सिंगरौली। जिले के जेपी कोल माइंस में बुधवार को विस्थापित परिवारों ने नौकरी संबंधी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की. हड़ताल की वजह से जेपी कोल माइंस में कार्य बंद रहा.हड़ताल कर रहे परिवारों की मांग है कि जब कंपनी की स्थापना हुई उस दौरान हुए भू अधिग्रहण में कहा गया था कि सभी विस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी, लेकिन कंपनी स्थापित होने के बाद प्रबंधन इन विस्थापित परिवारों की लगातार उपेक्षा कर रहा है. जिसकी वजह से परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
जेपी कंपनी के विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर की हड़ताल
सिंगरौली जिले के मझौली गांव के जेपी कंपनी के विस्थापित ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर कंपनी के विरुद्ध प्रदर्शन किया. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर आमरण अनशन की चेतावनी भी दी है.
सिंगरौली। जिले के जेपी कोल माइंस में बुधवार को विस्थापित परिवारों ने नौकरी संबंधी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की. हड़ताल की वजह से जेपी कोल माइंस में कार्य बंद रहा.हड़ताल कर रहे परिवारों की मांग है कि जब कंपनी की स्थापना हुई उस दौरान हुए भू अधिग्रहण में कहा गया था कि सभी विस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी, लेकिन कंपनी स्थापित होने के बाद प्रबंधन इन विस्थापित परिवारों की लगातार उपेक्षा कर रहा है. जिसकी वजह से परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
Body:दरअसल सिंगरौली जिले के जेपी कोल माइंस में आज विस्थापित परिवारों ने नौकरी संबंधी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर दी इस हड़ताल की वजह से जेपी कोल माइंस के विस्थापित मजदूर पूरी तरह से कार्य बंद कर दिये कंपनी के हजारों की संख्या में विस्थापितों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है इन परिवारों की मांग है कि जब कंपनी की स्थापना हुई उस दौरान हुए भू अधिग्रहण कहा गया था कि सभी विस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी लेकिन कंपनी स्थापित होने के बाद प्रबंधन इन विस्थापित परिवारों की लगातार उपेक्षा कर रहा है जिसकी वजह से इन परिवारों के पास रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया हैऔर कई विस्थापित परिवार के लोग जेपी कोल माइंस में मजदूरी कार्य कर रहे हैं लेकिन उनको कोल इंडिया की पूरी मजदूरी का भुगतान कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है इसको लेकर कई बार प्रबंधन से बातचीत होने के बाद भी जब कोई नतीजा नहीं निकला तो विस्थापित परिवारों ने एकजुट होकर कंपनी के विरुद्ध हड़ताल शुरू कर दी
वही विस्थापितों का कहना है कि कोल इंडिया के आधार पर मजदूरी नहीं दी जाएगी तो हम लोग हड़ताल के साथ-साथ आमरण अनशन पर भी बैठने को बाध्य हो जाएंगे
वही देवसर एसडीएम विकास सिंह का कहना है कि कलेक्टर के मार्गदर्शन में कंपनी और विस्थापितों की समस्या को लेकर 1 हफ्ते का समय दिया जा रहा है जिस दौरान कंपनी द्वारा निर्णय लेकर विस्थापितों की समस्या का निराकरण किया जाएगा
बाइट एसडीएम देवसर विकास सिंह ब्लू शर्ट में
बाइट देवसर विधायक सुभाष वर्मा सफेद शर्ट में
वाइट विस्थापित राजेश द्विवेदी
Conclusion: