ETV Bharat / state

बेटे के लिए तेंदुए से भिड़ गई मां, पढ़ें मर्दानी किरण की हिम्मत भरी दास्तां - sidhi woman saves child with a leopard

सीधी में एक मां की आंखों के सामने से तेंदुआ उसके बच्चे को उठाकर (tiger attack in sidhi) ले गया. इस पर महिला ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए के पीछे भाग गई और उसके चुंगल से अपने बच्चे को छुड़ा लायी. जिले में हर कोई मां के पराक्रम की तारीफ कर रहा है. सीधी में टाइगर का हमला कोई पहला मामला नहीं है लेकिन बहादुरी का ये किस्सा जरुर नया है.

sidhi main baagh se ladi maa
सीधी में बाघ से लड़ी मां
author img

By

Published : Nov 30, 2021, 12:35 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 2:44 PM IST

सीधी। कहते हैं भगवान हर जगह रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए उसने मां को बनाकर भेजा है. यह बात बैगा समाज की आदिवासी महिला किरण पर बिलकुल सटीक बैठती है. दरअसल किरण के आठ वर्षीय बेटे को तेंदुए (tiger attack in sidhi) मुंह में दबाकर ले गया. जब किरण ने यह देखा तो वह उसके पीछे अकेले ही दौड़ गई और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को निकाल लायी. सीधी की बहादुर महिला ने तेंदुए से बच्चे को बचाया और अब लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे.

बच्चे को उठा ले गया था बाघ

किरण से जब इस घटना के बारे में बात की गई तो उन्होंने सारी दास्तां खुद बतायी-

रविवार शाम 7:00 बजे के आसपास मैं तीनों बच्चों को ठंड से बचाने के लिए घर के पास ही अलाव जलाकर बैठी हुई थी. इस दौरान एक बच्चा गोद में बैठा था और बाकी के दोनों बच्चे अगल-बगल बैठे थे. तभी पीछे से अचानक जंगली तेंदुए आ गया. चीता मेरे 8 साल के बेटे राहुल को मुंह में दबोचकर ले भागा. मैं उसी हालत में चीखती-चिल्लाती हुई अंधेरे में ही तेंदुए के पीछे भागी. मैंने कुछ नहीं सोचा, जान की परवाह किये बगैर मैं नंगे पैर जंगल की ओर दौड़ पड़ी. जंगल में एक किलोमीटर जाकर तेंदुएरुक गया और मेरे बेटे को पंजों में दबोचकर बैठ गया. मैंने हौसला करते हुए तेंदुए की ओर बढ़ी. किसी तरह हल्ला मचाते हुए मैंने बच्चे को तो छुड़ा लिया, लेकिन तेंदुए शांत नहीं हुआ. उसने फिर से हम मां-बेटे पर हमला किया. इस बार मैंने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए के पंजे को पीछे की ओर धकेल दिया. तब तक गांव के अन्य लोग आ गये और तेंदुए वहां से भाग गया. इसके बाद मैं बेहोश हो गई. जब मेरी आंखे खुती तो मैं अस्पताल में थी.

क्या बोले पर्यटन अधिकारी
वहीं क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी वसीम भूरिया ने कहा कि छोटा तेंदुआ था, जिसने बच्चे को घायल (tiger injured child in sidhi) कर दिया था. बच्चे के पीठ, गाल और आंख में चोटें आई हैं. सूचना पर घायल बच्चे को कुसमी अस्पताल में भर्ती करा दिया. वहीं परिवार को तत्कालीन सहायता के रूप में एक हजार रुपये की राशि दे दी है. उपचार पर जो भी खर्चा होगा उसक वहन मेरे द्वारा किया जाएगा.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के सामने पहुंचे 6 बाघ, आप भी देखें रोमांचक नजारा

बता दें कि कुसमी ब्लॉक में संजय टाइगर बफर जोन (sanjay tiger buffer zone) और टमसार रेंज आती है. यह इलाका तीनों ओर से पहाड़ों से घिरा है. इसी इलाके में बाड़ीझरिया गांव है. इस गांव की बैगा जनजाति की महिला किरण के बेटे को चिता रविवार शाम सात बजे उठा ले गया था, जिसे बच्चे की मां ने साहस दिखाते हुए तेंदुए के चुंगल से छुड़ा लिया है. चीते के हमले से 8 वर्षीय राहुल बैगा पिता शंकर बैगा घायल हो गया है. जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कराया गया है.

सीधी। कहते हैं भगवान हर जगह रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए उसने मां को बनाकर भेजा है. यह बात बैगा समाज की आदिवासी महिला किरण पर बिलकुल सटीक बैठती है. दरअसल किरण के आठ वर्षीय बेटे को तेंदुए (tiger attack in sidhi) मुंह में दबाकर ले गया. जब किरण ने यह देखा तो वह उसके पीछे अकेले ही दौड़ गई और तेंदुए के जबड़े से अपने बेटे को निकाल लायी. सीधी की बहादुर महिला ने तेंदुए से बच्चे को बचाया और अब लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे.

बच्चे को उठा ले गया था बाघ

किरण से जब इस घटना के बारे में बात की गई तो उन्होंने सारी दास्तां खुद बतायी-

रविवार शाम 7:00 बजे के आसपास मैं तीनों बच्चों को ठंड से बचाने के लिए घर के पास ही अलाव जलाकर बैठी हुई थी. इस दौरान एक बच्चा गोद में बैठा था और बाकी के दोनों बच्चे अगल-बगल बैठे थे. तभी पीछे से अचानक जंगली तेंदुए आ गया. चीता मेरे 8 साल के बेटे राहुल को मुंह में दबोचकर ले भागा. मैं उसी हालत में चीखती-चिल्लाती हुई अंधेरे में ही तेंदुए के पीछे भागी. मैंने कुछ नहीं सोचा, जान की परवाह किये बगैर मैं नंगे पैर जंगल की ओर दौड़ पड़ी. जंगल में एक किलोमीटर जाकर तेंदुएरुक गया और मेरे बेटे को पंजों में दबोचकर बैठ गया. मैंने हौसला करते हुए तेंदुए की ओर बढ़ी. किसी तरह हल्ला मचाते हुए मैंने बच्चे को तो छुड़ा लिया, लेकिन तेंदुए शांत नहीं हुआ. उसने फिर से हम मां-बेटे पर हमला किया. इस बार मैंने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए के पंजे को पीछे की ओर धकेल दिया. तब तक गांव के अन्य लोग आ गये और तेंदुए वहां से भाग गया. इसके बाद मैं बेहोश हो गई. जब मेरी आंखे खुती तो मैं अस्पताल में थी.

क्या बोले पर्यटन अधिकारी
वहीं क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी वसीम भूरिया ने कहा कि छोटा तेंदुआ था, जिसने बच्चे को घायल (tiger injured child in sidhi) कर दिया था. बच्चे के पीठ, गाल और आंख में चोटें आई हैं. सूचना पर घायल बच्चे को कुसमी अस्पताल में भर्ती करा दिया. वहीं परिवार को तत्कालीन सहायता के रूप में एक हजार रुपये की राशि दे दी है. उपचार पर जो भी खर्चा होगा उसक वहन मेरे द्वारा किया जाएगा.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के सामने पहुंचे 6 बाघ, आप भी देखें रोमांचक नजारा

बता दें कि कुसमी ब्लॉक में संजय टाइगर बफर जोन (sanjay tiger buffer zone) और टमसार रेंज आती है. यह इलाका तीनों ओर से पहाड़ों से घिरा है. इसी इलाके में बाड़ीझरिया गांव है. इस गांव की बैगा जनजाति की महिला किरण के बेटे को चिता रविवार शाम सात बजे उठा ले गया था, जिसे बच्चे की मां ने साहस दिखाते हुए तेंदुए के चुंगल से छुड़ा लिया है. चीते के हमले से 8 वर्षीय राहुल बैगा पिता शंकर बैगा घायल हो गया है. जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कराया गया है.

Last Updated : Nov 30, 2021, 2:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.