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सिंगरौली: ग्रामीणों ने रिलायंस कंपनी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

रिलायंस कोल माइंस पर ग्रामीणों ने वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. पीड़ितों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के दौरान कंपनी ने जो वादे किए थे, वो अभी तक पूरे नहीं किए हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 6:51 PM IST

ग्रामीणों ने रिलायंस कंपनी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

सिंगरौली। रिलायंस कोल माइंल की वादाखिलाफी को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण को दौरान कंपनी ने ग्रामीणों को सर्वसुविधायुक्त निवास के साथ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन छ: साल बीत जाने के बाद भी, अभी तक वादे पूरे नहीं किए गए.

ग्रामीणों ने रिलायंस कंपनी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

रिलायंस कोल माइंस ने 2013 में किसानों से जमीन अधिग्रहण के दौरान किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. जिसे लेकर क्षेत्र के किसानों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. अपनी समस्याओं को लेकर पीड़ित हर जनसुनवाई में फरियाद करते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है. कंपनी ने कुछ विस्थापित कालोनियां बनाई है, लेकिन वहां भी लोग सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. साथ ही विस्थापितों के बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

मामले से जब जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया, तो उन्होंने तत्काल सिंगरौली एसडीएम को मौके पर भेजकर मुआयना करवाया. लेकिन अभी तक शिवाय आश्वासन के ग्रामीणों को कुछ भी नहीं मिला है.

सिंगरौली। रिलायंस कोल माइंल की वादाखिलाफी को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण को दौरान कंपनी ने ग्रामीणों को सर्वसुविधायुक्त निवास के साथ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन छ: साल बीत जाने के बाद भी, अभी तक वादे पूरे नहीं किए गए.

ग्रामीणों ने रिलायंस कंपनी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

रिलायंस कोल माइंस ने 2013 में किसानों से जमीन अधिग्रहण के दौरान किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. जिसे लेकर क्षेत्र के किसानों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. अपनी समस्याओं को लेकर पीड़ित हर जनसुनवाई में फरियाद करते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है. कंपनी ने कुछ विस्थापित कालोनियां बनाई है, लेकिन वहां भी लोग सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. साथ ही विस्थापितों के बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

मामले से जब जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया, तो उन्होंने तत्काल सिंगरौली एसडीएम को मौके पर भेजकर मुआयना करवाया. लेकिन अभी तक शिवाय आश्वासन के ग्रामीणों को कुछ भी नहीं मिला है.

Intro:सिंगरौली जिले में रिलायंस कंपनी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रही है सिंगरौली जिले में 2013 में स्थापित हुई रिलायंस कंपनी द्वारा कई ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की जमीन अधिग्रहण के समय जो वादा कंपनी ने किया था वह वादा कंपनी अब तक पूरा नहीं कर पाई और इसी का नतीजा है कि 6 साल बाद भी कई ग्रामीण प्रत्येक जनसुनवाई को इन कंपनियों के खिलाफ कोई न कोई शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं


Body:दरअसल सिंगरौली जिले मैं रिलायंस कंपनी कोल माइंस 2013 में स्थापित की है जमीन अति ग्रहण करते समय जो किसानों से वादा की कंपनी ने आज तक पूरा नहीं कर पाई वही जिला प्रशासन है कि इन कंपनियों से ग्रामीणों की समस्या का हल नहीं करवा पा रहा है आलम यह है कि रिलायंस कंपनी जहां पर अपने मैगजीन का गोदाम बना रखा है उस से 15 मीटर की दूरी पर 10 घर आज भी स्थित हैं और वहां पर करीब 1 सौ से ज्यादा लोग आज भी वहां पर रह रहे हैं जबकि नियम यह है कि कंपनी के आसपास 250 मीटर के अंदर में कोई भी घर स्थित नहीं होने चाहिए लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों के बार बार कहने के बाद भी आज तक वहां पर निवास ग्रामीणों को वहां से हटवाया नहीं गया है इतना ही नहीं रिलायंस कंपनी द्वारा जो भी विस्थापित कालोनियां बनाई गई हैं उनमें आज भी लोग सड़क पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं विस्थापितों के बच्चों को स्कूल जाने ले जाने के लिए बस सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है जिससे ग्रामीण के लोग काफी परेशान हैं

वही पीड़ित विस्थापित का कहना है कि रिलायंस तो मनमानी की ही लेकिन प्रशासन भी कंपनी से मिलकर हम लोगों को जेल में बंद करा कर कार्य कराया गया



वही इस बात को लेकर जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया तो उन्होंने तत्काल सिंगरौली एसडीएम को मौके पर भेजकर मौके का मुआयना कराया साथ ही कहा कि हम इन विस्थापितों को वहां से जल्द किसी अन्य जगह भेजने का प्रावधान करवाएंगे और कंपनियों द्वारा जो भी विस्थापन के समय एग्रीमेंट किया गया था उन सभी नियमों का अवश्य रुप से पालन करवाया जाएगा


बाइट विस्थापित बौद्ध भारती


जिला कलेक्टर के जिस चौधरी की बाइट रेप से और विजुअल


Conclusion:
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