सीधी। जिला में शिक्षा व्यवस्था किस हद तक बदत्तर हो गई है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. जोकि कभी भी भरभरा कर नीचे गिर सकता है. वहीं स्कूल में करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि जर्जर हो चुके भवन को लेकर स्कूल शिक्षकों ने कई बार जिला प्रशासन को मदद की गुहार भी लगाई लेकिन शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में अधिकारी अब तक बैठे हुए हैं.
जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर बहेरा गांव के प्राइमरी स्कूल में, जहां गांव के छोटे-छोटे करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन भवन और छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन छत का प्लास्टर नीचे गिरता रहता है. जिससे स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों को, स्कूल में पढ़ रहे मासूम बच्चों सहित पालकों को हमेशा डर बना रहता है कि कहीं ये छत नीचे न गिर जाए. स्कूल भवन के जर्जर हालात की जानकारी कई बार संबधित अधिकारियों को दी गई है, लेकिन इन शिकायतों का अब तक कोई फायदा नहीं हुआ. आज भी दहशत के साए में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. हालांकि इस मामले में अपर कलेक्टर डीपी बर्मन ने भरोसा दिलाया है कि स्कूल की मरम्मत जल्द ही कराई जाएगी.