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सीधी प्रमाण पत्र के नाम पर जिला अस्पताल में दिव्यांगों से की जा रही है अवैध वसूली - अवैध वसूली

सीधी जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं भले ही पटरी पर न लौटें पर इस पर हमेशा कोई न कोई आरोप लगता रहता है. इस बार अस्पताल पर दिव्यांगों के प्रमाण पत्र के नाम पर अधिक पैसा लेने का आरोप लगा है.

सीधी प्रमाण पत्र के नाम अवैध वसूली
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Published : Sep 18, 2019, 11:14 PM IST

सीधी। जिला अस्पताल लूट का अड्डा बनता जा रहा है. यहां हप्ते में एक दिन दिव्यांगों के लिए प्रमाण पत्र दिया जाता है, जहां दूर-दूर से दिव्यांग जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उनसे भी प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर रिश्वत ली जाती है.

सीधी प्रमाण पत्र के नाम अवैध वसूली

दिव्यांगों ने प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनों भटकाने और फीस से ज्यादा पैसे लेने का आरोप लगाया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया. दिव्यांगों ने बताया कि प्रमाण पत्र बनाने की एवज में उनसे 200 रुपये लिए जाते हैं, उसके बाद भी महीनों इंतजार करना पड़ता है.

मामले में जिम्मेदारों का कहना है, कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए 150 रुपये का फॉर्म लेना होता है. अगर इससे अधिक पैसे लिए जा रहे हैं तो यह गलत है इसकी जांच होगी.

सीधी। जिला अस्पताल लूट का अड्डा बनता जा रहा है. यहां हप्ते में एक दिन दिव्यांगों के लिए प्रमाण पत्र दिया जाता है, जहां दूर-दूर से दिव्यांग जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उनसे भी प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर रिश्वत ली जाती है.

सीधी प्रमाण पत्र के नाम अवैध वसूली

दिव्यांगों ने प्रमाण पत्र बनाने के लिए महीनों भटकाने और फीस से ज्यादा पैसे लेने का आरोप लगाया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया. दिव्यांगों ने बताया कि प्रमाण पत्र बनाने की एवज में उनसे 200 रुपये लिए जाते हैं, उसके बाद भी महीनों इंतजार करना पड़ता है.

मामले में जिम्मेदारों का कहना है, कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए 150 रुपये का फॉर्म लेना होता है. अगर इससे अधिक पैसे लिए जा रहे हैं तो यह गलत है इसकी जांच होगी.

Intro:एंकर-- सीधी जिला अस्पताल लूट का अड्डा बनता जा रहा है सप्ताह में 1 दिन विकलांगों के प्रमाण पत्र दिया जाता है जहां दूर-दूर से विकलांग जिला अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन उनसे भी प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर रिश्वत ली जाती है जिला अस्पताल में रिश्वत लेने और महीनों भटकाने का आरोप लगा दिया।


Body:वाइस ओवर(1) सीधी जिला अस्पताल हमेशा से किसी न किसी बात को लेकर विवादों में रहता है आज फिर वह उस वक्त विवादों में आया है जहां दूरदराज से ग्रामीण विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचते हैं लेकिन इनको भी भ्रष्टाचारी नहीं छोड़ते विकलांगों ने इसी बात से नाराज हंगामा खड़ा कर दिया इनका आरोप है कि विकलांग प्रमाण पत्र बनाने की एवज में बाबू द्वारा दो ₹200-200 रुपये लिए जाते हैं पैसे लेने के बाद भी उन्हें प्रमाण पत्र महीनों से नसीब नहीं होता।
वहीं इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ₹150 का फॉर्म लेना होता है अगर इससे अधिक पैसे लिए जा रहे हैं तो यह गलत है जिसकी जांच होगी और बाबू।
बाइट(1)अजय गुप्ता(दिव्यांग)
बाइट(2)ज्योति तिवारी(दिव्यांग)।
बाइट(3)आर एल वर्मा(सीएमएचओ सीधी)



Conclusion:बहरहाल जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है आए दिन यहां अवस्थाओं की मामले सामने आते रहते हैं ऐसे में देखना होगा कि जिला प्रशासन विकलांगों से वसूली जा रही पैसे के मामले में क्या कोई कार्यवाही करता है।
पवन तिवारी ईटीवी भारत सीधी मध्य प्रदेश
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