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पंचायतों में नहीं थम रही विकास कार्यों के नाम पर हेराफेरी, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश - Additional Collector

सीधी के जनपद पंचायत में विकास कार्यों को लेकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसके बाद कलेक्टर ने कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं.

जनपद पंचायतों में विकास के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार
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Published : Nov 8, 2019, 11:30 AM IST

सीधी। जनपद पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां एक शिक्षक ने अपनी कंपनी को लाखों रुपए के बिल भुगतान और रिश्तेदारों के नाम पर पैसे लेकर गोलमाल किया है. जिसके चलते एक समाजसेवी ने कलेक्टर से शिकायत की है. वहीं कलेक्टर ने कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

जनपद पंचायतों में विकास के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार

सीधी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले डेमहा गांव में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां गांव के ही समाजसेवी अजय सिंह ने कलेक्टर से सबूत के साथ शिकायत दर्ज की है. इस मामले में कलेक्टर से पहले भी शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं किया गया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव के शिक्षक गणेश सिंह ने अपनी बेटी रोली कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर लाखों रुपए के बिल का भुगतान किया है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी न तो सड़क सामग्री सप्लाई करती है और न हार्डवेयर, फिर भी लाखों के बिल का भुगतान किया गया है. इसके पहले भी पंचायत में लाखों का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं अगर कोई मामला सामने आता है, तो महिला सरपंच से झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है, जिसके चलते अधिकारी कार्रवाई करने से डरते हैं.

अपर कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में सीईओ को निर्देशित किया गया है, जिसके बाद कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी.

सीधी। जनपद पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां एक शिक्षक ने अपनी कंपनी को लाखों रुपए के बिल भुगतान और रिश्तेदारों के नाम पर पैसे लेकर गोलमाल किया है. जिसके चलते एक समाजसेवी ने कलेक्टर से शिकायत की है. वहीं कलेक्टर ने कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

जनपद पंचायतों में विकास के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार

सीधी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले डेमहा गांव में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां गांव के ही समाजसेवी अजय सिंह ने कलेक्टर से सबूत के साथ शिकायत दर्ज की है. इस मामले में कलेक्टर से पहले भी शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं किया गया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव के शिक्षक गणेश सिंह ने अपनी बेटी रोली कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर लाखों रुपए के बिल का भुगतान किया है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी न तो सड़क सामग्री सप्लाई करती है और न हार्डवेयर, फिर भी लाखों के बिल का भुगतान किया गया है. इसके पहले भी पंचायत में लाखों का भ्रष्टाचार सामने आ चुका है, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं अगर कोई मामला सामने आता है, तो महिला सरपंच से झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है, जिसके चलते अधिकारी कार्रवाई करने से डरते हैं.

अपर कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में सीईओ को निर्देशित किया गया है, जिसके बाद कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी.

Intro:एंकर--- सीधी जनपद पंचायत के तहत एक पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जहां एक शिक्षक द्वारा अपनी कंपनी को लाखों रुपए के बिल भुगतान और अपने रिश्तेदारों के नाम पर पैसे आरण कर गोलमाल किया गया है जिसे देख कर आज एक समाजसेवी ने कलेक्टर से शिकायत की और कलेक्टर ने कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं।


Body:वाइस ओवर(1) सीधी जनपद के तहत डेमहा गांव में विकास के कार्यों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है गांव के ही एक समाजसेवी अजय सिंह ने आज कलेक्टर से सबूतों के साए शिकायत दर्ज कराई है इसके पहले भी कलेक्टर से शिकायत हो चुकी है लेकिन कार्यवाही के नाम पर अब तक लीपापोती होती आई है शिकायतकर्ता ने बताया कि पंचायत में हरिजन महिला सरपंच है कम पढ़ी-लिखी होने की वजह से गांव की शिक्षक गणेश सिंह पंचायत में बनने वाली सड़क पुलिया अन्य जन मूलक कार्य में अपनी बेटी के नाम रोली कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर लाखों रुपए के बिल का भुगतान किया है सबसे बड़ी बात कि कंपनी ना तो सड़क सामग्री सप्लाई करती है ना हार्डवेयर फिर भी लाखों के बिल का भुगतान हुआ है मजदूरों की मजदूरी के नाम पर अपने रिश्तेदारों के नाम से पैसे निकाल कर भुगतान दिखाया गया है इसके पहले की पंचायत में लाखो के भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक से शिकायत हुई थी जहां पुलिया फिर से तोड़कर बनाने का आदेश हुआ था लेकिन सब कुछ हवा हवाई हो गया गणेश सिंह राजनीतिक पहुंच रखते हैं कोई मामला सामने लाने की कोशिश करता भी है तो हरिजन सरपंच महिला से धमकी दिलाई जाती है कि किसी मामले में फंसा दिया जाएगा अधिकारी भी कार्यवाही करने से कतराते हैं वहीं इस मामले में अपर कलेक्टर का कहना है कि मामले में सीईओ को निर्देश किया गया है कमेटी बनाकर जांच कराएं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बाइट(1)अजय सिंह (समाज सेवी)
बाइट(2) डी पी बर्मन(अपर कलेक्टर सीधी)


Conclusion:बहर हाल ग्राम पंचायत में अनियमितता और पंचायत निधि की राशि के दुरुपयोग हितग्राहियों की अंत्येष्टि सहायता भुगतान राशि में भ्रष्टाचार अनधिकृत रूप से कंपनियों को भुगतान करने के मामले को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत हुई है ऐसे में देखना होगा कि जिला प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही को अंजाम देता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश।
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