सीधी। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं कब तक पटरी पर आएगी इस पर अभी भी कुछ कहा नहीं जा सकता. इसकी वजह है, यहां करीब एक करोड़ रूपये की डायग्नोस्टिक वैन खड़े-खड़े धूल खा रही है. इस कीमती बस में कहने को तो कई स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन ये खड़े-खड़े कबाड़ में तब्दील होती जा रही है. इसके बावजूद इसे शुरु करने के बारे में कोई जिम्मेदार आगे नहीं आ रहा है.
वैसे कहने को तो इस बस यानी मोबाइल हैल्थ केयर यूनिट कम डाइग्नोस्टिक वैन को तत्कालीन कलेक्टर स्वाति मीणा ने शुरू कराया था, ताकि सड़क हादसों के गंभीर घायलों का इस चलित बस में ही सघन इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके. लेकिन अब ये कीमती बस 3 साल से कबाड़ बनकर रह गई.
जब सीएमएचओ से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बस के रख रखाव के लिए कोई बजट नहीं मिलता. लेकिन जब उनसे बस शुरु करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जल्द बस शुरू कराने की बाती कही. लेकिन इस बस को बंद ही क्यों किया गया इस बात का जवाब नहीं मिल पाया.