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सोन घड़ियाल अभ्यारण में चंबल से लाये गये पांच नर घड़ियाल, सालों से रुका था प्रजनन - सीधी में चंबल से लाये गये घड़ियाल

सोन नदी के 209 वर्ग किलोमीटर में फैले घड़ियाल अभ्यारण में पिछले चार-पांच सालों से प्रजनन रुका हुआ था. चार साल पहले दो नर घड़ियालों की मौत हो गई थी. तब से विभागीय अधिकारी क्षेत्र में नर घड़ियालों की कमी बता रहे थे. वहीं अभ्यारण क्षेत्र में रेत के उत्खनन से भी प्रजनन थमने की बात कही जा रही थी.

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सोन घड़ियाल अभ्यारण में चंबल से लाये गये पांच नर घड़ियाल
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Published : Dec 10, 2019, 8:43 AM IST

सीधी। जिले के सोन घड़ियाल अभ्यारण में सालों से रुके घड़ियालों के प्रजनन को बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है. यही वजह है कि सोमवार को चंबल से पांच नर घड़ियालों को सोन घड़ियाल अभ्यारण के जोगदहा घाट में छोड़ गया है. इस घाट में तीन दर्जन से अधिक घड़ियाल हैं जो पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं.

चंबल से लाये गये पांच नर घड़ियाल

सोन नदी के 209 वर्ग किलोमीटर में फैले घड़ियाल अभ्यारण में पिछले चार-पांच सालों से प्रजनन रुका हुआ था. क्योंकि चार साल पहले दो नर घड़ियालों की मौत हो गई थी. तब से विभागीय अधिकारी क्षेत्र में नर घड़ियालों की कमी बता रहे थे. वहीं अभ्यारण क्षेत्र में रेत के उत्खनन से भी प्रजनन थमने की बात कही जा रही थी. जानकर मानते हैं कि मादा घड़ियाल सूनसान जगह और गर्म रेत में अंडे देती हैं, लेकिन रेत के उत्खनन से मादा घड़ियाल उस जगह पर नहीं जा पातीं, जिससे प्रजनन में बाधा उत्पन्न होती है.


क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा ने बताया कि चम्बल क्षेत्र के देवरी में घड़ियालों का ब्रीडिंग सेंटर हैं, जहां से पांच नर घड़ियाल लाये गए हैं और सोन घड़ियाल अभ्यारण जोगदहा घाट में छोड़े गए हैं, जिससे अब अभ्यारण में प्रजनन शुरू होगा और घड़ियालों की संख्या बढ़ेगी. बहरहाल 5 साल से घड़ियालों का प्रजनन रुका हुआ था.

सीधी। जिले के सोन घड़ियाल अभ्यारण में सालों से रुके घड़ियालों के प्रजनन को बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है. यही वजह है कि सोमवार को चंबल से पांच नर घड़ियालों को सोन घड़ियाल अभ्यारण के जोगदहा घाट में छोड़ गया है. इस घाट में तीन दर्जन से अधिक घड़ियाल हैं जो पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं.

चंबल से लाये गये पांच नर घड़ियाल

सोन नदी के 209 वर्ग किलोमीटर में फैले घड़ियाल अभ्यारण में पिछले चार-पांच सालों से प्रजनन रुका हुआ था. क्योंकि चार साल पहले दो नर घड़ियालों की मौत हो गई थी. तब से विभागीय अधिकारी क्षेत्र में नर घड़ियालों की कमी बता रहे थे. वहीं अभ्यारण क्षेत्र में रेत के उत्खनन से भी प्रजनन थमने की बात कही जा रही थी. जानकर मानते हैं कि मादा घड़ियाल सूनसान जगह और गर्म रेत में अंडे देती हैं, लेकिन रेत के उत्खनन से मादा घड़ियाल उस जगह पर नहीं जा पातीं, जिससे प्रजनन में बाधा उत्पन्न होती है.


क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा ने बताया कि चम्बल क्षेत्र के देवरी में घड़ियालों का ब्रीडिंग सेंटर हैं, जहां से पांच नर घड़ियाल लाये गए हैं और सोन घड़ियाल अभ्यारण जोगदहा घाट में छोड़े गए हैं, जिससे अब अभ्यारण में प्रजनन शुरू होगा और घड़ियालों की संख्या बढ़ेगी. बहरहाल 5 साल से घड़ियालों का प्रजनन रुका हुआ था.

Intro:एंकर--सीधी जिले के सोन घडियाल अभ्यारण में वर्षो से रुके घडियालों के प्रजनन को बढाने की कवायद तेज हो गई है,जिसके लिये आज चंबल से पाँच नर घडियालों को सोन घडियाल अभ्यारण के जोगदहा घाट में छोड़ गया है,इस घाट में तीन दर्जन से अधिक घडियाल है जो पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बना रहता है,।Body:वाइस ओवर(1) सोन नदी के 209 वर्ग किलोमीटर में फैले घड़ियाल अभ्यारण में पिछले चार पांच सालों से प्रजनन रुका हुआ था, पिछले चार साल पहले दो नर घडियालों की मौत हो जाने के बाद यहां घडियालों का प्रजनन पूरी तरह रुक गया था,जिसकी वजह विभागीय अधिकारी क्षेत्र में नर घडियालो कि कमी बता रहे थे,गौरतलब है कि अभ्यारण क्षेत्र में रेत उत्खनन भी प्रजनन थमने की एक बजह मानी जाती है,जानकर मानते है कि मादा घड़ियाल सूनसान जगह और गर्म रेत में अंडे देती है,लेकिन रेत के उत्खनन से मादा घड़ियाल उस जगह पर नही जा पाती, जिससे प्रजनन में बाधा उत्पन्न होती है।क्षेत्र संचालकअशोक मिश्रा ने बताया कि चम्बल क्षेत्र के देवरी में घडियालों का ब्रीडिंग सेंटर है,जहां से पाँच नर घडियाल लाये गए है,और आज सोन घडियाल अभ्यारण जोगदहा घाट में छोड़े गए है,जिससे अब अभ्यारण में प्रजनन शुरू होगा और घड़ियालों की संख्या बढ़ेगी में

बाईट:-1 अशोक मिश्रा क्षेत्र संचालक सजंय टाईगर रिजर्व सीधी।Conclusion:बहरहाल 5 साल से घड़ियालों का प्रजनन रुका हुआ था जिसके बाद जिम्मेदारों को अब याद आई और चंबल से 5 नर घड़ियाल लाकर यहां छोड़े गए हैं देखने वाली बात अब यह होगी की अभ्यारण में घड़ियालो की संख्या में कब तक और कितना इजाफा होता है।

पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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