सीधी। जिले के कुसमी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मेंडरा से एक बाल विवाह का मामला सामने आया है. जब इसकी सूचना महिला बाल विकास विभाग को मिली, तो उसने कुसमी की टीम को वहां भेज कर बाल विवाह होने से रोका. मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना अधिकारी अनुसुइया वाजपेयी के निर्देश पर सेक्टर पर्यवेक्षक मानकुमारी पनाडिया और श्रद्धा बागडे ने मेडरा ग्राम पंचायत में पहुंची. वहां वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम सुधार समिति के कार्यकर्ताओं और पंचों की उपस्थिति में शनिवार 15 मई 2021 को होने वाले बाल विवाह को रोक दिया.
दस्तावेज में नाबालिक मिली लड़की
मिली जानकारी के अनुसार, बाल विकास विभाग कुसमी की टीम ने क्षेत्र में पहुंचकर स्वर्गीय पुष्पराज सिंह की नाबालिक पुत्री का बाल विवाह को रोका. 16 वर्षीय नाबालिग का विवाह 15 मई को कुशल राज सिंह,उम्र 25 वर्ष निवासी मेडरा के साथ किया जा रहा था. जब बाल विकास की टीम ने लड़की का मार्कशीट चेक किया, तो उसमें 16 साल उम्र मिली, इस दौरान महिला बाल विकास विभाग ने परिजनों को समाझाकर विवाह को रोक दिया.
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प्रशासन की सूझबूझ और दक्षता की वजह से आदिवासी अंचल कुसमी में एक नाबालिग लड़की का विवाह रोक दिया गया. यहां एक सराहनीय पहल देखने को मिली है. हालांकि यह एक आश्चर्यजनक बात है कि आज 21वीं सदी में भी अब बाल विवाह हो रहे हैं. ऐसे में इन्हें रोकने के लिए शासन की जद्दोजहद जारी है.