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सिंगरौली में मिला सोने का भंडार, खनिज विभाग को मिलेगा करोड़ों का रेवन्यू - Chitrangi Tehsil

सिंगरौली में अब सोने की भी नीलामी की जाएगी, क्योंकि यहां दो जगहों पर सोने की खदान मिली हैं. इन खदानों से खनिज विभाग को हर साल करोड़ों रुपए का रेवन्यू मिलेगा. पॉवर हब के बाद अब सिंगरौली सोने की खदान के लिए भी मशहूर हो रहा है.

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सोने की खदान मिली
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Published : Jul 12, 2020, 7:34 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 7:54 PM IST

सिंगरौली। देशभर में जिला कोयले और बिजली के लिए मशहूर है. लेकिन अब यहां की धरती सोना भी उगलेगी. यहां दो जगहों पर सोने की खदान मिली है. कोयले के बाद एशिया में पॉवर हब की शक्ल में मशहूर सिंगरौली की चर्चा देश, प्रदेश के साथ-साथ विदेश में भी है. वहीं दूसरी ओर दो जगहों पर गोल्ड मिलने से खनिज विभाग को हर साल करोड़ों रुपए का रेवन्यू मिलेगा.

दरअसल, चितरंगी तहसील में सोने की खदान मिलने की वजह से पूरे एशिया में कोयला खदान और पॉवर प्लांट हब की शक्ल में मशहूर सिंगरौली में जीएसआई (GSI) के सर्वे के बाद सोने की खदानों की खोज की गई है, जिसके बाद राजधानी भोपाल से दिल्ली तक चर्चा जोरों पर है.

सिंगरौली से 75 किलोमीटर दूर चितरंगी तहसील में दो जगहों पर सोने की खदानों का सर्वे होने के बाद चकरिया गोल्ड ब्लॉक की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की गई है, जिसमें से 1.5 से 2 मिलियन टन गोल्ड खनिज निकलेगा, जिससे माइनिंग विभाग को हर साल करोड़ों का रेवन्यू मिलेगा.

चितरंगी में ही दूसरी खदान गुरार पहाड़ और सिल्फोरी सिधार गांव के बीच स्थित है, ये पूरी जमीन फारेस्ट विभाग की है. 147 हेक्टेयर जमीन पर 7.9 मिलियन टन गोल्ड खनिज मिलने के आसार हैं. इस खदान की नीलामी की तैयारी जारी है. जल्द ही यह भी खदान शुरू हो जाएगी. दोनों खदानों में पूरी जमीनें फारेस्ट और सरकारी हैं, जिससे विस्थापन मुआवजा जैसा कोई मामला नहीं है, बहरहाल सिंगरौली पॉवर हब के साथ-साथ सोने की खदान के लिए भी मशहूर हो रहा है.

सिंगरौली। देशभर में जिला कोयले और बिजली के लिए मशहूर है. लेकिन अब यहां की धरती सोना भी उगलेगी. यहां दो जगहों पर सोने की खदान मिली है. कोयले के बाद एशिया में पॉवर हब की शक्ल में मशहूर सिंगरौली की चर्चा देश, प्रदेश के साथ-साथ विदेश में भी है. वहीं दूसरी ओर दो जगहों पर गोल्ड मिलने से खनिज विभाग को हर साल करोड़ों रुपए का रेवन्यू मिलेगा.

दरअसल, चितरंगी तहसील में सोने की खदान मिलने की वजह से पूरे एशिया में कोयला खदान और पॉवर प्लांट हब की शक्ल में मशहूर सिंगरौली में जीएसआई (GSI) के सर्वे के बाद सोने की खदानों की खोज की गई है, जिसके बाद राजधानी भोपाल से दिल्ली तक चर्चा जोरों पर है.

सिंगरौली से 75 किलोमीटर दूर चितरंगी तहसील में दो जगहों पर सोने की खदानों का सर्वे होने के बाद चकरिया गोल्ड ब्लॉक की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की गई है, जिसमें से 1.5 से 2 मिलियन टन गोल्ड खनिज निकलेगा, जिससे माइनिंग विभाग को हर साल करोड़ों का रेवन्यू मिलेगा.

चितरंगी में ही दूसरी खदान गुरार पहाड़ और सिल्फोरी सिधार गांव के बीच स्थित है, ये पूरी जमीन फारेस्ट विभाग की है. 147 हेक्टेयर जमीन पर 7.9 मिलियन टन गोल्ड खनिज मिलने के आसार हैं. इस खदान की नीलामी की तैयारी जारी है. जल्द ही यह भी खदान शुरू हो जाएगी. दोनों खदानों में पूरी जमीनें फारेस्ट और सरकारी हैं, जिससे विस्थापन मुआवजा जैसा कोई मामला नहीं है, बहरहाल सिंगरौली पॉवर हब के साथ-साथ सोने की खदान के लिए भी मशहूर हो रहा है.

Last Updated : Jul 12, 2020, 7:54 PM IST
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