सीधि। जिला मुख्यालय से करीबन 60 किलोमीटर की दूरी पर पिपराव चौकी के पास ग्राम पंचायत क्षेत्र बघवार है. जहां जिला अस्पताल और खंड चिकित्सालय भी काफी दूर है. जिसका फायदा झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे थे. जैसे ही इसकी भनक नवागत रामपुर नैकिन तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला को मिली तो तत्काल मौके पर पहुंच कर उन्होंने क्लीनिक को सील किया. बता दें कि पूरी कार्रवाई में तहसीलदार रामपुर नैकिन शिव शंकर शुक्ला, नायब तहसीलदार अमृता सुमन, नायब तहसीलदार हनुमानगढ़ सुधीर मोहन अग्रवाल, चौकी प्रभारी पिपरा विशाल शर्मा, बीएमओ रामपुर नैकिन डॉ प्रशांत तिवारी और अन्य स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सभी ने मिलकर क्लीनिक को सील कर दिया है.
मुखबिर से मिली सूचना
झोलाछाप डॉक्टर अवैध क्लीनिक का संचालन करीबन 15 साल से कर रहे थे. जिस पर प्रशासन की नजर भी नहीं थी. जबकि मेन रोड में रहने के बाद भी प्रशासन इन पर शिकंजा नहीं कस पा रही थी. जैसे ही मुखबिर की सूचना मिली कि झोलाछाप डॉक्टर इन दिनों मोटी रकम लोगों से वसूल रहे हैं और लोगों को गलत दवाई दे रहे हैं. ऐसे में तहसील रामपुर नैकिन जिला अधिकारी से परमिशन लेकर तत्काल मौके पर पहुंचे. यहां उन्होंने क्लीनिक में रखी हजारों रुपये की दवाइयां बोतलें जब्त कर ली. वहीं क्लीनिक में कुछ ऐसी मशीनें भी रखीं थीं, जो सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर के पास ही होती हैं.
मरने के बाद भी डॉक्टर करते रहे कोरोना मरीज का इलाज !
झोलाछाप डॉक्टर भोले भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे थे. जिस पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए न केवल क्लीनिक को सील किया. बल्कि एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई कर डॉक्टर को हिरासत में ले लिया है. बता दें कि नवागत रामपुर नैकिन तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला के आते ही कार्रवाइयों का दौर शुरू हो गया है. झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध एक अभियान सा चल गया है. हाल ही में अभी कुछ दिन पहले एक झोलाछाप डॉक्टर पर गाज गिरी थी.