सीधी। जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. 13 मई को एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. जिसकी पहचान न होने के कारण जमोड़ी थाना पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया. लेकिन बहरी थाना अंतर्गत ग्राम रामडीह अमरपुर के कुछ लोग अपने परिवार के सदस्य बृजेन्द्र गौतम (47 वर्ष) की खोज करते हुए 14 मई को जमोड़ी थाना पहुँचे. शख्स की फ़ोटो और कपड़े परिजन को दिखाये गए, जिसको देखकर परिवार के लोगों ने मृतक की शिनाख़्त की. तहसीलदार गोपद वनास की अनुमति और नायाब तहसीलदार दीपेंद्र तिवारी, डीएसपी मयंक तिवारी, जमोड़ी थाना प्रभारी शेषमनी मिश्रा एवं परिजनों की उपस्थिति में दफन शव को बाहर निकाला गया.
पुलिस की व्यवस्था को लेकर गुस्सा: बहरहाल अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर जिले में डीप फ्रीजर की व्यस्था है तो उसका उपयोग क्यों नही किया जा रहा है? अगर फ्रिज खराब है तो उसका जबाबदार कौन है? दफन शव को बाहर निकालने के बाद लोगों का गुस्सा भी भड़का और थाने पर जोरदार हंगामा हुआ. (protest over taking out dead body buried in Sidhi) बाद में पुलिस के अधिकारियों ने समझा-बुझाकर लोगों को मृतक का शव हैंडओवर किया और हंगामा शांत कराया.
पत्नी की हत्या कर शव को जमीन में दफनाया, फिर पति ने खुद पी लिया जहर
मृतक के परिजनों द्वारा आक्रोशित होकर पुलिस पर आरोप लगाया गया कि...
पुलिस ने किसी भी सोशल प्लेटफार्म में अज्ञात शव की जानकारी नहीं दी, और न ही मीडिया के माध्यम से जानकारी दी गई है. अगर जानकारी दी जाती तो हम लोग शव को ले जाते और हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करते.
-मृतक परिजन
24 घंटे तक शव को पहचान करने के लिए रखा गया था. शव खराब न हो इसी वजह से उसे दफना दिया गया और हमारे द्वारा जिले के सभी थानों में और तहसील में जानकारी दी गई थी.-पुलिस