सीधी। गरीबों के हितों की बात करने वाली सरकार में प्रशासनिक अधिकारी गरीबों के लिए कितने गंभीर दिखाई देते हैं. जिसकी बानगी उस वक्त सामने आई, जब जिला पंचायत में कलेक्टर की जनसुनवाई में एक वृद्ध महिला का दर्द छलक उठा और वह फूट-फूट कर रोने लगी. जमीन सबंधी मामले की कई बार शिकायतें करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
सीधी में एक वृद्ध महिला अपनी जमीन विवाद की समस्या को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है. महिला के घर और जमीन पर उसके रिश्तेदार कब्जा किए हुए हैं. जिसे लेकर वृद्धा ने कई बार पटवारी से लेकर कलेक्टर, मंत्री, सांसद और विधायक सभी से गुहार लगा चुकी है. लेकिन कोई सुनता ही नही है. वहीं एक बार फिर महिला कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची और रो-रो कर अपना दर्द सुनाने लगी.
महिला के रोने की आवाज से अंदर सुनकर बाहर आए तहसीलदार ने उसे बाहर का रास्ता दिखाया. वहीं इस मामले में तहसीलदार का कहना है कि महिला का मामले में फैसला हो चुका है. सभी दस्तावेज दुरुस्त है. उसके भाई पाटीदार आपसी विवाद है. जिसका फैसला कमिश्नर के यहां हो चुका है और तत्कालीन कलेक्टर ने पहले भी इसे ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराई है. लेकिन फिर भी महिला बार-बार पहुंच जाती है.