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सीधी: कोरोना काल में महंगाई की मार, सब्जियों के बढ़ते दामों से आम आदमी बेजार - सब्जी के दाम बढ़े

देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं, जिस वजह से आम आदमी को जीवनयापन के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

rising price of vegetables
सब्जी दाम से आदमी बेजार
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Published : Jun 28, 2020, 8:11 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 1:11 PM IST

सीधी। एक ओर पूरे देश को कोरोना महामारी ने घेर रखा वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाये जा रहे पेट्रोल-डीजल के दामों ने आम आदमी को महंगाई में घेर लिया है. दिनों दिन बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों के बाद अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में इस महामारी के दौर में आम आदमी अब सब्जियां खरीदने को लेकर भी सोचने को मजबूर हो गया है.

सब्जी दाम से आदमी बेजार

सीधी का बाजार यहां की लोकल सब्जियों पर ही ज्यादा निर्भर है. लेकिन बेमौसम बारिश से इस साल पूरी तरह से सब्जी की फसल खराब हो गई है. यही वजह है कि सब्जियों को जिले के बाहर से मंगाया जा रहा है जिससे उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं.

पेट्रोल-डीजल के दाम डाल रहे सब्जियों के दाम पर असर

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से ट्रांस्पोर्टेशन चार्ज भी महंगा हो गया है. जिस वजह से बाहर से आ रही सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं. जिले में 75 से 80 फीसदी सब्जियों की आपूर्ति लोकल सब्जियों से ही होती है. साथ ही दूसरे जिलों के मंडियों में भी बड़ी तादाद में यहां से सब्जियों का निर्यात किया जाता है. लेकिन खराब फसल के कारण बाहर से सब्जियां मंगाई जा रही हैं. जिले के बाजार फिलहाल रीवा, सतना, जबलपुर और दूसरे पड़ोसी जिलों से आने वाली सब्जियों पर निर्भर हैं.

जानें सीधी में सब्जियों के दाम-

  • प्याज 15 से 20 रुपए किलो
  • टमाटर 60 से 70 रुपए किलो
  • भिंडी 40 रुपए किलो
  • कुम्हड़ा(कद्दू) 30 रुपए किलो
  • आलू 25 रुपए किलो
  • लौकी 40 रुपए किलो


बेमौसम बरसात ने जहां सब्जियों की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है, वहीं बाहर से आने वाली सब्जियों में लगने वाला भाड़ा ग्राहकों की जेब पर डांका डाल रहा है. दूसरी तरफ सीधी जिले की सब्जियों के मुकाबले बाहरी सब्जियां लोगों को पसंद भी कम आ रही हैं, लेकिन सब्जी के बिना लोगों का काम भी नहीं चलता ऐसे में लोगों के सामने बाजार में उपलब्ध सब्जी खरीदे के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

सीधी। एक ओर पूरे देश को कोरोना महामारी ने घेर रखा वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाये जा रहे पेट्रोल-डीजल के दामों ने आम आदमी को महंगाई में घेर लिया है. दिनों दिन बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों के बाद अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में इस महामारी के दौर में आम आदमी अब सब्जियां खरीदने को लेकर भी सोचने को मजबूर हो गया है.

सब्जी दाम से आदमी बेजार

सीधी का बाजार यहां की लोकल सब्जियों पर ही ज्यादा निर्भर है. लेकिन बेमौसम बारिश से इस साल पूरी तरह से सब्जी की फसल खराब हो गई है. यही वजह है कि सब्जियों को जिले के बाहर से मंगाया जा रहा है जिससे उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं.

पेट्रोल-डीजल के दाम डाल रहे सब्जियों के दाम पर असर

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से ट्रांस्पोर्टेशन चार्ज भी महंगा हो गया है. जिस वजह से बाहर से आ रही सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं. जिले में 75 से 80 फीसदी सब्जियों की आपूर्ति लोकल सब्जियों से ही होती है. साथ ही दूसरे जिलों के मंडियों में भी बड़ी तादाद में यहां से सब्जियों का निर्यात किया जाता है. लेकिन खराब फसल के कारण बाहर से सब्जियां मंगाई जा रही हैं. जिले के बाजार फिलहाल रीवा, सतना, जबलपुर और दूसरे पड़ोसी जिलों से आने वाली सब्जियों पर निर्भर हैं.

जानें सीधी में सब्जियों के दाम-

  • प्याज 15 से 20 रुपए किलो
  • टमाटर 60 से 70 रुपए किलो
  • भिंडी 40 रुपए किलो
  • कुम्हड़ा(कद्दू) 30 रुपए किलो
  • आलू 25 रुपए किलो
  • लौकी 40 रुपए किलो


बेमौसम बरसात ने जहां सब्जियों की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है, वहीं बाहर से आने वाली सब्जियों में लगने वाला भाड़ा ग्राहकों की जेब पर डांका डाल रहा है. दूसरी तरफ सीधी जिले की सब्जियों के मुकाबले बाहरी सब्जियां लोगों को पसंद भी कम आ रही हैं, लेकिन सब्जी के बिना लोगों का काम भी नहीं चलता ऐसे में लोगों के सामने बाजार में उपलब्ध सब्जी खरीदे के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 1:11 PM IST
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