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4-E से रुकेंगे सड़क हादसे: एडीजीपी ने दिया फॉर्मूला - sidhi bus accident

रामपुर नैकिन बस हादसे का जायजा लेने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर सीधी पहुंचे. उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया. पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक कर सड़क हादसों के दौरान 4-E का फॉर्मूले को अमल में लाने के लिए निर्देशित किया.

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ताकि फिर ना हो बस हादसा
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Published : Feb 26, 2021, 11:00 PM IST

सीधी। जिले के रामपुर नैकिन बस हादसे के बाद पहली बार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश चंद्र सागर सीधी पहुंचे. यहां उन्होंने रामपुर नैकिन घटना स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में बस हादसे में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया. एडीजीपी डीसी सागर ने रामपुर में हुई बस दुर्घटना के संबंध में कहा कि आज हम सभी को यह शपथ लेनी है. हम अपने-अपने क्षेत्राधिकार में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास करेंगे. . हमें अपने कर्तव्यों को नियमानुसार, पूरी शिद्दत और दृढ़ता से काम करना है. इस मामले में हमारे जिला पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने अपने कर्तव्यों का पालन जी जान से किया. वे सभी बधाई के पात्र हैं.

  • एडीजीपी ने दिया 4 E का फॉर्मूला

इसके बाद एडीजीपी ने 4-E के सिद्धांतों को अमल में लाने के निर्देश दिए. जिसमें पहले E का मतलब Enforcement यानि प्रवर्तन का तात्पर्य मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करवाने से है. दूसरा E, engineering के लिए है जिसका अर्थ सड़क निर्माण से है जो गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए. तीसरा E, education के लिए है .ट्रैफिक के नियमों का प्रचार प्रसार एवं जागरूकता और चौथा E, emergency care के लिए है जिसका अर्थ है कि घायल व्यक्ति को शीघ्र से शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना.

उन्होंने बताया कि इस प्रकार यदि हम 4-E के सिद्धांतों का पालन करके सड़क हादसों की दर को हम न्यूनतम स्तर पर ला सकते हैं. तमिलनाडु का उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार से तमिलनाडु राज्य ने नियमों का पालन कराकर जनता को जागरूक किया. हमें भी इस प्रकार के प्रयोग करते हुए सड़क हादसे में असमय मृत्यु दर को रोकते हुए न्यूनतम स्तर पर लाना हैं.

  • SDRF-NDRF जवानों ने किया सराहनीय कार्य

एडीजीपी डीसी सागर ने जवानों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान हथेली पर रखकर पांच दिनों तक लगातार रेस्क्यू की कार्यवाही की . टनल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी. एडीजीपी ने टीम की प्रशंसा की. साथ ही टीम के सदस्यों को उचित पुरस्कार देनो की घोषणा की.

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले, अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली, जिले के विभिन्न अनुभागों के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी थाना, चौकियों के प्रभारी, एसडीआरएफ बल, पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे हैं.

सीधी। जिले के रामपुर नैकिन बस हादसे के बाद पहली बार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश चंद्र सागर सीधी पहुंचे. यहां उन्होंने रामपुर नैकिन घटना स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में बस हादसे में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया. एडीजीपी डीसी सागर ने रामपुर में हुई बस दुर्घटना के संबंध में कहा कि आज हम सभी को यह शपथ लेनी है. हम अपने-अपने क्षेत्राधिकार में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास करेंगे. . हमें अपने कर्तव्यों को नियमानुसार, पूरी शिद्दत और दृढ़ता से काम करना है. इस मामले में हमारे जिला पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने अपने कर्तव्यों का पालन जी जान से किया. वे सभी बधाई के पात्र हैं.

  • एडीजीपी ने दिया 4 E का फॉर्मूला

इसके बाद एडीजीपी ने 4-E के सिद्धांतों को अमल में लाने के निर्देश दिए. जिसमें पहले E का मतलब Enforcement यानि प्रवर्तन का तात्पर्य मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करवाने से है. दूसरा E, engineering के लिए है जिसका अर्थ सड़क निर्माण से है जो गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए. तीसरा E, education के लिए है .ट्रैफिक के नियमों का प्रचार प्रसार एवं जागरूकता और चौथा E, emergency care के लिए है जिसका अर्थ है कि घायल व्यक्ति को शीघ्र से शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना.

उन्होंने बताया कि इस प्रकार यदि हम 4-E के सिद्धांतों का पालन करके सड़क हादसों की दर को हम न्यूनतम स्तर पर ला सकते हैं. तमिलनाडु का उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार से तमिलनाडु राज्य ने नियमों का पालन कराकर जनता को जागरूक किया. हमें भी इस प्रकार के प्रयोग करते हुए सड़क हादसे में असमय मृत्यु दर को रोकते हुए न्यूनतम स्तर पर लाना हैं.

  • SDRF-NDRF जवानों ने किया सराहनीय कार्य

एडीजीपी डीसी सागर ने जवानों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान हथेली पर रखकर पांच दिनों तक लगातार रेस्क्यू की कार्यवाही की . टनल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी. एडीजीपी ने टीम की प्रशंसा की. साथ ही टीम के सदस्यों को उचित पुरस्कार देनो की घोषणा की.

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले, अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली, जिले के विभिन्न अनुभागों के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी थाना, चौकियों के प्रभारी, एसडीआरएफ बल, पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे हैं.

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