैंक प्रशासन की लचर व्यवस्था से बदहाली के आँसू रो रहा है. बैंक का भवन पूरी तरह जर्जर अवस्था में आ चुका है. विभागीय उदासीनता की वजह से इस बैंक के कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. बारिश में बैंक की छत से कमरों में पानी टपकता है. जिससे बैंक में रखी फाइलें भी पानी में भीग जाती हैं. (MP Power Capital Singrauli)

66 साल पुराना भवन: जहां एक ओर केंद्र व राज्य सरकारें बैंकों को हाईटेक कर नेटबैंकिंग से जोड़ने का प्रयास कर रही है,नए-नए भवनों का लोकार्पण किया जा रहा है तो वहीं सहकारी केंद्रीय बैंक लगभग 66 साल पुराने जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है. जहाँ भवन से लेकर हर चीज जर्जर हालत में है, दीवारों में दरारें पड़ने लगी है कमरों के अंदर छज्जे भी टूटने लगे है. कमरों के चारों ओर पानी टपकने से वर्षों से रखे दस्तावेज भी भीगने लगे हैं. सुविधाओं के अभाव में कर्मचारियों सहित यहां आने वाले किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. (Singrauli news) (Cooperative bank in dilapidated building)

नए भवन की मांग: जर्जर भवन लोगों के लिए पूरी तरह से असुरक्षित हो चुका है जिसके चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. बैंक के लिए नए भवन की मांग भी की जा रही है. बैंक के शाखा प्रबंधक पुष्पराज सिंह ने भवन की मांग को लेकर कहा कि उच्च अधिकारियों को कई बार नए भवन के लिए प्रस्ताव दिया गया है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई पहल नही की जा रही है.

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