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सीधीः कलेक्टर के आदेश के बाद भी 18 महीनों में नहीं बन पाई सड़क, ग्रामीण परेशान - Majhauli Block

कलेक्टर के आदेश के बाद भी सड़क नहीं बनने से ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन के लोग कलेक्टर के गुमराह कर रहे हैं.

Unconstructed road
कच्चा रास्ता
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Published : Nov 3, 2020, 1:10 AM IST

सीधी। जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी मझौली ब्लॉक अंतर्गत नदहा गांव की रोड 17 जुलाई 2019 को कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने ग्रामीणों की मांग पर बनाने का आदेश दिया था. लेकिन 18 महीना बीतने के बावजूद भी जिम्मेदारों की अनदेखी से सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम पंचायत नदहा के दक्षिण टोला में आजादी के बाद से ही सड़क नहीं बन पाई थी. कलेक्टर रवींद्र चौधरी आंगनबाड़ी के कार्यक्रम में नदहा आए हुए थे. ग्रामीणों ने कच्ची सड़क के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी. जिसके बाद कलेक्टर ने तत्कालीन मझौली एसडीएम अखिलेश सिंह समेत आला अधिकारियों को सड़क निर्माण करने का आदेश दिया था.

ग्रामीणों का कहना है कि मेन रोड से प्राथमिक पाठशाला में नदहा तक मध्यप्रदेश शासन की जमीन है. वहीं स्कूल के नीचे नदी से इमली टोला तक भी सरकारी जमीन है.जो कच्ची सड़क नक्शा व खसरा में पूर्व से ही दर्ज है. बताया जाता है कि धीरे-धीरे भू माफियाओं ने शासकीय प्राथमिक पाठशाला नदहा की 1 एकड़ 33 डिसमिल जमीन पर कब्जा करना शुरू किया, अब ये जमीन एक एकड़ से भी कम बची है. भू-माफियाओं ने पूरे स्कूल की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है.

वहीं जिम्मेदार सड़क निर्माण नहीं कराने के इरादे से कलेक्टर को गुमराह करते हुए जमीन नहीं होने का हवाला दे रहे हैं.जबकि पूर्व से ही मध्यप्रदेश शासन की जमीन है. ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि मझौली के पूर्व एसडीएम अखिलेश सिंह दल बल के साथ आए थे और पूरा सड़क निर्माण कराने के लिए जमीन चिन्हित भी किया.लेकिन एसडीएम के बदले जाने के बाद से ही यह काम अधर में लटका हुआ है.

सीधी। जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी मझौली ब्लॉक अंतर्गत नदहा गांव की रोड 17 जुलाई 2019 को कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने ग्रामीणों की मांग पर बनाने का आदेश दिया था. लेकिन 18 महीना बीतने के बावजूद भी जिम्मेदारों की अनदेखी से सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ग्रामीणों के मुताबिक ग्राम पंचायत नदहा के दक्षिण टोला में आजादी के बाद से ही सड़क नहीं बन पाई थी. कलेक्टर रवींद्र चौधरी आंगनबाड़ी के कार्यक्रम में नदहा आए हुए थे. ग्रामीणों ने कच्ची सड़क के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी. जिसके बाद कलेक्टर ने तत्कालीन मझौली एसडीएम अखिलेश सिंह समेत आला अधिकारियों को सड़क निर्माण करने का आदेश दिया था.

ग्रामीणों का कहना है कि मेन रोड से प्राथमिक पाठशाला में नदहा तक मध्यप्रदेश शासन की जमीन है. वहीं स्कूल के नीचे नदी से इमली टोला तक भी सरकारी जमीन है.जो कच्ची सड़क नक्शा व खसरा में पूर्व से ही दर्ज है. बताया जाता है कि धीरे-धीरे भू माफियाओं ने शासकीय प्राथमिक पाठशाला नदहा की 1 एकड़ 33 डिसमिल जमीन पर कब्जा करना शुरू किया, अब ये जमीन एक एकड़ से भी कम बची है. भू-माफियाओं ने पूरे स्कूल की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है.

वहीं जिम्मेदार सड़क निर्माण नहीं कराने के इरादे से कलेक्टर को गुमराह करते हुए जमीन नहीं होने का हवाला दे रहे हैं.जबकि पूर्व से ही मध्यप्रदेश शासन की जमीन है. ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि मझौली के पूर्व एसडीएम अखिलेश सिंह दल बल के साथ आए थे और पूरा सड़क निर्माण कराने के लिए जमीन चिन्हित भी किया.लेकिन एसडीएम के बदले जाने के बाद से ही यह काम अधर में लटका हुआ है.

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