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जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल, कभी भी हो सकता है हादसा - प्राइमरी स्कूल के बच्चे

सीधी में प्राइमरी स्कूल के बच्चे एक ऐसे स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं, जो कभी भी भरभरा कर नीचे गिर सकता है. फिलहाल अपर कलेक्टर डीपी बर्मन ने जल्द ही स्कूल की मरम्मत कराने की बात कही है.

children are forced to study in dilapidated school building
जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को बच्चे मजबूर
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Published : Feb 1, 2020, 8:46 PM IST

सीधी। जिला में शिक्षा व्यवस्था किस हद तक बदत्तर हो गई है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. जोकि कभी भी भरभरा कर नीचे गिर सकता है. वहीं स्कूल में करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि जर्जर हो चुके भवन को लेकर स्कूल शिक्षकों ने कई बार जिला प्रशासन को मदद की गुहार भी लगाई लेकिन शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में अधिकारी अब तक बैठे हुए हैं.

जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को बच्चे मजबूर

जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर बहेरा गांव के प्राइमरी स्कूल में, जहां गांव के छोटे-छोटे करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन भवन और छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन छत का प्लास्टर नीचे गिरता रहता है. जिससे स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों को, स्कूल में पढ़ रहे मासूम बच्चों सहित पालकों को हमेशा डर बना रहता है कि कहीं ये छत नीचे न गिर जाए. स्कूल भवन के जर्जर हालात की जानकारी कई बार संबधित अधिकारियों को दी गई है, लेकिन इन शिकायतों का अब तक कोई फायदा नहीं हुआ. आज भी दहशत के साए में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. हालांकि इस मामले में अपर कलेक्टर डीपी बर्मन ने भरोसा दिलाया है कि स्कूल की मरम्मत जल्द ही कराई जाएगी.

सीधी। जिला में शिक्षा व्यवस्था किस हद तक बदत्तर हो गई है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. जोकि कभी भी भरभरा कर नीचे गिर सकता है. वहीं स्कूल में करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि जर्जर हो चुके भवन को लेकर स्कूल शिक्षकों ने कई बार जिला प्रशासन को मदद की गुहार भी लगाई लेकिन शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में अधिकारी अब तक बैठे हुए हैं.

जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को बच्चे मजबूर

जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर बहेरा गांव के प्राइमरी स्कूल में, जहां गांव के छोटे-छोटे करीब 300 बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन भवन और छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन छत का प्लास्टर नीचे गिरता रहता है. जिससे स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों को, स्कूल में पढ़ रहे मासूम बच्चों सहित पालकों को हमेशा डर बना रहता है कि कहीं ये छत नीचे न गिर जाए. स्कूल भवन के जर्जर हालात की जानकारी कई बार संबधित अधिकारियों को दी गई है, लेकिन इन शिकायतों का अब तक कोई फायदा नहीं हुआ. आज भी दहशत के साए में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. हालांकि इस मामले में अपर कलेक्टर डीपी बर्मन ने भरोसा दिलाया है कि स्कूल की मरम्मत जल्द ही कराई जाएगी.

Intro:एंकर--सीधी में शिक्षा व्यवस्था किस हद तक बदत्तर हो गयी है,जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है एक प्राइमरी स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है कि कभी भी भरभरा कर नीचे गिर जाए,स्कूल में करीब 300 बच्चे अध्ययन करते है,हालांकि जर्जर हो चुके भवन को लेकर स्कूल के शिक्षकों ने अनेक बार जिला प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई लेकिन शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में अधिकारी बैठे है।Body:वाइस ओवर(1) सीधी जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर यह बहेरा गांव का प्राइमरी स्कूल है,जहाँ गांव के छोटे छोटे करीब 300 बच्चे पढ़ते है,लेकिन भवन और छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि आये दिन छत का प्लास्टर नीचे गिरता रहता है,जिससे स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों को स्कूल में पढ़ रहे मासूम बच्चों सहित पालकों को हमेशा डर बना रहता है कि यह छत कब नीचे गिर जाए कहा नही जा सकता,हालांकि स्कूल भवन के जर्जर हालत की जानकारी अनेक बार संबधित अधिकारियों को दी गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ आज भी दहशत के साये में बच्चे पढ़ने को मजबूर है,हालांकि इस मामले में अपर कलेक्टर डी पी बर्मन ने जरूर भरोसा दिलाया है,की शासन की तरफ से जो भी बन सकेगा,स्कूल की मरम्मत कराई जाएगी।

बाइट(1)डी पी बर्मन (अपर कलेक्टर सीधी)।Conclusion:बहरहाल सालो से गांव के लोग ओर स्कूल के प्रिंसिपल शिक्षक शिकायत कर चुके है कि स्कूल की मरम्मत कराई जाए लेकिन अब तक अधिकारियों के कानों में जूं तक नही रेंगी ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो जाये तो इसकी जवाबदारी किसी की होगी समझा जा सकता है।
पवन तिवारी etv भारत सीधी मप्र।
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