सीधी। चेहरे पर रौब के भाव और चाल-ढाल में दिखता देशी रजवाड़े का अंदाज, ये छवि है प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय सिंह की. जिन्हें सियासत विरासत में मिली है. उसी विरासत को बचाने के लिए अजय सिंह चुनावी अखाड़ें में ताल ठोक रहे हैं. चुरहट राजपरिवार के वारिस और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार रीति पाठक से है.
विंध्य अंचल में कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय सिंह अपने पिता अर्जुन सिंह की तरह ही सियासत के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. जिन्होंने सूबे की सियासत में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है. पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे अजय सिंह विंध्य अंचल में कांग्रेस के मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित हो चुके हैं. सामंतवादी परिवार से आने वाले अजय सिंह ने अपने सियासी करियर की शुरुआत विधानसभा उपचुनाव से की थी जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
अजय सिंह 6 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं
दिग्विजय सिंह सरकार में पंचायत मंत्री रहे
दो बार मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रहे
2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट से चुनाव हारे
2019 में फिर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तक कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की रेस में शामिल अजय सिंह की उम्मीदों को विधानसभा चुनाव में मिली हार ने तगड़ा झटका दिया. कभी सुंदरलाल पटवा जैसे सियासी दिग्गजों को चुनौती देने वाले अजय सिंह आज अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने की सीधी लोकसभा सीट से चुनावी जंग लड़ रहे हैं. जहां जीत मिलने पर अजय सिंह का रूतबा एक बार फिर वापस आ सकता है तो हार मिलने पर उनके सियासी सफर पर की आगे की दशा और दिशा तय होगी.