सिंगरौली। सिंगरौली जिले में बीमार व्यक्ति को हाथ ठेले से अस्पताल ले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद ये मामला भोपाल तक पहुंच गया. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के संज्ञान में ये मामला आया. वहीं. स्थानीय प्रशासन भी तुरंत हरकत में आया. घटना का वीडियो सामने आने के बाद कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. बता दें कि इस मामले का वीडियो बीते शनिवार को खूब वायरल हुआ और प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे.
कलेक्टर ने जारी किया बयान : घटना की जांच के आदेश देने वाले जिला कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि एंबुलेंस नहीं होने का दावा गलत है. कलेक्टर ने कहा कि दयाल शाह के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को पैर में चोट लगने के कारण 29 जनवरी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.कुछ दिनों बाद वह अपने घर लौट आया, जोकि सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है. कलेक्टर परमार ने कहा कि शुक्रवार को व्यक्ति को फिर से पैर में दर्द हुआ और वह अस्पताल में भर्ती होने गया था. इस दौरान मरीज को परिजन हाथ ठेले से अस्पताल ले गए. कलेक्टर परमार ने कहा, "हमने 108 एम्बुलेंस सेवा के कॉल रिकॉर्ड की जांच की है और व्यक्ति या उसके रिश्तेदार द्वारा की गई कोई कॉल नहीं मिली है. जिला प्रशासन के अनुसार परिवार ने यह भी कहा है कि वे उसे ठेले से अस्पताल ले गए थे क्योंकि अस्पताल घर के नजदीक है.
MP: सिंगरौली जिले में एंबुलेंस नहीं मिली, तो पिता को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा मासूम, मचा हड़कंप
क्या है मामला : मध्य प्रदेश में अक्सर मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलने के मामले चर्चा में रहते हैं. सिंगरौली से एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ. वीडियो के अनुसार एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला और मासूम बच्चे द्वारा मरीज को ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर पहुंचाया जा रहा है. उस समय बताया गया कि लगभग 7 वर्ष का लड़का अपनी माता के साथ मिलकर अपने पिता को ठेले में लिटाकर करीब 3 किलोमीटर का सफर तय कर जिला अस्पताल पहुंचा. ये भी सामने आया कि 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई, लेकिन 20 मिनट बीत जाने के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची. इस मामले में एडीएम डीपी बर्मन को जैसे ही जानकारी लगी तो तुरंत ही एक टीम गठित कर कर दी गई.