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MP Seat Scan Devsar: रिजर्व देवसर विधानसभा पर अबतक हुए 14 बार चुनाव, कांग्रेस-BJP ने 6 बार फहराया परचम, 4 बार से भाजपा अजेय - एमपी सीट स्कैन देवसर

मध्यप्रदेश में आगामी चुनाव को लेकर नवंबर में चुनावी गणित की बिसात बिछ जाएगी, यानि मतदाता अपने मत का उपयोग कर प्रदेश की सरकार को चुनेगा. ऐसे में हम ईटीवी भारत की खास सीरीज एमपी विधानसभाओं के सीट स्कैन के तहत आज सिंगरौली की देवसर सीट का विश्लेषण लेकर आए हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

MP Devsar Seat Scan
मध्यप्रदेश विधानसभा 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 4:11 PM IST

Updated : Nov 15, 2023, 9:27 AM IST

सिंगरौली। विंध्य क्षेत्र के सिंगरौली की रिजर्व सीट देवसर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है. इन सभी चुनाव पर नजर डाले तो लगता है कि दोनों बराबर है, लेकिन अंतिम चार चुनाव से भाजपा का पलड़ा भारी रहा है. देवसर विधानसभा सीट पर साल 2003 से अब तक लगातार बीजेपी का कब्जा है. हालांकि, हर बार बीजेपी कोई न कोई नया चेहरा ही मैदान में उतारती रही है. ऐसे में किसी एक चेहरे की यह सीट नहीं रह पाई है. वहीं, कांग्रेस भी इस सीट पर बीजेपी के बराबर ही इलेक्शन जीती है, लेकिन वह 1998 तक की बात है। एक बार जनता पार्टी का प्रत्याशी भी चुनाव जीत चुका है और यदि इसे जोड़ दिया जाए तो भाजपा ने 7 बार जीत दर्ज की है.ऐसे में मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की यह विधानसभा बीजेपी के पक्ष में नजर आती है.

इस बार देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने राजेंद्र मेश्राम को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने बंशमनी प्रसाद वर्मा को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. देखना होगा कि जनता के मूड क्या है और जनता किसे अपना प्रतिनिधित्व सौंपती है.

साल 2018 के चुनाव परिणाम: पूरे जिले में यही एक सीट देवसर विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें, तो देवसर सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में थे. यहां पर मुकाबला चार लोगों के बीच था. बीजेपी के सुभाष राम चरित्र को 63,295 वोट मिले तो कांग्रेस के बंशमनी प्रसाद वर्मा के खाते में 52,617 वोट आए थे. जबकि, गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी को 18,320 वोट मिले थे और बहुजन समाज पार्टी के खाते में 14,464 वोट आए थे. ऐसे में यह कड़ा मुकाबला बीजेपी ने 10,678 मतों के अंतर से जीत लिया था.

Devsar Seat Scan 2018 Election Result
2018 चुनाव परिणाम

कुल कितने मतदाता: देवसर विधानसभा सीट में कुल 2 लाख 10 हजार 407 वोटर्स हैं. इसमें से 1,09,330 पुरुष वोटर्स हैं. साथ ही महिला वोटर्स की संख्या 1,01,076 है. इनमें से 79.7% वोटर्स ने यानी कुल 1,62,289 ने ही वोट डाले थे.

Devsar Seat Scan Voters
देवसर सीट पर कुल मतदाता
सीट कि खासियत: सिंगरौली मध्य प्रदेश का 50वां जिला है. इसे 24 मई 2008 को सीधी जिले से अलग करके बनाया गया था. इतिहास की गर्त में देखे तो सिंगरौली क्षेत्र रीवा की एक रियासत हुआ करती थी. यह बघेलखंड का हिस्सा मानी जाती है. शुरूआत से ही देवसर सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. यहां एससी वर्ग के लोगों के अलावा आदिवासी, क्षत्रिय और साहू वोटर्स की संख्या काफी है.
Devsar Seat Scan Last Khasiyat
देवसर सीट पर खासियत

अबतक सीट पर रहे राजनीतिक समीकरण: 1957 में देवसर विधानसभा पहली बार अस्तित्व में आई. सबसे पहले यहां 10 प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के दो, राम राज्य परिषद का एक, जनसंघ का एक, कांग्रेस के दो और निर्दलीय 4 प्रत्याशी थे. जीत मिली निर्दलीय प्रत्याशी भाई लाल को, जिन्होंने पीएसपी के जगदेव सिंह को 98 वोट से हराया. 1962 के चुनाव में देवसर विधानसभा से कांग्रेस के लक्ष्मीकांत ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के त्रम्यबकेश प्रताप सिंह को 218 वोट से हराया. इस चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे. 1967 में देवसर विधानसभा से कांग्रेस ने टी सिंह को प्रत्याशी बनाया. इन्हें 7319 वोट मिले और इन्होंने पीएसपी केबी सिंह को 979 वोट से चुनाव हरा दिया. 1972 के विधानसभा चुनाव में देवसर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बलराज ने भारतीय जनसंघ प्रत्याशी शिवलाल को 1107 वोट से मात दी. 1977 में देवसर विधानसभा से जनता पार्टी के जगन्नाथ सिंह ने कांग्रेस के बलराज सिंह को 9372 वोटों से हराया. 1980 के विधानसभा चुनाव में देवसर विधानसभा से कांग्रेस (आई) के प्रत्याशी पतिराज सिंह ने बीजेपी के प्रत्याशी जगन्नथा सिंह को 3812 वोट से मात दी.

Devsar Seat Scan Last Three Election Result
देवसर सीट पर पिछले तीन चुनाव के परिणाम

1985 में पहली बार बीजेपी जीती. इस बार देवसर विधानसभा से बीजेपी ने अनंत सिंह को प्रत्याशी बनाया था. अनंत सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी इराज सिंह को 9588 वोट से हराया. 1990 में देवसर विधानसभा से बीजेपी के अमर सिंह ने कांग्रेस के पतिराज सिंह को 6668 वोट से हराया. 1993 के विधानसभा चुनाव में देवसर से कांग्रेस के पतिराज सिंह ने बीजेपी के अमर सिंह को 8246 वोट से हराया. 1998 में देवसर विधानसभा से कांग्रेस ने मानिक सिंह और बीजेपी ने श्रीमती रजनी को प्रत्याशी बनाया. जीत मिली कांग्रेस के मानिक सिंह को, उन्होंने बीजेपी की रजनी को 23061 वोट से चुनाव हराया.

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2003 के विधानसभा में देवसर से बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, सपा, सीपीआई, जीजीपी, एलजेएनएसपी, जेपीजेडी और निर्दलीय से मिलाकर 10 प्रत्याशी मैदान में थे. जीत हुई बीजेपी के जगन्नाथ सिंह की. इन्होंने कांग्रेस के मानिक सिंह को 14192 वोट से हराया. 2008 में देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामचरित्र पुत्र रामप्यारे जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 54404 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बंशमणि प्रसाद वर्मा कुल 19881 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 34523 वोटों से हार गए. 2013 के विधानसभा चुनाव में देवसर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र मेश्राम जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 64217 वोट मिले और दूसरे नंबर पर 31003 वोटों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी बंशमणि प्रसाद वर्मा रहे. वे 33214 वोटों से हार गए. 2018 में देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुभाष राम चरित्र जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 63295 वोट मिले. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बंशमणि प्रसाद वर्मा को हराया. वर्मा को कुल 52617 वोट मिले और वे 10678 वोटों से हार गए.

सिंगरौली। विंध्य क्षेत्र के सिंगरौली की रिजर्व सीट देवसर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है. इन सभी चुनाव पर नजर डाले तो लगता है कि दोनों बराबर है, लेकिन अंतिम चार चुनाव से भाजपा का पलड़ा भारी रहा है. देवसर विधानसभा सीट पर साल 2003 से अब तक लगातार बीजेपी का कब्जा है. हालांकि, हर बार बीजेपी कोई न कोई नया चेहरा ही मैदान में उतारती रही है. ऐसे में किसी एक चेहरे की यह सीट नहीं रह पाई है. वहीं, कांग्रेस भी इस सीट पर बीजेपी के बराबर ही इलेक्शन जीती है, लेकिन वह 1998 तक की बात है। एक बार जनता पार्टी का प्रत्याशी भी चुनाव जीत चुका है और यदि इसे जोड़ दिया जाए तो भाजपा ने 7 बार जीत दर्ज की है.ऐसे में मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की यह विधानसभा बीजेपी के पक्ष में नजर आती है.

इस बार देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने राजेंद्र मेश्राम को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने बंशमनी प्रसाद वर्मा को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. देखना होगा कि जनता के मूड क्या है और जनता किसे अपना प्रतिनिधित्व सौंपती है.

साल 2018 के चुनाव परिणाम: पूरे जिले में यही एक सीट देवसर विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें, तो देवसर सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में थे. यहां पर मुकाबला चार लोगों के बीच था. बीजेपी के सुभाष राम चरित्र को 63,295 वोट मिले तो कांग्रेस के बंशमनी प्रसाद वर्मा के खाते में 52,617 वोट आए थे. जबकि, गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी को 18,320 वोट मिले थे और बहुजन समाज पार्टी के खाते में 14,464 वोट आए थे. ऐसे में यह कड़ा मुकाबला बीजेपी ने 10,678 मतों के अंतर से जीत लिया था.

Devsar Seat Scan 2018 Election Result
2018 चुनाव परिणाम

कुल कितने मतदाता: देवसर विधानसभा सीट में कुल 2 लाख 10 हजार 407 वोटर्स हैं. इसमें से 1,09,330 पुरुष वोटर्स हैं. साथ ही महिला वोटर्स की संख्या 1,01,076 है. इनमें से 79.7% वोटर्स ने यानी कुल 1,62,289 ने ही वोट डाले थे.

Devsar Seat Scan Voters
देवसर सीट पर कुल मतदाता
सीट कि खासियत: सिंगरौली मध्य प्रदेश का 50वां जिला है. इसे 24 मई 2008 को सीधी जिले से अलग करके बनाया गया था. इतिहास की गर्त में देखे तो सिंगरौली क्षेत्र रीवा की एक रियासत हुआ करती थी. यह बघेलखंड का हिस्सा मानी जाती है. शुरूआत से ही देवसर सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. यहां एससी वर्ग के लोगों के अलावा आदिवासी, क्षत्रिय और साहू वोटर्स की संख्या काफी है.
Devsar Seat Scan Last Khasiyat
देवसर सीट पर खासियत

अबतक सीट पर रहे राजनीतिक समीकरण: 1957 में देवसर विधानसभा पहली बार अस्तित्व में आई. सबसे पहले यहां 10 प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के दो, राम राज्य परिषद का एक, जनसंघ का एक, कांग्रेस के दो और निर्दलीय 4 प्रत्याशी थे. जीत मिली निर्दलीय प्रत्याशी भाई लाल को, जिन्होंने पीएसपी के जगदेव सिंह को 98 वोट से हराया. 1962 के चुनाव में देवसर विधानसभा से कांग्रेस के लक्ष्मीकांत ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के त्रम्यबकेश प्रताप सिंह को 218 वोट से हराया. इस चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे. 1967 में देवसर विधानसभा से कांग्रेस ने टी सिंह को प्रत्याशी बनाया. इन्हें 7319 वोट मिले और इन्होंने पीएसपी केबी सिंह को 979 वोट से चुनाव हरा दिया. 1972 के विधानसभा चुनाव में देवसर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बलराज ने भारतीय जनसंघ प्रत्याशी शिवलाल को 1107 वोट से मात दी. 1977 में देवसर विधानसभा से जनता पार्टी के जगन्नाथ सिंह ने कांग्रेस के बलराज सिंह को 9372 वोटों से हराया. 1980 के विधानसभा चुनाव में देवसर विधानसभा से कांग्रेस (आई) के प्रत्याशी पतिराज सिंह ने बीजेपी के प्रत्याशी जगन्नथा सिंह को 3812 वोट से मात दी.

Devsar Seat Scan Last Three Election Result
देवसर सीट पर पिछले तीन चुनाव के परिणाम

1985 में पहली बार बीजेपी जीती. इस बार देवसर विधानसभा से बीजेपी ने अनंत सिंह को प्रत्याशी बनाया था. अनंत सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी इराज सिंह को 9588 वोट से हराया. 1990 में देवसर विधानसभा से बीजेपी के अमर सिंह ने कांग्रेस के पतिराज सिंह को 6668 वोट से हराया. 1993 के विधानसभा चुनाव में देवसर से कांग्रेस के पतिराज सिंह ने बीजेपी के अमर सिंह को 8246 वोट से हराया. 1998 में देवसर विधानसभा से कांग्रेस ने मानिक सिंह और बीजेपी ने श्रीमती रजनी को प्रत्याशी बनाया. जीत मिली कांग्रेस के मानिक सिंह को, उन्होंने बीजेपी की रजनी को 23061 वोट से चुनाव हराया.

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2003 के विधानसभा में देवसर से बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, सपा, सीपीआई, जीजीपी, एलजेएनएसपी, जेपीजेडी और निर्दलीय से मिलाकर 10 प्रत्याशी मैदान में थे. जीत हुई बीजेपी के जगन्नाथ सिंह की. इन्होंने कांग्रेस के मानिक सिंह को 14192 वोट से हराया. 2008 में देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामचरित्र पुत्र रामप्यारे जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 54404 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बंशमणि प्रसाद वर्मा कुल 19881 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 34523 वोटों से हार गए. 2013 के विधानसभा चुनाव में देवसर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र मेश्राम जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 64217 वोट मिले और दूसरे नंबर पर 31003 वोटों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी बंशमणि प्रसाद वर्मा रहे. वे 33214 वोटों से हार गए. 2018 में देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुभाष राम चरित्र जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 63295 वोट मिले. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार बंशमणि प्रसाद वर्मा को हराया. वर्मा को कुल 52617 वोट मिले और वे 10678 वोटों से हार गए.

Last Updated : Nov 15, 2023, 9:27 AM IST
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