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इस राज्य की राजधानी में खुल्ला घूमते हैं टाइगर, सीएम बाघों पर नाज से लुटाते हैं प्यार - MOHAN YADAV ON TIGER

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राजधानी में दिन में इंसान रात में बाघ घूमते हैं.बता दें देश में मध्य प्रदेश में ज्यादा बाघ हैं.

MOHAN YADAV ON TIGER
मोहन यादव ने लुटाया बाघों पर प्यार (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2025, 8:43 PM IST

Updated : Jan 10, 2025, 9:05 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि " भोपाल देश की इकलौती ऐसी राजधानी होगी, जहां टाइगर खुले में घुमते हैं." मुख्यमंत्री ने आईएफएस सर्विस मीट के शुभारंभ के मौके पर ये बात कही. असल में मुद्दा रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने में आ रही दिक्कतों का था. सीएम ने कहा कि "कागज के खिलौने को सांप बताकर डराया जा रहा था. जंगल का इलाका बढ़कर 1 हजार 63 वर्ग मीटर हो जाने पर उन्होंने वन विभाग को बधाई दी और कहा कि भोपाल देश की एकमात्र राजधानी है. जहां आसानी से टाइगर देखे जा सकते हैं."

दिन में आदमी चलते हैं रात में टाइगर

सीएम डॉ मोहन यादव ने आईएफएस अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि "आपकी मेहनत से हमारा जंगल 1 हजार 63 वर्ग मीटर हो गया है. इसमें गांवों का विस्थापन सबसे बड़ी चुनौती थी. उन्होंने रातापानी का जिक्र करते हुए कहा कि रातापानी के मामले में दो कदम आगे दो कदम पीछे की स्थिति बन रही थी. असल में कागज के खिलौने को सांप बनाकर डराया जा रहा था.

सीएम का बयान (ETV Bharat)

रातापानी के संदर्भ में ही सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि भोपाल देश की ऐसी एक मात्र राजधानी है. जहां दिन में आदमी चलते हैं और रात में टाइगर चलते हैं. मुख्यमंत्री भोपाल के पंडित खुशीलाल आर्युवेद महाविद्यालय में हुई आईएफएस सर्विस मीट के शुभारंभ मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पास हीरा है चीता है और गजराज भी अब एमपी का ही रुख कर रहे हैं."

TIGERS ROAM BHOPAL STREETS AT NIGHT
भोपाल में रात में सड़कों पर घूमते हैं बाघ (Getty Image)

बेहतर वर्क कल्चर के लिए इस तरह की मीट जरूरी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "इस प्रकार के मीट परस्पर संवाद, मित्रता के भाव, अनुभव साझा करने और बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए आवश्यक हैं. मध्य प्रदेश में प्रचुर वन संपदा विद्यमान है व पुरातत्व, भू-गर्भ शास्त्र, पर्यावरण, वनस्पति शास्त्र सहित कई विधाओं में अध्ययन व शोध की अपार संभावना विद्यमान है. वन विभाग को इन क्षेत्रों में अध्ययन को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करने के लिए पहल करना होगी. इसी प्रकार पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भी गतिविधियों का विस्तार किया जाए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वनों के विकास और नवाचारी गतिविधियों के संचालन के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा.

मध्य प्रदेश में कितने टाइगर रिजर्व

आपको बता दें मध्य प्रदेश में इस समय 8 टाइगर रिजर्व हैं. इससे पहले सात टाइगर रिजर्व थे. 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया था. जो पहले रातापानी अभ्यारण्य था. इस मौके पर बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा भी मध्य प्रदेश पहुंचे थे. इस दौरान सीएम मोहन ने जंगल का असली राजा टाइगर को बताया था.

MP 8 TIGER RESERVES
एमपी में कितने टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Info)

मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या

वहीं अगर मध्य प्रदेश में कितने बाघ हैं, इसकी बात करें तो आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश में बाघों की गणना का आंकड़ा जारी किया था. जिसमें देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में है. एमपी में अभी 785 बाघ हैं. दुनिया के कुल बाघों में 75 फीसदी भारत में है. देश में साल 2006 में 1411 बाघ थे. साल 2010 में बढ़कर 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967, 2023 में 3682 बाघों की संख्या हुई.

एमपी को कहते हैं टाइगर स्टेट

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है. इसकी वजह है यहां बाघों की संख्या ज्यादा होना. साल 2023 की गणना के बाद एमपी को ज्यादा बाघों की संख्या में पहला स्थान मिला. एमपी में इस समय 785 बाघ हैं. जबकि साल 2006 में यहां 300 ही बाघ थे.

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि " भोपाल देश की इकलौती ऐसी राजधानी होगी, जहां टाइगर खुले में घुमते हैं." मुख्यमंत्री ने आईएफएस सर्विस मीट के शुभारंभ के मौके पर ये बात कही. असल में मुद्दा रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने में आ रही दिक्कतों का था. सीएम ने कहा कि "कागज के खिलौने को सांप बताकर डराया जा रहा था. जंगल का इलाका बढ़कर 1 हजार 63 वर्ग मीटर हो जाने पर उन्होंने वन विभाग को बधाई दी और कहा कि भोपाल देश की एकमात्र राजधानी है. जहां आसानी से टाइगर देखे जा सकते हैं."

दिन में आदमी चलते हैं रात में टाइगर

सीएम डॉ मोहन यादव ने आईएफएस अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि "आपकी मेहनत से हमारा जंगल 1 हजार 63 वर्ग मीटर हो गया है. इसमें गांवों का विस्थापन सबसे बड़ी चुनौती थी. उन्होंने रातापानी का जिक्र करते हुए कहा कि रातापानी के मामले में दो कदम आगे दो कदम पीछे की स्थिति बन रही थी. असल में कागज के खिलौने को सांप बनाकर डराया जा रहा था.

सीएम का बयान (ETV Bharat)

रातापानी के संदर्भ में ही सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि भोपाल देश की ऐसी एक मात्र राजधानी है. जहां दिन में आदमी चलते हैं और रात में टाइगर चलते हैं. मुख्यमंत्री भोपाल के पंडित खुशीलाल आर्युवेद महाविद्यालय में हुई आईएफएस सर्विस मीट के शुभारंभ मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पास हीरा है चीता है और गजराज भी अब एमपी का ही रुख कर रहे हैं."

TIGERS ROAM BHOPAL STREETS AT NIGHT
भोपाल में रात में सड़कों पर घूमते हैं बाघ (Getty Image)

बेहतर वर्क कल्चर के लिए इस तरह की मीट जरूरी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "इस प्रकार के मीट परस्पर संवाद, मित्रता के भाव, अनुभव साझा करने और बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करने के लिए आवश्यक हैं. मध्य प्रदेश में प्रचुर वन संपदा विद्यमान है व पुरातत्व, भू-गर्भ शास्त्र, पर्यावरण, वनस्पति शास्त्र सहित कई विधाओं में अध्ययन व शोध की अपार संभावना विद्यमान है. वन विभाग को इन क्षेत्रों में अध्ययन को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करने के लिए पहल करना होगी. इसी प्रकार पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भी गतिविधियों का विस्तार किया जाए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वनों के विकास और नवाचारी गतिविधियों के संचालन के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा.

मध्य प्रदेश में कितने टाइगर रिजर्व

आपको बता दें मध्य प्रदेश में इस समय 8 टाइगर रिजर्व हैं. इससे पहले सात टाइगर रिजर्व थे. 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया था. जो पहले रातापानी अभ्यारण्य था. इस मौके पर बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा भी मध्य प्रदेश पहुंचे थे. इस दौरान सीएम मोहन ने जंगल का असली राजा टाइगर को बताया था.

MP 8 TIGER RESERVES
एमपी में कितने टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Info)

मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या

वहीं अगर मध्य प्रदेश में कितने बाघ हैं, इसकी बात करें तो आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश में बाघों की गणना का आंकड़ा जारी किया था. जिसमें देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में है. एमपी में अभी 785 बाघ हैं. दुनिया के कुल बाघों में 75 फीसदी भारत में है. देश में साल 2006 में 1411 बाघ थे. साल 2010 में बढ़कर 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967, 2023 में 3682 बाघों की संख्या हुई.

एमपी को कहते हैं टाइगर स्टेट

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है. इसकी वजह है यहां बाघों की संख्या ज्यादा होना. साल 2023 की गणना के बाद एमपी को ज्यादा बाघों की संख्या में पहला स्थान मिला. एमपी में इस समय 785 बाघ हैं. जबकि साल 2006 में यहां 300 ही बाघ थे.

Last Updated : Jan 10, 2025, 9:05 PM IST
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