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तिल और धान की फसलों में कीड़ों का कहर, किसान की मेहनत पर फेरा पानी

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Published : Sep 19, 2020, 8:46 PM IST

सीधी जिले में तीली और धान की फसल की बुवाई करने वाले किसानों का कहना है कि इस बार तीली की अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन कमरा नाम के कीड़ों ने तीली की पूरी फसल को चौपट कर दिया. जिससे तीली के पौधे के पत्ते, फूल और डंठल भी खा लिया. जिससे तीली की फसल पुरी तरह से बर्बाद हो गई.

Leaf bugs
पत्तों में लगे कीड़े

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में अन्नदाताओं के सामने मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसकी वजह से कहीं किसानों को अधिक बारिश का सामना करना पड़ रहा है. तो कहीं सूखे से जूझना पड़ रहा है. इन्हीं मुश्किलों का सामना कर रहे सीधी जिले के किसान फसल में कीड़े पड़ने से परेशान हैं. तिल और धान की फसल लगाने वाले किसान सुरेंद्र तिवारी ने कहा कि इस बार तीली की अच्छी फसल होने की उम्मीद थी लेकिन कमरा नाम के कीट ने तिल की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया. कमरा कीड़े ने तिल के पौधे के पत्ते, फूल और डंठल भी खा लिये हैं. किसान सुरेंद्र तिवारी ने कहा कि दो एकड़ में बोई गई तिल की फसल कीड़े चट कर गए हैं. किसान ने कहा अब शासन से मुआवजे के लिए गुहार लगाएंगे.

तिल और धान की फसलों में कीड़ों का कहर

तिल की फसल के साथ ही धान के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं, धान और तिल किसान सोनू यादव कहते हैं कि फसल में पूरे कीड़े लग गए हैं. किसान सोनू ने तिल की फसल को लेकर कहा, अब कुछ भी होने वाला नहीं है. क्योंकि तिल की फसल सूख गई है. जब किसान सोनू से पूछा कि नुकसान कितना हुआ है तो उन्होंने बताया कि नुकसान तो पूरा ही हो गया है. दो से ढाई एकड़ में धान की फसल कीड़े लगने के कारण खत्म हो गई है, फसल के नुकसान के बाद अभी तक कोई भी अधिकारी जांच के लिए गांव में नहीं आया है.

जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेश सिंह चौहान ने किसानों को सलाह देते हुए कहा, कीड़ों पर दवाई का छिड़काव किया जाए तो फसल को तबाह होने से बचाया जा सकता है. इसके लिए सीधी जिले के सभी ब्लॉक में टीम गठित की गई हैं, जो खेतों में जाकर निरीक्षण कर रही हैं और नुकसान का सटीक अंदाजा लगाकर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं. जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक अधिकारी स्तर पर भी किसानों को कीड़ों के प्रति जागरुक किया जा रहा है. टीम के सदस्य खेत-खेत जाकर किसानों को जानकारी मुहैया करा रहे हैं कि वह रोग लगने का इतजार ना करें.

इन दवाओं का करें इस्तेमाल

किसानों की तिल फसल में इल्ली या कीड़े लग रहे हैं, तो कांफिडोर दवा फसलों में डालें एक मिलीलीटर दवा में एक लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें ताकि कीड़े मर जाएं. इसी तरह धान की फसल में फंगस रोग लगने वाला है, जिसे लेकर किसानों को धान में बाली आने से पहले दवाई का छिड़काव कर देना चाहिए.

तिल और धान की फसल को कीड़े खोखला कर रहे हैं और इधर किसानों के सिर पर रखी चिंता की पोटली का वजन बढ़ता जा रहा है, पहले लॉकडाउन फिर भारी बारिश और अब कीड़ों का कहर किसान की परेशानियां एक के बाद बढ़ती ही जा रही हैं, अब बस शासन प्रशासन से उम्मीद ही जो किसानों का भला कर सकती है.

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में अन्नदाताओं के सामने मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसकी वजह से कहीं किसानों को अधिक बारिश का सामना करना पड़ रहा है. तो कहीं सूखे से जूझना पड़ रहा है. इन्हीं मुश्किलों का सामना कर रहे सीधी जिले के किसान फसल में कीड़े पड़ने से परेशान हैं. तिल और धान की फसल लगाने वाले किसान सुरेंद्र तिवारी ने कहा कि इस बार तीली की अच्छी फसल होने की उम्मीद थी लेकिन कमरा नाम के कीट ने तिल की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया. कमरा कीड़े ने तिल के पौधे के पत्ते, फूल और डंठल भी खा लिये हैं. किसान सुरेंद्र तिवारी ने कहा कि दो एकड़ में बोई गई तिल की फसल कीड़े चट कर गए हैं. किसान ने कहा अब शासन से मुआवजे के लिए गुहार लगाएंगे.

तिल और धान की फसलों में कीड़ों का कहर

तिल की फसल के साथ ही धान के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं, धान और तिल किसान सोनू यादव कहते हैं कि फसल में पूरे कीड़े लग गए हैं. किसान सोनू ने तिल की फसल को लेकर कहा, अब कुछ भी होने वाला नहीं है. क्योंकि तिल की फसल सूख गई है. जब किसान सोनू से पूछा कि नुकसान कितना हुआ है तो उन्होंने बताया कि नुकसान तो पूरा ही हो गया है. दो से ढाई एकड़ में धान की फसल कीड़े लगने के कारण खत्म हो गई है, फसल के नुकसान के बाद अभी तक कोई भी अधिकारी जांच के लिए गांव में नहीं आया है.

जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेश सिंह चौहान ने किसानों को सलाह देते हुए कहा, कीड़ों पर दवाई का छिड़काव किया जाए तो फसल को तबाह होने से बचाया जा सकता है. इसके लिए सीधी जिले के सभी ब्लॉक में टीम गठित की गई हैं, जो खेतों में जाकर निरीक्षण कर रही हैं और नुकसान का सटीक अंदाजा लगाकर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं. जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक अधिकारी स्तर पर भी किसानों को कीड़ों के प्रति जागरुक किया जा रहा है. टीम के सदस्य खेत-खेत जाकर किसानों को जानकारी मुहैया करा रहे हैं कि वह रोग लगने का इतजार ना करें.

इन दवाओं का करें इस्तेमाल

किसानों की तिल फसल में इल्ली या कीड़े लग रहे हैं, तो कांफिडोर दवा फसलों में डालें एक मिलीलीटर दवा में एक लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें ताकि कीड़े मर जाएं. इसी तरह धान की फसल में फंगस रोग लगने वाला है, जिसे लेकर किसानों को धान में बाली आने से पहले दवाई का छिड़काव कर देना चाहिए.

तिल और धान की फसल को कीड़े खोखला कर रहे हैं और इधर किसानों के सिर पर रखी चिंता की पोटली का वजन बढ़ता जा रहा है, पहले लॉकडाउन फिर भारी बारिश और अब कीड़ों का कहर किसान की परेशानियां एक के बाद बढ़ती ही जा रही हैं, अब बस शासन प्रशासन से उम्मीद ही जो किसानों का भला कर सकती है.

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