भोपाल/सीधी। अपनी मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन 11वें दिन भी लगातार जारी रहा. भोपाल में स्वास्थ्य कर्मियों ने पुलिस द्वारा सहकर्मियों को रस्सी बांधकर पकड़ कर ले जाने के अंदाज में विरोध किया. (Contract Health Worker Strike in Bhopal) कर्मचारियों ने रस्सी से अपने साथियों को बांधा और बगल में एक कर्मचारी हाथ में डंडा लेकर पुलिस की तरह बर्ताव करते दिखे. सीधी जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खिचड़ी बनाकर लोगों को वितरित करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है. संविदा कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग इतने कम वेतन में सिर्फ खिचड़ी ही पका सकते हैं.
32 हजार कर्मीं देंगे गिरफ्तारी: भोपाल में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलनरत हैं. इसके बावजूद सरकार आंदोलन दबाने के लिए अब पुलिस प्रशासन का डर दिखा रही है और पुलिस भी सरकार के दबाव में बेवजह स्वास्थ्य कर्मियों पर अत्याचार कर रही है. स्वास्थ्य कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अभी तो मात्र 10 साथियों को गिरफ्तार किया गया है अगर इनकी मांगे नहीं मानी गई तो 32000 साथियों को पुलिस को गिरफ्तार करना होगा.
सीधी में संविदा खिचड़ी का इजाद: सीधी जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खिचड़ी बनाकर लोगों को बांटकर अपना विरोध दर्ज कराया है. संविदा कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग इतने कम वेतन में सिर्फ खिचड़ी ही पका सकते हैं. (Sidhi Samvida Khichdi) कर्मचारियों बनाई गई खिचड़ी का नाम संविदा खिचडी रखा है. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अध्यक्ष राजीव गौतम ने बताया कि राज्य कार्यकारणी के दिये निर्देश के अनुसार हमारे द्वारा खिचड़ी बनाकर विरोध किया जा रहा है. शासन प्रशासन हमारी मांगो को लेकर जिस तरह मूक दर्शक बना हुआ उससे यही समझ आता है कि हमारे धैर्य की परीक्षा ली जा रही है.
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मुख्यमंत्री निवास का घेराव: संविदा कर्मचारी ने कहा कि हम भी इस बार आर पार के मूड में हैं और आने वाले दिनो में हम मुख्यमंत्री निवास का भी घेराव करेंगें. साथ ही जिले में आने वाले समस्त जनप्रतिनिधियों का भी घेराव किया जावेगा. हम निरंतर 10 दिन से ठंड में बैठकर हडताल कर रहे हैं. उधर कोरोना दस्तक की आहट आ रही है और हम सब हड़ताल पर हैं. अगर आम जनता को परेशानी होगी तो समस्त जिम्मेदारी मामा की होगी क्येांकि उनके द्वारा कहा गया था कि संविदा कर्मचारी एक कलंक हैं इसे मैं खत्म करुंगा लेकिन आज भी हम इस कलंक को ढो रहे हैं.