सिंगरौली। पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल का कहना है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता को ठगा है. लोगों में इस सरकार के खिलाफ आक्रोश है. पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की लहर है. 2023 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस पार्टी सरकार बनाएगी. पूर्व मंत्री ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस यात्रा का जगह-जगह विरोध हो रहा है. जन आशीर्वाद यात्रा बीजेपी की विफलता की यात्रा है. प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, व्यापमं घोटाला, पटवारी घोटाला समेत आदिवासियों और पिछड़ी जातियों पर अत्याचार हुए हैं.
जन आक्रोश यात्रा को जनता का समर्थन : कमलेश्वर पटेल ने कहा कि जन आक्रोश यात्रा को जनता का समर्थन मिल रहा है. जनता ज्यादा से ज्यादा संख्या में कांग्रेस पार्टी से जुड़ रही है और अपना आक्रोश दिखा रही है. शिवराज सरकार में भ्रष्टाचार, घोटाले के रिकॉर्ड बने हैं. पिछड़ी जातियों पर अत्याचार हुए हैं. इससे खफा होकर जनता कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा से जुड़कर अपना आक्रोश दिख रही है. जिसका परिणाम 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से दिखेगा.
मध्यप्रदेश को कर्ज में फंसाया : शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि जिस तरह से लगातार कर्जा लेकर जनता के ऊपर बोझ डाला जा रहा है, यह कतई सही नहीं है. चुनाव के कुछ दिन पहले ही बड़ी-बड़ी योजनाओं का पिटारा खोलकर जनता को मूर्ख बनाने का काम बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं. जनता उनके मंसूबों को अच्छी तरह से समझ चुकी है और इसका जवाब देने के लिए चुनाव का इंतजार कर रही है. प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, घोटाले, भ्रष्टाचार पर महंगाई भाजपा सरकार की नाकामियों का पुख्ता सबूत हैं.
मूल मुद्दों की बात नहीं करते बीजेपी नेता : पीएम मोदी के बयान पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि ये भाजपा के नेता महान पुरुषों के विचारों पर नहीं चलते बल्कि उनका स्टेच्यू बनाते हैं. बीजेपी वास्तविक मुद्दों पर बात नहीं करते. बेरोजगारी पर बात नहीं करेंगे. अर्थव्यवस्था पर बात नहीं करेंगे. रोजगार पर बात नहीं करेंगे. स्मार्ट सिटी पर बात नहीं करेंगे. भ्रष्टाचार पर बात नहीं करेंगे. ये हमेशा धर्म की आड़ में सरकार चलाने का कार्य करते हैं. यह देश धर्मनिरपेक्ष है. जनता का ध्यान इनकी नाकामियों पर न जाए, इसलिए डिजिटल इंडिया के दावे किए गए. ना अच्छे दिन आए और ना ही काला धन आया.