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लोकसभा चुनावः सीधी में आसान नहीं रीति पाठक की राह, नामांकन के बाद किया जीत का दावा

सीधी लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी की रीति पाठक और कांग्रेस के अजय सिंह के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. सोमवार को नामांकन भरने के बाद रीति पाठक ने अपनी जीत का दावा किया है.

नामांकन भरने से पहले रोड शो करती सांसद रीति पाठक
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Published : Apr 9, 2019, 6:16 PM IST

सिंगरौली/सीधी। विंध्य अंचल सूबे का वो हिस्सा है, जहां की चुनावी बिसात सियासी समर के बड़े-बड़े सूरमाओं से सजती है. यहां की सीधी लोकसभा सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है. बीजेपी की रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह से हैं. रीति पाठक ने शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन भी दाखिल कर दिेया है. लेकिन, सीधी में उनकी राह इस बार कुछ टेढ़ी नजर आ रही है.

क्षेत्र के लोग सांसद रीति पाठक के कामों से नाखुश नजर आते हैं. वे कहते हैं कि सांसद महोदया ने रोजगार, बिजली, पानी, स्वास्थय और शिक्षा जैसे सभी मुद्दों पर काम करने का वादा किया था. लेकिन, पिछले पांच सालों में यहां विकास के नाम पर ये काम नजर नहीं आते.

सीधी में बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक ने जमा किया नामांकन

सीधी-सिंगरौली के युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. जिसे खत्म करने का सांसद महोदया ने वादा किया था. लेकिन रोजगार न होने से क्षेत्र के लोग परेशान नजर आते हैं. सांसद खुद मानती हैं कि बिजली, पानी, सड़क जैसे कुछ काम अभी अधूरे रह गए हैं. जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा.

कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह के बाद बीजेपी की रीति पाठक ने भी शक्ति प्रदर्शन के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ कई विधायक उनके साथ नामांकन दाखिल कराने पहुंचे. रीति पाठक एक बार फिर अपनी जीत का दावा करती दिख रही है.

भले ही दोनों प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन, सीधी में रीती बनाम अजय सिंह का मुकाबला जोरदार होने की उम्मीद है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विंध्य की इस सीट पर किसका सियासी भाग्य चमकता है और किसका अस्त होता है.

सिंगरौली/सीधी। विंध्य अंचल सूबे का वो हिस्सा है, जहां की चुनावी बिसात सियासी समर के बड़े-बड़े सूरमाओं से सजती है. यहां की सीधी लोकसभा सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है. बीजेपी की रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह से हैं. रीति पाठक ने शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन भी दाखिल कर दिेया है. लेकिन, सीधी में उनकी राह इस बार कुछ टेढ़ी नजर आ रही है.

क्षेत्र के लोग सांसद रीति पाठक के कामों से नाखुश नजर आते हैं. वे कहते हैं कि सांसद महोदया ने रोजगार, बिजली, पानी, स्वास्थय और शिक्षा जैसे सभी मुद्दों पर काम करने का वादा किया था. लेकिन, पिछले पांच सालों में यहां विकास के नाम पर ये काम नजर नहीं आते.

सीधी में बीजेपी प्रत्याशी रीति पाठक ने जमा किया नामांकन

सीधी-सिंगरौली के युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. जिसे खत्म करने का सांसद महोदया ने वादा किया था. लेकिन रोजगार न होने से क्षेत्र के लोग परेशान नजर आते हैं. सांसद खुद मानती हैं कि बिजली, पानी, सड़क जैसे कुछ काम अभी अधूरे रह गए हैं. जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा.

कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह के बाद बीजेपी की रीति पाठक ने भी शक्ति प्रदर्शन के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ कई विधायक उनके साथ नामांकन दाखिल कराने पहुंचे. रीति पाठक एक बार फिर अपनी जीत का दावा करती दिख रही है.

भले ही दोनों प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन, सीधी में रीती बनाम अजय सिंह का मुकाबला जोरदार होने की उम्मीद है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विंध्य की इस सीट पर किसका सियासी भाग्य चमकता है और किसका अस्त होता है.

Intro:सिंगरौली लोकसभा संसदीय सीधी सिंगरौली सीट से एक बार बीजेपी ने फिर अपने पूर्व संसद प्रत्याशी रीति पाठक को चुनावी मैदान में उतारा है लेकिन इस बार रीति पाठक की राहें आसान नहीं क्योंकि उन्होंने 5 सालों में दर्जन से अधिक वादे किए और सरकार की सैकड़ों योजनाएं लेकिन जनता को लाभ नहीं मिला यही वजह है कि रीति पाठक की राह इस बार संसदीय क्षेत्र में आसान नहीं होंगे क्योंकि जनता से भी इन 5 सालों में रीति पाठक ने दूरी बनाए रखी है



सिंगरौली सीधी लोकसभा संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी रीति पाठक एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है लेकिन इन सबके बीच सिंगरौली जिले का युवा बुजुर्ग और आम जनता बेहद नाराज हैं क्योंकि लोगों का आरोप है कि इन 5 सालों में जनता के बीच कभी गई नहीं कभी दौड़े भी किए तो सिर्फ कार्यकर्ताओं के पास ही जिले के युवाओं का कहना है कि आज भी जिले में विस्थापन बेरोजगारी पानी सड़क बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जिले के लोग वंचित हैं स्कूलों में गुणवत्ता के आधार पर नहीं हुई शिक्षा व्यवस्था भी खराब है साथ ही


जिले के बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सांसद रीती पाठक ने 5 साल पहले चुनाव के दौरान कहा था कि जिले की बेरोजगारी दूर करेंगे पानी की समस्या दूर करेंगे विस्थापितों को मुआवजा दिलाएंगे कंपनी में आरक्षित कोटे की जो विस्थापित स्थानीय लोग हैं उन्हें नौकरी दी जाएगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ इन 5 सालों में कई लोग तो हजारों बार संसद के दरवाजे पर गए तो कई बार उन्हें मुलाकात भी नहीं की


Body:इतना ही नहीं जिले के किसानों कि संसद से बेहद नाराज है कि लगातार यूरिया डीएपी महगी होती जा रही है किसानों को किसान ऋण खेती किसानी के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर लोन मिलता है लेकिन यहां के किसानों को वह भी नहीं मिल पाता क्योंकि सांसद कभी किसानों की सुध लेती ही नहीं साथ ही यहां के बुजुर्ग लोगों का यह भी कहना है कि हम लोग बीजेपी सरकार को देखकर वोट देते रहे हैं लेकिन इस बार जिस तरह से बीजेपी ने एक बार फिर महिला प्रत्याशी रीति पाठक को मैदान में उतारा है यही वजह है कि सांसद रीती पाठक सीधी सिंगरौली लोकसभा सीट में एक बार फिर बैक फुट पर नजर आ रही हैं क्योंकि जनता के किए गए कई वादे पूरे नहीं किए हैं



हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी विंध्य क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन रहा है लेकिन इन सब के बावजूद लोकसभा चुनाव में जनता सांसद रीती पाठक से बेहद नाराज है

जिले में किसानों की स्थिति आज भी बेहद खराब है लोग बेरोजगार और पानी की समस्या से प्रधान मंत्री आवास योजना उज्ज्वल योजना राशन कार्ड जैसी कई सुविधाओं का लोगो को लाभ नहीं मिलता है यही वजह है कि लोग बेहद संसद के कार्यकारिणी से खफा है वही एक विकल्प की तलाश में भी है





Conclusion:वहीं रीति पाठक का कहना है कि हमने कई विकास कार्य किए हैं और और विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएंगे कई विकास किए जा चुके हैं इसके बावजूद भी कुछ विकास कार्य रह गए हैं उनको पूरा किया जाएगा
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