सीधी। सनातन धर्म में मां का दर्जा सबसे ऊपर क्यों माना जाता है. इसकी सच्चाई बयां करती है सीधी जिले की एक मां की कहानी. औरत को कमजोर कहने और मानने वाले लोग इस मां की जीवटता देखकर अपनी सोच बदलने को मजबूर हो जाएंगे. इस मां ने अपनी ममता के साथ-साथ साहस दिखाते हुए अपने बच्चे को तेंदुए के जबड़े से वापस छीन लिया था. संकट की घड़ी में दुर्गा का रूप धारण करने वाली इस मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए करीब एक किमी. तक तेंदुए का पीछा किया था. उसके इस अदम्य साहस को देखते हुए राष्ट्रपति ने उसे जीवन रक्षा पदक से सम्मानित करने का निर्णय लिया है.
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सीएम शिवराज ने भी की थी तारीफः सीधी जिले की एक मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गई थी. तेंदुए को भगाकर वह अपने बच्चे को मौत के मुंह से छीन लाई थी. हमले में बच्चे की गाल, पीठ और एक आंख में गंभीर चोट आई थी. लेकिन महिला की बहादुरी के कारण बच्चे की जान बच गई. घायल बच्चे को उपचार के लिए कुसमी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला की बहादुरी के चर्चे हर तरफ हो रहे थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उनकी तारीफ की थी.
तेंदुए ने अचानक बोला था हमलाः कुसमी ब्लॉक में संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज में एक गांव है बाड़ी झरिया. यह तीन तरफ से पहाड़ से घिरा हुआ है. इस गांव की निवासी शंकर बैगा की पत्नी किरण बैगा देर शाम अपने बच्चों के साथ अलाव के पास बैठी आग सेक रही थीं. एक बच्चा किरण की गोद में था, जबकि दो बच्चे पास ही बैठे थे. इसी बीच अचानक तेंदुए ने हमला बोल दिया. तेंदुए ने एक बच्चे को मुंह में उठाया और वहां से ले निकल भागा. किरण ने हिम्मत दिखाई और अंधेरे में ही तेंदुए के पीछे भागी. करीब एक किलोमीटर दूर तक तेंदुए के पीछे जाकर किरण अपने बच्चे को बचाकर लाने में सफल रही.
तेंदुए से भिड़ने जख्मी हो गई थी मांः किरण ने बताया कि करीब एक किलोमीटर दूर जाकर तेंदुआ उसके बच्चे को अपने पंजों से दबाकर बैठ गया था. किरण उससे बच्चे को छीनने की कोशिश की और वह कामयाब हो गई. तेंदुए ने उसपर भी वार किए लेकिन तब तक गांव के लोग भी मौके पर पहुंच गए. भीड़ को देखकर तेंदुआ जंगल की ओर से भाग गया था.वन अधिकारी के मुताबिक, तेंदुए के हमले में बच्चे की पीठ, गाल और आंख में चोट आई थी. उसका उपचार कुसमी अस्पताल में चल रहा है. घायल बच्चे के उपचार का पूरा खर्च वन विभाग उठा रहा है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को सहयोग राशि भी प्रदान की गई थी.
एसडीएम की अनुशंसा पर मिल रहा पुरस्कारः कुसमी एसडीएम आरके सिन्हा की अनुशंसा पर किरण बैगा को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है. उन्होंने बताया कि हमने उनके नाम के साथ उनके साहस का भी पुरस्कार पाने के लिए उल्लेख किया था. उन्होंने कहा कि जिस अदम्य साहस और वीरता का परिचय देकर एक मां ने अपने बच्चे को बचाया था वह सब को जानना चाहिए. यह घटना सभी माताओं के लिए प्रेरणा बन सकती है.