सीधी। आदिवासी विकासखंड अंतर्गत संजय टाइगर रिजर्व प्रबंधन बाघों की वंश वृद्धि की कवायद में जुट गया हैं. इसके लिए बांधवगढ़ से वापस लाई गई बाघिन को बाघ के संपर्क में लाने की तैयारी की जा रही हैं.
तीन हाथियों से की बाघ की घेराबंदी
बाघ एसडी-027 झाड़ियों में आराम कर रहा था. इसी दौरान उसे पकड़ने के लिए तीन हाथियों से उसकी घेराबंदी की गई. चिकित्सकों ने उसे तत्काल बेहोशी का इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही बाघ ने जंगल में भागने का प्रयास किया, पर दवाई के असर से वह कुछ दूर चलने के बाद गिर गया.
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मोहन रेंज में बना रहे नया रहवास क्षेत्र
मोहन रेंज की खरसोती बीट के आसपास बाघों का नया रहवास बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं. इसलिए यहां बाघिन को छोड़ा गया हैं. बाघिन अभी बाड़े से दो किलोमीटर का सफर कर जंगल में हैं. उसे हमसफर उपलब्ध कराने की तैयारी में अमला जुट गया है. इसके लिए दो दिन ऑपरेशन चलाकर बाघ एसडी-027 को ट्रैकुलाइज कर पकड़ा गया. कुसमी में अब एक बाघ आ जाने के कारण पर्यटकों में खुशी का माहौल बना हुआ है. बाघ और बाघिन के आ जाने से अब बाघों की संख्या भी बढ़ेगी.