सीधी। मध्यप्रदेश की पिछली बीजेपी सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा कर गए थे, लेकिन अब तक पार्किंग प्लेस के अलावा शहर में कोई दूसरा कार्य शुरू नहीं हो सका है, वहीं स्थानीय लोग मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य अधर में लटके होने से नाराज हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट में पैसों की बंदरबांट हुई है.
सीधी शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर गए थे, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये आ भी चुके हैं, लेकिन अब तक शहर में देखा जाए तो जगह-जगह गंदगी दिखाई देती है साथ ही अव्यवस्थित ट्रैफिक, पार्किंग,बदहाल बस स्टैंड और अधूरे पड़े पुल जैसी कई समस्याएं शहर में हैं जिनसे शहरवासी परेशान हैं.
मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा को लगभग 9 माह हो चुके हैं, लेकिन शहर में सिर्फ दो जगहों सम्राट चौराहा और गांधी चौराहा पर पार्किंग स्थल की व्यवस्था की गई है, जो कि आधी अधूरी पड़ी है और काम रुक गया है.
बहरहाल, सीधी वासियों ने मिनी स्मार्ट सिटी का जो सपना देखा था, उसकी गति देख कर तो नहीं लगता कि मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य 18 माह में पूरा हो जाना है ऐसे में देखना होगा कि शहरवासियों को मिनी स्मार्ट सिटी का सपना कब तक पूरा होता है.