सीधी। जिले में किसानों की सामाजिक आर्थिक स्थिति सुधारने और सस्ती दर पर किसानों को ऋण देने वाला सहकारी को-ऑपरेटिव बैंक 25 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है. बैंक प्रबंधकों की उदासीनता की वजह से दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है. वहीं 120 करोड़ रुपए से अधिक किसानों के नाम फर्जी ऋण बकाया हैं. जिसकी वसूली के लिए विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं थे.
मामले का खुलासा तब हुआ जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह भदौरिया बैंक के अध्यक्ष पद की कमान संभालने बैंक पहुंचे थे. बैंक मैनेजर ने बताया कि साल 2008 से लेकर 2014 तक किसानों के लिए बांटे गए 120 करोड़ रुपए के ऋण वसूली 2016 तक हो जानी थी, जो कि अभी तक नहीं हुई है.
ऋण ले चुके किसान ऋण चुकाने के काबिल नहीं हैं. बैंक अध्यक्ष ने कलेक्टर से बात कर ऋण वसूली की बात कर बैंक की स्थिति सुधारने की बात कही है.