सीधी। कुसमी ब्लॉक के संजय टाइगर रिजर्व वन परिक्षेत्र पोड़ी के गिजोहर में शनिवार की रात 11 वर्षीय बच्चे को तेंदुआ घर से उठा ले गया. तेंदुए के हमले के समय रामबहादुर बैगा का 11 वर्षीय बेटा कमल बैगा घर में अपने तीन भाई बहनों के साथ पढ़ाई कर रहा था. (Sidhi Leopard Attack) रात के करीब 8 बजे कक्षा 4 में पढ़ने वाले बच्चे को तेंदुआ बाउंड्री की खिड़की से अंदर घुसकर अपना निवाला बना लिया. ये देखकर अन्य बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया. बच्चों की आवाज सुनकर परिजन जब पहुंचे तब तक बच्चे जानवर उठा ले गया था. इस घटना की खबर गांव में फैली तो गिजोहर सहित आस पास के गांव के लोगों ने मासूम की तलाश शुरू कर दी है.
गांव में दहशत: जिले के संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के ग्राम पंचायत खैरी के गिजोहर मे ये दूसरी घटना सामने आई है. पूरा गांव जंगल की तरफ बच्चे को ढूंढ रहा है लेकिन बच्चे का कोई पता नहीं चल पाया है. वहीं खैरी ग्राम पंचायत में पोडी क्षेत्रीय भाजपा नेता, कांग्रेस नेता एवं अन्य ग्रामीण एकत्रित हो गए हैं परिवार को सहानुभूति दे रहे हैं लेकिन बच्चे का पता नहीं लग पाया है. ये टाइगर रिजर्व की दूसरी घटना है, जिसको को लेकर पूरा गांव दहशत में है. मौके पर टाइगर रिजर्व का कोई भी कर्मचारी नहीं पहुंचा है, वहीं प्रशासनिक कर्मचारियों में पटवारी मौके पर पहुंचे हुए हैं जहां बच्चे की खोजबीन जारी है.

कुछ दिन पहले भी हुई थी घटना: ठीक एक माह पहले भी वन परिक्षेत्र पोंडी के चंदवारिया टोला से एक सात वर्षीय मासूम को खूनी तेंदुआ शाम तकरीबन 6 बजे खलिहान से उठाकर ले गया था. ग्रामीणों सहित वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा खोजबीन के पश्चात घटना स्थल से तकरीबन तीन सौ मीटर की दूरी पर मासूम का शव खून से लथपथ बरामद किया गया था. घटना का जायजा लेने धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम जिला कलेक्टर साकेत मालवीय एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीधी राहुल धोटे सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि घटना स्थल पर पहुंचे थे. इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा खूनी तेंदुआ को रेस्क्यू ऑपरेशन कर पकड़ने की मांग की गई थी.
आदमखोर तेंदुआ का हो चुका है रेस्क्यू: ग्रामीणों की मांग पर धौहनी विधायक की पहल पर संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा पिंजड़ा रखकर आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने का प्रयास किया गया था और अंततः घटना के चार दिनों बाद खूनी तेंदुआ बकरी के शिकार के लालच में पिंजरे में कैद हो गया था. ठीक एक माह बाद फिर से उसी घटना की पुनरावृत्ति से आस पास के गांव में जहां दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं इस घटना से गांव में मातम भी पसरा हुआ है.