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आरटीओ विभाग में दलालों का बोलबाला, लोग फर्जी लायसेंस के हो रहे शिकार - Direct news

सीधी जिले में जिला परिवहन विभाग में बैठे दलालों की वजह से वाहन चालक फर्जी लाइसेंस लेकर बेखौफ दौड़ रहे हैं. पता तब चलता है जब किसी हादसे के बाद बीमा कंपनी चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को फर्जी करार दे देते हैं.

People are becoming victims of fake licenses
लोग फर्जी लायसेंस के हो रहे शिकार
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Published : Dec 26, 2019, 1:02 AM IST

सीधी। जिले में जिला परिवहन विभाग में बैठे दलालों की वजह से सड़क पर चलने वाले वाहन चालक फर्जी लाइसेंस लेकर बेखौफ दौड़ रहे हैं. पता तब चलता है जब किसी हादसे के बाद बीमा कंपनी चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को फर्जी करार दे देते हैं.

लोग फर्जी लायसेंस के हो रहे शिकार

विजय यादव नाम की एक वाहन चालक और उसका वाहन मालिक फर्जी लाइसेंस का शिकार होकर कोतवाली पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा है. पीड़ित का कहना है कि उसने 5 महीने पहले आरटीओ में मौजूद जितेंद्र द्विवेदी से 3500 रुपये देकर हैवी लाइसेंस बनवाया था. वाहन मालिक का कहना है कि हादसे के बाद वाहन चालक का लाइसेंस बीमा कंपनी जो हमने भेजा तो है फर्जी करा दे दिया गया. नेट पर भी सर्च किया गया तो फर्जी बता रहे हैं ऐसे में बीमा का क्लेम बीमा कंपनी नहीं देती है, इससे वाहन मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

सीधी एएसपी अंजू लता का कहना है कि शिकायत आई है तथ्यों की बारीकी से जांच कराई जाएगी, जिसके बाद दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी.

सीधी। जिले में जिला परिवहन विभाग में बैठे दलालों की वजह से सड़क पर चलने वाले वाहन चालक फर्जी लाइसेंस लेकर बेखौफ दौड़ रहे हैं. पता तब चलता है जब किसी हादसे के बाद बीमा कंपनी चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को फर्जी करार दे देते हैं.

लोग फर्जी लायसेंस के हो रहे शिकार

विजय यादव नाम की एक वाहन चालक और उसका वाहन मालिक फर्जी लाइसेंस का शिकार होकर कोतवाली पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा है. पीड़ित का कहना है कि उसने 5 महीने पहले आरटीओ में मौजूद जितेंद्र द्विवेदी से 3500 रुपये देकर हैवी लाइसेंस बनवाया था. वाहन मालिक का कहना है कि हादसे के बाद वाहन चालक का लाइसेंस बीमा कंपनी जो हमने भेजा तो है फर्जी करा दे दिया गया. नेट पर भी सर्च किया गया तो फर्जी बता रहे हैं ऐसे में बीमा का क्लेम बीमा कंपनी नहीं देती है, इससे वाहन मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

सीधी एएसपी अंजू लता का कहना है कि शिकायत आई है तथ्यों की बारीकी से जांच कराई जाएगी, जिसके बाद दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर- सीधी में जिला परिवहन विभाग में बैठे दलालों की वजह से सड़क पर चलने वाले वाहन चालक फर्जी लाइसेंस लेकर बेख़ौफ़ दौड़ रहे हैं पता तब चलता है जब किसी हादसे के बाद बीमा कंपनी चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को फर्जी करार दे देते हैं ऐसा ही एक मामला आज सीधी में सामने आया है जहां पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को की है और पुलिस ने जल्द जांच का भरोसा पीड़ित को दिलाया है।


Body:वाइस ओवर(1)- सीधी में आरटीओ विभाग में बैठे दलालों की वजह से आम जनता परेशान है फर्जी लाइसेंस बनाकर जमकर जनता को लूटा जा रहा है विजय यादव नाम की एक वाहन चालक और उसका वाहन मालिक फर्जी लाइसेंस का शिकार होकर कोतवाली पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा है पीड़ित का कहना है कि उसने 5 माह पहले आरटीओ में मौजूद जितेंद्र द्विवेदी से 3500 रुपए देकर हैवी लाइसेंस बनवाया था वहीं वाहन मालिक का कहना है कि हादसे के बाद वाहन चालक का लाइसेंस बीमा कंपनी जो हमने भेजा तो है फर्जी करा दे दिया गया नेट पर भी सर्च किया गया तो फर्जी बता रहे हैं ऐसे में बीमा का क्लेम बीमा कंपनी नहीं देती है इससे वाहन मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
बाइट(1)विजय यादव(पीड़ित चालक)
बाइट(2) जे पी शुक्ला(वाहन मालिक)
वाइस ओवर(2) जिस पर पीड़ितों द्वारा पहले कोतवाली शिकायत लेकर पहुंची लेकिन मामला जमोडी थाना क्षेत्र का होने की वजह से जमोडी थाना पुलिस को शिकायत की गई सीधी एएसपी अंजू लता पटले का कहना है कि शिकायत आई है तथ्यों की बारीकी से जांच कराई जाएगी दोषी होने पर कार्यवाही की जाएगी।
बाइट(3) अंजू लता पटले एएसपी सीधी मध्य प्रदेश


Conclusion:बहर हाल सीधी जिले में आरटीओ विभाग से पीड़ित ऐसे एक नहीं बल्कि अनेक लोग हैं दलालों की वजह से आम जनता की जेबों को काटा जा रहा है बल्कि लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया जा रहा है सवाल उठता है कि किसी भी लाइसेंस में जिला परिवहन विभाग अधिकारी के हस्ताक्षर की जारी नहीं होता ऐसे में देखना होगा कि पुलिस किन किन तथ्यों को जांच में लेती है और कौन-कौन घेरे में आ सकते है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकता है।
पवन तिवारी ईटीवी फलक सीधी मध्य प्रदेश
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