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इस लापरवाही का कौन जिम्मेदार ? पाइप लाइन में लीकेज, गंदा पानी पीने को मजबूर लोग

मध्यप्रदेश के सीधी जिले में काफी समय से पाइप लाइन न बदले जाने की वजह से जर्जर हो चुके पाइप में जगह-जगह से लीकेज होना शुरु हो गया है, जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बाद हो रही है. इसके साथ ही लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Jul 19, 2020, 8:26 PM IST

water-getting
पानी की बर्बादी

सीधी। कहते हैं जल ही जीवन है, और कहीं न कहीं सच्चाई भी यही है, जल की उपलब्धता को लेकर वर्तमान में भारत ही नहीं पूरा विश्व चिंतित है. जल के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती है, मानव का अस्तित्व जल पर निर्भर करता है. लेकिन ये तस्वीरें जब सामने आती हैं, तो लगता है कि क्या ये वही जल है जिसके बिना जीवन संभव नहीं है, जी हां मध्यप्रदेश के सीधी जिले में काफी समय से पाइप लाइन न बदले जाने की वजह से जर्जर हो चुके पाइप में जगह-जगह से लीकेज होना शुरु हो गया है, जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बाद हो रहा है.

गंदा पानी पीने को मजबूर

पानी की बर्बादी

पाइप के लीकेज होने के कारण प्रेशर कम होने की वजह से लोगों को पानी भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है. शिकायतों के बाद भी सुनवाई न होने से लोगों को गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है. जिससे अब लोगों में रोष दिखाई दे रहा है.इधर जिला प्रशासन का कहना है कि कि वाटर प्रूफ पाइप लाइन बिछाई जानी है, लेकिन लॉक डाउन की वजह से काम अधर पर लटका हुआ है.

कलेक्टर से की जा चुकी शिकायत

दरअसल सीधी शहर की करीब एक लाख आबादी की प्यास बुझाने के लिए, नगर पालिका सोन नदी व गोरियरा बांध से पानी की सप्लाई करता है, लेकिन पाइप लाइन से लीकेज होने की वजह से नगर में पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाती है. नगर पालिका के पार्षदों दूषित जल को लेकर कई बार कलेक्टर और नगर पालिका से शिकायत की, लेकिन दूषित जल को रोकने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

गंदा पानी पीने से बीमार हो रहे लोग

नगरपालिका के पार्षद खुद बताते हैं कि शहर में लोग दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे हैं. इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर नगरपालिका के अधिकारियों तक कई बार की गई है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सूखे नाले से निकलने वाली पाइपलाइन से जगह जगह पानी का रिसाव होता है. पाइप लाइन फूटी हुई है जिसकी वजह से गड्ढों में भरा गंदा पानी पाइपलाइन की माध्यम से घर तक पहुंचता है. जिससे पानी पीने लायक नहीं होता है.

नगर पालिका के सीएमओ का आश्वासन

अब आम लोग मजबूर होकर गंदा पानी पीने को मजबूर है, लेकिन कहीं न कहीं दूषित पानी पीने का दुष्परिणाम ही देखने को मिलता है. पार्षद का कहना है कि पानी इतना दूषित है कि उनको चर्म रोग हो गया है. ऐसे में नगर पालिका के सीएमओ का कहना है कि पानी की सप्लाई सोन नदी और बांध से होती है. लेकिन दूषित पानी कहीं नहीं आता है. किसी घर में जरूर पाइपलाइन फुट गई हो तो उन्हें दूषित पानी नसीब हो रहा हो. अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो उसे ठीक कराया जाएगा.

कब मिलेगा साफ पानी?

बहरहाल सीधी शहर मिनी स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुका है, लेकिन शहर में स्वच्छ और शुद्ध जल पीने के लिए नगर वासी आज भी तरस रहे हैं. जगह-जगह पाइपलाइन टूटने की वजह से लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है, नगरपालिका दलील जरूर दे रहे हैं कि वाटर प्रूफ पाइपलाइन बिछाने की योजना है, लेकिन लाकडाउन होने की वजह से काम अभी अधर में लटका हुआ है. ऐसे में अब देखना यह होगा नगर पालिका नगर वासियों को शुद्ध पेयजल का इंतजाम कब तक में कर पाएगा.

सीधी। कहते हैं जल ही जीवन है, और कहीं न कहीं सच्चाई भी यही है, जल की उपलब्धता को लेकर वर्तमान में भारत ही नहीं पूरा विश्व चिंतित है. जल के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती है, मानव का अस्तित्व जल पर निर्भर करता है. लेकिन ये तस्वीरें जब सामने आती हैं, तो लगता है कि क्या ये वही जल है जिसके बिना जीवन संभव नहीं है, जी हां मध्यप्रदेश के सीधी जिले में काफी समय से पाइप लाइन न बदले जाने की वजह से जर्जर हो चुके पाइप में जगह-जगह से लीकेज होना शुरु हो गया है, जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बाद हो रहा है.

गंदा पानी पीने को मजबूर

पानी की बर्बादी

पाइप के लीकेज होने के कारण प्रेशर कम होने की वजह से लोगों को पानी भी पर्याप्त नहीं मिल रहा है. शिकायतों के बाद भी सुनवाई न होने से लोगों को गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है. जिससे अब लोगों में रोष दिखाई दे रहा है.इधर जिला प्रशासन का कहना है कि कि वाटर प्रूफ पाइप लाइन बिछाई जानी है, लेकिन लॉक डाउन की वजह से काम अधर पर लटका हुआ है.

कलेक्टर से की जा चुकी शिकायत

दरअसल सीधी शहर की करीब एक लाख आबादी की प्यास बुझाने के लिए, नगर पालिका सोन नदी व गोरियरा बांध से पानी की सप्लाई करता है, लेकिन पाइप लाइन से लीकेज होने की वजह से नगर में पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाती है. नगर पालिका के पार्षदों दूषित जल को लेकर कई बार कलेक्टर और नगर पालिका से शिकायत की, लेकिन दूषित जल को रोकने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

गंदा पानी पीने से बीमार हो रहे लोग

नगरपालिका के पार्षद खुद बताते हैं कि शहर में लोग दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे हैं. इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर नगरपालिका के अधिकारियों तक कई बार की गई है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सूखे नाले से निकलने वाली पाइपलाइन से जगह जगह पानी का रिसाव होता है. पाइप लाइन फूटी हुई है जिसकी वजह से गड्ढों में भरा गंदा पानी पाइपलाइन की माध्यम से घर तक पहुंचता है. जिससे पानी पीने लायक नहीं होता है.

नगर पालिका के सीएमओ का आश्वासन

अब आम लोग मजबूर होकर गंदा पानी पीने को मजबूर है, लेकिन कहीं न कहीं दूषित पानी पीने का दुष्परिणाम ही देखने को मिलता है. पार्षद का कहना है कि पानी इतना दूषित है कि उनको चर्म रोग हो गया है. ऐसे में नगर पालिका के सीएमओ का कहना है कि पानी की सप्लाई सोन नदी और बांध से होती है. लेकिन दूषित पानी कहीं नहीं आता है. किसी घर में जरूर पाइपलाइन फुट गई हो तो उन्हें दूषित पानी नसीब हो रहा हो. अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो उसे ठीक कराया जाएगा.

कब मिलेगा साफ पानी?

बहरहाल सीधी शहर मिनी स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुका है, लेकिन शहर में स्वच्छ और शुद्ध जल पीने के लिए नगर वासी आज भी तरस रहे हैं. जगह-जगह पाइपलाइन टूटने की वजह से लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है, नगरपालिका दलील जरूर दे रहे हैं कि वाटर प्रूफ पाइपलाइन बिछाने की योजना है, लेकिन लाकडाउन होने की वजह से काम अभी अधर में लटका हुआ है. ऐसे में अब देखना यह होगा नगर पालिका नगर वासियों को शुद्ध पेयजल का इंतजाम कब तक में कर पाएगा.

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