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4 सालों से मनरेगा का नहीं हुआ भुगतान, मजदूरों ने लगाई कलेक्टर से गुहार - बहरी तहसील के ग्रामीण कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंचे

सीधी के बहरी तहसील के ग्रामीण कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंचे, जहां उन्होंने मनरेगा के तहत पिछले चार सालों से भुगतान न होने की शिकायत की है.

ग्रामीण कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंचे
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Published : Sep 4, 2019, 6:47 AM IST

सीधी। मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का चार साल से भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी वजह से मजदूर काफी नाराज है. इसकी शिकायत लेकर मजदूर जनसुनवाई में पहुंचे, जहां फिर से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.

ग्रामीण कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंचे
बहरी तहसील के ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचे, जहां उन्होंने मनरेगा योजना के तहत भुगतान नहीं हो पाने की शिकायत की. बता दें कि योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को पिछले चार सालों से भुगतान नहीं किया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव- सरपंच की हीला हवाली के चलते मजदूरों को उनके काम का पैसा नहीं दिया जा रहा है. जिले में अभी तक 21 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान बाकी है, जिसमें लगभग 3000 ऐसे मजदूर है, जिन्हें मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. मजदूरी के पैसे न मिल पाने की वजह से मजदूर कर्ज में डुबने लगे है. वहीं मामले में जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पंचायत में एक कमेटी बनाकर मामले की जांच की जाएगी, जिसके बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

सीधी। मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का चार साल से भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी वजह से मजदूर काफी नाराज है. इसकी शिकायत लेकर मजदूर जनसुनवाई में पहुंचे, जहां फिर से उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.

ग्रामीण कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंचे
बहरी तहसील के ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचे, जहां उन्होंने मनरेगा योजना के तहत भुगतान नहीं हो पाने की शिकायत की. बता दें कि योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को पिछले चार सालों से भुगतान नहीं किया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव- सरपंच की हीला हवाली के चलते मजदूरों को उनके काम का पैसा नहीं दिया जा रहा है. जिले में अभी तक 21 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान बाकी है, जिसमें लगभग 3000 ऐसे मजदूर है, जिन्हें मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. मजदूरी के पैसे न मिल पाने की वजह से मजदूर कर्ज में डुबने लगे है. वहीं मामले में जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पंचायत में एक कमेटी बनाकर मामले की जांच की जाएगी, जिसके बाद दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
Intro:एंकर-- सीधी जिले में मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का 4 साल से भुगतान नहीं हुआ है जिसकी वजह से मजदूरों में काफी रोष है आज कलेक्टर की जनसुनवाई में बहरी तहसील इलाके के ग्रामीण कलेक्टर से मजदूरी भुगतान करने की गुजारिश करने पहुंचे जहां हर बार की तरह फिर इन्हें आश्वासन मिला वही जिम्मेदार कह रहे हैं कि जल्द ही मजदूरी भुगतान किया जाएगा


Body:वॉइस ओवर सीधी जिले में मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को 4 साल से भुगतान नहीं हो पाया जिले में अभी तक 21 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान बाकी है लगभग 3,000 ऐसे मजदूर है जी ने मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है सालों से भटक रहे ग्रामीण आज कलेक्टर की जनसुनवाई में जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे जहां कलेक्टर से फिर से गुहार लगाई इन ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव सरपंच की हीला हवाली के चलते मजदूरों को उनके काम का पैसा नहीं दिया जा रहा कुछ मजदूरों ने सड़क पर काम किया है कुछ मजदूरों ने स्कूलों में तो किसी ने अन्य मनरेगा के कार्य किए हैं लेकिन भुगतान किसी का नहीं हुआ जिसकी वजह से हम लोग कर्ज लेकर कब तक जिंदगी बसर करेंगे
बाइट(1) शकुंतला ग्रामीण मजदूर।
बाइट(२) सुख नंदन पटेल ग्रामीण मजदूर।
वॉइस ओवर(2) वहीं इस मामले में जिला पंचायत सीईओ बेबी सिंह का कहना है कि हां ग्रामीण आज भाटा गांव के आए हुए थे जिन्होंने शिकायत की है कि उन्हें 4 साल से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है जिसे देखकर हम जिला पंचायत में एक कमेटी बनाकर जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी और मजदूरों का भुगतान जल्द कराने की कोशिश की जाएगी।
बाइट(३) एसबी सिंह जिला पंचायत सीईओ सीधी।



Conclusion:बहर हाल मनरेगा में जिन मजदूरों ने काम किया है वह मजदूरी भुगतान के लिए रोया है जिले में अब तक 3000 ऐसे मजदूर हैं जिन्हें उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है देखना अब यह होगा कि प्रशासन इन 3000 मजदूरों का भुगतान कब तक करा पाते हैं।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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