सीधी। प्रदेश में लगातार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आ रही है, जिसका खामयाजा आम लोगों को भोगना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है सीधी जिले की कुसमी जनपद क्षेत्र में, जहां नसबंदी शिविर के दौरान हुई लापरवाही के कारण एक महिला के हाथ में इंफेक्सन हो गया है. अब महिला मदद के लिए अधिकारियों के दरवादे पर दस्तक दे रही है.
कुसमी जनपद के टमसार उप-स्वास्थ केंद्र में सोनम साहू नाम की महिला नसबंदी शिविर में पहुंची हुई थी, जहां पूनम पटेल एवं वंदना नामक नर्स नशबंदी के समय इंजेक्शन लगा रही थीं. उनके द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से महिला का पूरा हाथ सूखकर काला हो गया है, जिसको लेकर महिला को सीधी से रीवा, रीवा से जबलपुर रेफर किया गया. लेकिन वहां भी महिला का इलाज नहीं हो सका, जिस कराण उसके हाथो में सड़न के हालात बन गए हैं.
मदद के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता
बीते गुरुवार को शाम 4 बजे से पीड़िता एडीएम हर्षल पंचोली, सीएमएचओ से मुलाकात करने सांस्कृतिक भवन कुसमी में पहुंची हुई है. महिला और उसके परिजन प्रशासन से मदद चाह रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस राष्ट्रीयकृत शासन के नशबंदी कार्यक्रम में परेशान हुई महिला के संबंध पर किसी तरह से कोई उव्यवस्था नहीं की जा रही है.
इसके संबंध पर कुसमी के ब्लॉक अध्यक्ष नंदलाल सिंह कुशराम ने कहा है कि अगर प्रशासन तत्काल महिला के उपचार की व्यवस्था नहीं कराता व दोषी नर्सों पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाती तो वह पीड़ित परिजनों के साथ अनशन में बैठने के लिए बाध्य होंगे.
जांच के नाम पर खानापूर्ति
मामले में एडीएम हर्षल पंचोली के द्वारा सीएमएचओ को जांच करने के लिए पत्र लिखा गया था. लेकिन सीएमएचओ डॉ आरएल वर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि हमें किसी भी तरह का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमएचओ की जगह पर पूर्व सीएमएचओ डॉक्टर बीएल मिश्रा ने जांच के नाम पर खानापूर्ति कर एडीएम को सौंप दिया है.
पैसे के अभाव में रुका इलाज
पैसे के अभाव के कारण पीड़िता जबलपुर से वापस कुसमी वापस आ गई है. पीड़िता के बताया कि हाथ काटने के लिए पैसे के लिए जरूरत है, लेकिन पैसा नहीं है. वही शासन का संबल कार्ड तो बना है लेकिन जबलपुर मेडिकल कॉलेज में संबल कार्ड नहीं चलने की बात कह कर पीड़िता की छुट्टी कर दी गई. अब पीड़िता अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रही है ताकि समुचित उपचार हो सके.