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आक्रोश की आंधी से रुकेगा बीजेपी सांसद रीति पाठक का सियासी सफर ?, ये है मतदाताओं का मूड - awareness among people

सिंगरौली के लोग सांसद रीति पाठक के काम से बेहद नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि रीति पाठक के कार्यकाल में बेरोजगारी बढ़ी, साथ ही कई विकास कार्य भी अधूरे हैं. अब उन्होंने रीति पाठक की जगह दूसरे प्रत्याशी को वोट देने का मन बना लिया है.

रीति पाठक, सांसद
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Published : Apr 1, 2019, 10:42 AM IST

सिंगरौली। बीजेपी सांसद रीति पाठक के लिए लोकसभा पहुंचना इस बार आसान नहीं है. पार्टी ने तो एक बार फिर उन पर भरोसा किया है, लेकिन संसदीय क्षेत्र के लोगों में उनके खिलाफ बेहद आक्रोश है. सिंगरौली के बाशिंदों को सांसद रीति पाठक से कई गिले-शिकवे हैं.

सांसद रीति पाठक के काम से सिंगरौली के लोग बेहद नाराज़ हैं

लोगों का कहना है कि रीति पाठक उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरीं. क्षेत्र का जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हुआ. लोगों ने कहा कि यहां बेरोजगारी है और कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं. पिछले 30 सालों से वोट करते आ रहे बुजुर्गों ने रीति पाठक की जगह दूसरे प्रत्याशी को वोट देने का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि पांच साल गुजरने वाले हैं और सांसद महोदया ने गांवों की तस्वीर नहीं देखी है.


अब सिंगरौली के लोग ऐसे उम्मीदवार को सांसद चुनना चाहते हैं, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो, जो विकास करे और लोगों की समस्याओं को हल करे. लोगों का साफ कहना है कि वह इस बार उम्मीदवार देखकर वोट करेंगे, उन्हें पार्टियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि वे देश के विकास के लिए अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं, इसलिए ऐसा सांसद चाहते हैं जो क्षेत्र का विकास करे. साथ ही उन्होंने युवाओं से मतदान करने की भी अपील की है.

सिंगरौली। बीजेपी सांसद रीति पाठक के लिए लोकसभा पहुंचना इस बार आसान नहीं है. पार्टी ने तो एक बार फिर उन पर भरोसा किया है, लेकिन संसदीय क्षेत्र के लोगों में उनके खिलाफ बेहद आक्रोश है. सिंगरौली के बाशिंदों को सांसद रीति पाठक से कई गिले-शिकवे हैं.

सांसद रीति पाठक के काम से सिंगरौली के लोग बेहद नाराज़ हैं

लोगों का कहना है कि रीति पाठक उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरीं. क्षेत्र का जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हुआ. लोगों ने कहा कि यहां बेरोजगारी है और कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं. पिछले 30 सालों से वोट करते आ रहे बुजुर्गों ने रीति पाठक की जगह दूसरे प्रत्याशी को वोट देने का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि पांच साल गुजरने वाले हैं और सांसद महोदया ने गांवों की तस्वीर नहीं देखी है.


अब सिंगरौली के लोग ऐसे उम्मीदवार को सांसद चुनना चाहते हैं, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो, जो विकास करे और लोगों की समस्याओं को हल करे. लोगों का साफ कहना है कि वह इस बार उम्मीदवार देखकर वोट करेंगे, उन्हें पार्टियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि वे देश के विकास के लिए अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं, इसलिए ऐसा सांसद चाहते हैं जो क्षेत्र का विकास करे. साथ ही उन्होंने युवाओं से मतदान करने की भी अपील की है.

Intro:सिंगरौली जिले मैं संसद द्वारा जिले में किसी भी प्रकार का विकास कार्य करने में रही नाकाम इस लोकसभा चुनाव की तारीख निर्धारित होने के बाद सियासी गलियों में पारा चढ़ने लगा है और इसी को लेकर देश ने ही नहीं बल्कि सिंगरौली जिले में भी बुजुर्गों मैं काफी आक्रोष है


Body:दरअसल सिंगरौली जिले में लोकसभा चुनाव की तारीख ऐलान होने के बाद जैसे जैसे देश व प्रदेश मैं सियासी गलियों में राजनीतिक पारा चल रहा है उसी प्रकार से सिंगरौली जिले में भी संसदीय सीट को लेकर बुजुर्गों में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा है बुजुर्गों का कहना है कि वर्तमान सांसद रही रीति पाठक तो जरूर आई लेकिन कई गांव ऐसे है जिन्हें कभी अपने गांव या bard में आते देखा ही नहीं क्योंकि लोग से उनका जुड़ाव रहा ही नहीं यही वजह है कि बुजुर्ग यह भी चाहते हैं कि इस बार जिस संसद को जित आए तो वह जनता के बीच आए और जनता से उनका सरोकार भी हो और उनके तमाम मुद्दे बिजली-सड़क-पानी बेरोजगारी विस्थापन किस समस्या बनी हुई है वही बुजुर्ग ने एक भी मत डाले से वंचित नहीं हुए हमारी मत से देश का विकास के लिए है


Conclusion:बुजुर्गों का कहना है कि हम जब मतदान करने जाते हैं तो देश के विकास को लेकर अपना मत का उपयोग करते हैं वही सभी लोगों को अपना मत का उपयोग करना चाहिए

बाइक आदित्य तिवारी
अनिल उपाध्या
रामचंद्र

मदन
dhade राम शर्मा
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