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मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 5 साल से भटक रही डकैत की पत्नी, नहीं हो रही सुनवाई - जनपद पंचायत सीईओ मनीषा चतुर्वेदी

मृत डकैत की पत्नी पांच सालों से पति के मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भटक रही है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है.

Wife of dacoit wandering for 5 years
पांच साल से भटक रही डकैत की पत्नी
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Published : Mar 7, 2021, 5:40 PM IST

शिवपुरी। किसी समय आतंक का पर्याय रहे 30 हजार रुपये के इनामी चंदन गड़रिया के एनकाउंटर के बाद अब उसकी पत्नी 5 साल से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दरबदर की ठोकर खा रही है, लेकिन चंदन गड़रिया का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है.

दरअसल, ये एनकाउंटर 3 पंचायतों की सीमाओं में उलझा हुआ है. पंचायतों के कर्ताधर्ता किसी डकैत की मौत को अपनी पंचायत से जोड़ना नहीं चाहते है. नतीजा यह हुआ कि मृतक चंदन की पत्नी गीता को विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए गीता कलेक्टर के यहां जनसुनवाई में भी 5 अगस्त 2019 को आवेदन लगा चुकी है.

5 साल पहले हुआ था एनकाउंटर
पुलिस ने जनवरी 2016 में 30 हजार रुपये के इनामी डकैत चंदन गड़रिया को केनवाया के जंगलों में मार गिराया था. चंदन करैरा तहसील के मामौनी गांव का रहने वाला था. मृतक की पत्नी गीता का कहना है कि चंदन के साथ पुलिस ने जो किया सो किया, लेकिन अब पेट कैसे भरे. पांच बच्चे हैं, कच्चा मकान है. कम से कम गुजारे के लिए विधवा पेंशन और राशन के लिए बीपीएल कार्ड तो सरकार दें. गीता ने कहा कि मेरे बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं. बच्ची शादी के लायक हो गई है, लेकिन न तो कोई सुनवाई हो रही है और न ही कोई मदद मिल रही है.

दयाराम रामबाबू गैंग से रहा नाता
30 हजार के इनामी चंदन गड़रिया का पहले दुर्दांत दस्यु गिरोह और प्रदेश में टी-1 पर दर्ज रहे 5 लाख के इनामी दयाराम रामबाबू गड़रिया गिरोह से नाता रहा. यह गिरोह को राशन-पानी मुहैया कराता था. इसके बाद उसने पुलिस के लिए भी मुखबिरी की, लेकिन जब चंदन को दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी बनाया गया, तो वह फरार हो गया और डकैत बन गया.

पांच साल से भटक रही डकैत की पत्नी

डकैत संग्रहालय पर ग्रहण लगाने में जुटे बसपा विधायक, भरी सभा में दिया ऐसा बयान

चंदन ने इलाके में कुछ अस्थाई मेम्बर जोड़कर अपनी गैंग बना ली थी, लेकिन चंदन सुर्खियों में तब आया था, जब उसने फरार होने के दो महीने के अंदर ही कोलारस क्षेत्र से चरवाहे सीताराम जाट का अपहरण कर सनसनी फैला दी थी. पुलिस ने पहले चंदन पर 10 हजार रुपये का इनाम लगाया था. बाद में बढ़ाकर 30 हजार कर दिया गया था.

परिवार का अब बुरा हाल
जिस चंदन के नाम से पूरा मामौनी गांव और आसपास का इलाका कांपता था. अब उसकी पत्नी दूसरों के खेतों में मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने बच्चोंं को पाल रही है. वह सरकार से मदद की गुहार लगा रही है, लेकिन पति चंदन का मृत्यु प्रमाण पत्र न होने से उसे सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

पंचायत सचिव रमेश लोधी कहते है कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना उनके क्षेत्र अधिकार की बात नहीं है, तो वहीं जनपद पंचायत सीईओ मनीषा चतुर्वेदी का कहना है कि डकैत चंदन गड़रिया का एनकाउंटर पिछोर तहसील में हुआ था. इसलिए उसका मृत्यु प्रमाण पत्र करैरा से न बनकर पिछोर से ही बनेगा.

शिवपुरी। किसी समय आतंक का पर्याय रहे 30 हजार रुपये के इनामी चंदन गड़रिया के एनकाउंटर के बाद अब उसकी पत्नी 5 साल से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दरबदर की ठोकर खा रही है, लेकिन चंदन गड़रिया का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है.

दरअसल, ये एनकाउंटर 3 पंचायतों की सीमाओं में उलझा हुआ है. पंचायतों के कर्ताधर्ता किसी डकैत की मौत को अपनी पंचायत से जोड़ना नहीं चाहते है. नतीजा यह हुआ कि मृतक चंदन की पत्नी गीता को विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए गीता कलेक्टर के यहां जनसुनवाई में भी 5 अगस्त 2019 को आवेदन लगा चुकी है.

5 साल पहले हुआ था एनकाउंटर
पुलिस ने जनवरी 2016 में 30 हजार रुपये के इनामी डकैत चंदन गड़रिया को केनवाया के जंगलों में मार गिराया था. चंदन करैरा तहसील के मामौनी गांव का रहने वाला था. मृतक की पत्नी गीता का कहना है कि चंदन के साथ पुलिस ने जो किया सो किया, लेकिन अब पेट कैसे भरे. पांच बच्चे हैं, कच्चा मकान है. कम से कम गुजारे के लिए विधवा पेंशन और राशन के लिए बीपीएल कार्ड तो सरकार दें. गीता ने कहा कि मेरे बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं. बच्ची शादी के लायक हो गई है, लेकिन न तो कोई सुनवाई हो रही है और न ही कोई मदद मिल रही है.

दयाराम रामबाबू गैंग से रहा नाता
30 हजार के इनामी चंदन गड़रिया का पहले दुर्दांत दस्यु गिरोह और प्रदेश में टी-1 पर दर्ज रहे 5 लाख के इनामी दयाराम रामबाबू गड़रिया गिरोह से नाता रहा. यह गिरोह को राशन-पानी मुहैया कराता था. इसके बाद उसने पुलिस के लिए भी मुखबिरी की, लेकिन जब चंदन को दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी बनाया गया, तो वह फरार हो गया और डकैत बन गया.

पांच साल से भटक रही डकैत की पत्नी

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चंदन ने इलाके में कुछ अस्थाई मेम्बर जोड़कर अपनी गैंग बना ली थी, लेकिन चंदन सुर्खियों में तब आया था, जब उसने फरार होने के दो महीने के अंदर ही कोलारस क्षेत्र से चरवाहे सीताराम जाट का अपहरण कर सनसनी फैला दी थी. पुलिस ने पहले चंदन पर 10 हजार रुपये का इनाम लगाया था. बाद में बढ़ाकर 30 हजार कर दिया गया था.

परिवार का अब बुरा हाल
जिस चंदन के नाम से पूरा मामौनी गांव और आसपास का इलाका कांपता था. अब उसकी पत्नी दूसरों के खेतों में मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने बच्चोंं को पाल रही है. वह सरकार से मदद की गुहार लगा रही है, लेकिन पति चंदन का मृत्यु प्रमाण पत्र न होने से उसे सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

पंचायत सचिव रमेश लोधी कहते है कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना उनके क्षेत्र अधिकार की बात नहीं है, तो वहीं जनपद पंचायत सीईओ मनीषा चतुर्वेदी का कहना है कि डकैत चंदन गड़रिया का एनकाउंटर पिछोर तहसील में हुआ था. इसलिए उसका मृत्यु प्रमाण पत्र करैरा से न बनकर पिछोर से ही बनेगा.

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