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शिव'राज' की स्वास्थ्य व्यवस्थाएंः शिवपुरी में नसबंदी कराने आयीं महिलाओं को कड़कड़ाती ठंड में फर्श पर लिटाया

शिवपुरी के पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (Pohri Community Health Center) में लग रहे नसबंदी शिविर (sterilization camp shivpuri) में शनिवार को 20 महिलाओं की नसबंदी की गई. इस दौरान महिलाओं को कड़कड़ाती ठंड में फर्श पर सोना पड़ा. अस्पताल प्रशासन ने महिलाओं को बेड तक उपलब्ध नहीं कराये. (shivpuri female sterilization)

shivpuri female sterilization
शिवपुरी महिला नसबंदी
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Published : Nov 21, 2021, 7:42 AM IST

Updated : Nov 21, 2021, 8:57 AM IST

शिवपुरी। जिले के पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (Pohri Community Health Center) पर नसबंदी शिविर (ऑपरेशन ) का आयोजन किया गया. शिविर में 20 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन (sterilization operation shivpuri) हुआ. इस दौरान शिविर में खूब व्यवस्थाओं की कमी और खूब लापरवाही देखने को मिला. यहां महिलाओं को कड़कड़ाती ठंड में नीचे गैलरी के फर्श पर लिटा दिया गया. महिलाओं के लिए पलंग की भी व्यवस्था नहीं की गई.

शिवपुरी में महिला नसबंदी

नसबंदी कराने वाली महिलाओं को फर्श पर सुलाया
बता दें कि पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर (sterilization camp shivpuri) चल रहा है. यहां महिलाएं नसबंदी का ऑपरेशन कराने के लिए आ रही हैं, लेकिन यहां नसबंदी कराने वाली महिलाओं को कोई व्यवस्था नहीं दी जा रही है. महिलाएं कड़कड़ाती ठंड (shivering cold in shivpuri) में फर्श पर सोने को मजबूर हैं. इसे डॉक्टरों की लापरवाही कहें या फिर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, जहां ऑपरेशनरत महिलाओं को बेड तक नहीं दिया गया. इस संदर्भ में जब सीएमएचओ से संपर्क साधना चाहा, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

क्या है महिला नसबंदी ?
नसबंदी प्रेगनेंसी को रोकने का एक परमानेंट तरीका है. इसमें फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) को ब्‍लॉक कर दिया जाता है, जिससे महिला कंसीव नहीं कर पाती हैं और बच्चे रहने का डर समाप्त हो जाता है. यह परिवार नियोजन का एक तरीका भी है. 40 से 44 साल की महिलाएं नसबंदी अधिक करवाती हैं. इसमें दो तरह से नसबंदी की जाती है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल. नसबंदी के बाद महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं. (shivpuri female sterilization)

श्योपुर: नसबंदी कराने के लिए अस्पताल का चक्कर लगा रही महिलाएं

कैसे होती है महिला नसबंदी ?
नसबंदी करने के लिए डॉक्टरों के बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है. नसबंदी करने से पहले डॉक्‍टर पेट और पेल्विक हिस्‍से की जांच करते हैं कि कहीं महिला को पीसीओडी जैसी कोई समस्‍या तो नहीं है. अगर पीसीओडी है, तो सर्जरी को रोका जा सकता है. अगर सब कुछ ठीक है, तो ट्यूबेक्टोमी में नाभि के आसपास एक छोटा कट लगाया जाता है. फिर एक पतली सी स्टिक पर लगे कैमरे को एक कट से अंदर डाला जाता है. इसकी मदद से डॉक्‍टर को फैलोपियन ट्यूब देखने में मदद मिलती है. डॉक्‍टर फैलोपियन ट्यूब को आधा काटकर उसे दोनों सिरों से एक साथ बांध देते हैं, या बाहर ही निकाल लेते हैं.

शिवपुरी। जिले के पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (Pohri Community Health Center) पर नसबंदी शिविर (ऑपरेशन ) का आयोजन किया गया. शिविर में 20 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन (sterilization operation shivpuri) हुआ. इस दौरान शिविर में खूब व्यवस्थाओं की कमी और खूब लापरवाही देखने को मिला. यहां महिलाओं को कड़कड़ाती ठंड में नीचे गैलरी के फर्श पर लिटा दिया गया. महिलाओं के लिए पलंग की भी व्यवस्था नहीं की गई.

शिवपुरी में महिला नसबंदी

नसबंदी कराने वाली महिलाओं को फर्श पर सुलाया
बता दें कि पोहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर (sterilization camp shivpuri) चल रहा है. यहां महिलाएं नसबंदी का ऑपरेशन कराने के लिए आ रही हैं, लेकिन यहां नसबंदी कराने वाली महिलाओं को कोई व्यवस्था नहीं दी जा रही है. महिलाएं कड़कड़ाती ठंड (shivering cold in shivpuri) में फर्श पर सोने को मजबूर हैं. इसे डॉक्टरों की लापरवाही कहें या फिर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था, जहां ऑपरेशनरत महिलाओं को बेड तक नहीं दिया गया. इस संदर्भ में जब सीएमएचओ से संपर्क साधना चाहा, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

क्या है महिला नसबंदी ?
नसबंदी प्रेगनेंसी को रोकने का एक परमानेंट तरीका है. इसमें फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) को ब्‍लॉक कर दिया जाता है, जिससे महिला कंसीव नहीं कर पाती हैं और बच्चे रहने का डर समाप्त हो जाता है. यह परिवार नियोजन का एक तरीका भी है. 40 से 44 साल की महिलाएं नसबंदी अधिक करवाती हैं. इसमें दो तरह से नसबंदी की जाती है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल. नसबंदी के बाद महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं. (shivpuri female sterilization)

श्योपुर: नसबंदी कराने के लिए अस्पताल का चक्कर लगा रही महिलाएं

कैसे होती है महिला नसबंदी ?
नसबंदी करने के लिए डॉक्टरों के बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है. नसबंदी करने से पहले डॉक्‍टर पेट और पेल्विक हिस्‍से की जांच करते हैं कि कहीं महिला को पीसीओडी जैसी कोई समस्‍या तो नहीं है. अगर पीसीओडी है, तो सर्जरी को रोका जा सकता है. अगर सब कुछ ठीक है, तो ट्यूबेक्टोमी में नाभि के आसपास एक छोटा कट लगाया जाता है. फिर एक पतली सी स्टिक पर लगे कैमरे को एक कट से अंदर डाला जाता है. इसकी मदद से डॉक्‍टर को फैलोपियन ट्यूब देखने में मदद मिलती है. डॉक्‍टर फैलोपियन ट्यूब को आधा काटकर उसे दोनों सिरों से एक साथ बांध देते हैं, या बाहर ही निकाल लेते हैं.

Last Updated : Nov 21, 2021, 8:57 AM IST
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