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विवादों में प्रियंक कानूनगो का सिंगरौली दौरा, शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने पर विवाद

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक दिवसीय सिंगरौली दौरा विवादों में घिरता नजर आ रहा है

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Published : Jan 10, 2020, 10:04 PM IST

Priyank Kanungo visits Singrauli in controversies
विवादों में प्रियंक कानूनगो का सिंगरौली दौरा

सिंगरौली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक दिवसीय सिंगरौली दौरा विवादों में घिरता नजर आ रहा है. दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला पंचायत सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

विवादों में प्रियंक कानूनगो का सिंगरौली दौरा

कार्यक्रम के चलते बच्चों की पंजीयन और महिला बाल विकास के समन्वय के लिए 15 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी. बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं करवाने के आदेश दिए हैं. अफसरों की मनमानी और कानूनगो के दौरे के चलते स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है, जिसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या फिर यह मामला पूरी तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.

सिंगरौली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक दिवसीय सिंगरौली दौरा विवादों में घिरता नजर आ रहा है. दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला पंचायत सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

विवादों में प्रियंक कानूनगो का सिंगरौली दौरा

कार्यक्रम के चलते बच्चों की पंजीयन और महिला बाल विकास के समन्वय के लिए 15 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी. बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं करवाने के आदेश दिए हैं. अफसरों की मनमानी और कानूनगो के दौरे के चलते स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है, जिसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. देखना होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या फिर यह मामला पूरी तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.

Intro:सिंगरौली राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एक दिवसीय दौरे पर सिंगरौली पहुंचे हैं लेकिन यह दौरा विवादों में घिरते नजर आ रहा है दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बेंच का कार्यक्रम जिला पंचायत सभागार में आयोजित की जा रही थीBody:जहां बड़ी संख्या में बच्चों की भी पहुंचने की संभावना थी
ऐसें में बच्चों की पंजीयन व महिला बाल विकास के समन्वय के लिए 15 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी जो कि सुप्रीम कोर्ट और सरकार के कई आदेश भी शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों की बेगार से दूर नहीं कर पा रहे हैं। अफसरों की मनमानी इन आदेशों पर भारी साबित हो रही। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दौरे से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का कार्य पूरी तरह प्रभावित हुआ है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही होगी या फिर यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।



बाईट - प्रियंक कानूनगो - अध्यक्ष - राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोगConclusion:
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