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करैरा पूर्व विधायक के पत्र सोशल मीडिया पर हुए वायरल

करैरा के पूर्व विधायक जसमंत जाटव के दो पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. यह दोनों ही पत्र विधायक की हैसियत से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दतिया कलेक्टर को लिखे गए थे.

Two letters of former MLA viral on social media
पूर्व विधायक के दो पत्र सोशल मीडिया पर वायरल
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Published : Jun 24, 2020, 6:46 PM IST

शिवपुरी। करैरा नगर पालिका से विधायक रहे जसमंत जाटव अपने आप को पूर्व विधायक मानने से इंकार कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने विधायक की हैसियत से दो पत्र जारी कर दिए हैं, जिसमें से एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा गया है और दूसरा पत्र दतिया के कलेक्टर रोहित सिंह को लिखा है.

पूर्व विधायक जसमंत जाटव द्वारा लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो चर्चा का विषय बन गया है. जब इस संबंध में जसमंत जाटव से पूछा गया, तो उनका कहना था कि यह पत्र उन्होंने पहले लिखे थे, लेकिन तारीख नहीं डाली थी. किसी ने उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है और इन पत्रों को वायरल किया है.

क्या लिखा है वायरल पत्र में

पूर्व विधायक जसमंत जाटव ने एक पत्र 27 मई 2020 को अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखा था. इसमें कहा है कि लॉकडाउन के चलते वेतन नहीं मिलने से अतिथि शिक्षक आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं. 12 सालों से वे लगातार अतिथि बतौर काम कर रहे हैं. अब उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. साथ ही अतिथि शिक्षकों को हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की तरह 62 साल की आयु तक सेवा दी जाए. 27 मई 2020 को लिखे गए इस पत्र में जसमंत जाटव विधायक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 23 करैरा के साथ उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं, जबकि अब वह पूर्व विधायक हैं, विधायक नहीं हैं.

दूसरा पत्र दतिया कलेक्टर को लिखा

23 जून 2020 को जसमंत जाटव ने दतिया के कलेक्टर रोहित सिंह को एक पत्र लिखा था. जाटव ने इसे भी बतौर विधायक लिखा है. इसमें करैरा विधानसभा क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतें जिले में आने और इन पंचायतों का शासकीय कामकाज देखने के साथ-साथ जिला पंचायत और जिला योजना समिति की बैठकों में विधायक प्रतिनिधि के रूप में भिलाड़ी के रहने वाले श्यामपाल सिंह परमार को नियुक्त किया गया है. यह पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कुछ महीने पहले लिखे गए थे पत्र

पत्रों के संबंध में विधायक का कहना है, 'यह पत्र कुछ माह पहले के हैं. जब हमने प्रतिवेदन तैयार किए थे. तब तारीख नहीं डाली गई थी, लेकिन हो सकता है हमारे बच्चे ने पत्र पर तारीख लिखकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. मेरी भी जानकारी में यह बात आई है. मैंने कोई पत्र नहीं लिखे, मुझे अच्छे से पता है कि वर्तमान में मैं विधायक नहीं हूं, तो पत्र कैसे लिख सकता हूं.'

शिवपुरी। करैरा नगर पालिका से विधायक रहे जसमंत जाटव अपने आप को पूर्व विधायक मानने से इंकार कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने विधायक की हैसियत से दो पत्र जारी कर दिए हैं, जिसमें से एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा गया है और दूसरा पत्र दतिया के कलेक्टर रोहित सिंह को लिखा है.

पूर्व विधायक जसमंत जाटव द्वारा लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो चर्चा का विषय बन गया है. जब इस संबंध में जसमंत जाटव से पूछा गया, तो उनका कहना था कि यह पत्र उन्होंने पहले लिखे थे, लेकिन तारीख नहीं डाली थी. किसी ने उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है और इन पत्रों को वायरल किया है.

क्या लिखा है वायरल पत्र में

पूर्व विधायक जसमंत जाटव ने एक पत्र 27 मई 2020 को अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखा था. इसमें कहा है कि लॉकडाउन के चलते वेतन नहीं मिलने से अतिथि शिक्षक आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं. 12 सालों से वे लगातार अतिथि बतौर काम कर रहे हैं. अब उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. साथ ही अतिथि शिक्षकों को हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की तरह 62 साल की आयु तक सेवा दी जाए. 27 मई 2020 को लिखे गए इस पत्र में जसमंत जाटव विधायक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 23 करैरा के साथ उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं, जबकि अब वह पूर्व विधायक हैं, विधायक नहीं हैं.

दूसरा पत्र दतिया कलेक्टर को लिखा

23 जून 2020 को जसमंत जाटव ने दतिया के कलेक्टर रोहित सिंह को एक पत्र लिखा था. जाटव ने इसे भी बतौर विधायक लिखा है. इसमें करैरा विधानसभा क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतें जिले में आने और इन पंचायतों का शासकीय कामकाज देखने के साथ-साथ जिला पंचायत और जिला योजना समिति की बैठकों में विधायक प्रतिनिधि के रूप में भिलाड़ी के रहने वाले श्यामपाल सिंह परमार को नियुक्त किया गया है. यह पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कुछ महीने पहले लिखे गए थे पत्र

पत्रों के संबंध में विधायक का कहना है, 'यह पत्र कुछ माह पहले के हैं. जब हमने प्रतिवेदन तैयार किए थे. तब तारीख नहीं डाली गई थी, लेकिन हो सकता है हमारे बच्चे ने पत्र पर तारीख लिखकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. मेरी भी जानकारी में यह बात आई है. मैंने कोई पत्र नहीं लिखे, मुझे अच्छे से पता है कि वर्तमान में मैं विधायक नहीं हूं, तो पत्र कैसे लिख सकता हूं.'

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