शिवपुरी। अभिभावकों की छोटी सी लापरवाही बच्चों की जान पर आफत बन सकती है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कई लोगों की जिंदगी मिनटों में खत्म हो सकती है. लापरवाही का यह मामला शिवपुरी जिले के टामकी गांव का है. यहां दो साल का मासूम बच्चा पानी समझ कर थिनर गटक गया. थिनर पीने के बाद बच्चे का पेट फूलने लगा. गंभीर हालत में परिजन बच्चे को इलाज के लिए कोलारस के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां अस्पताल में ना डॉक्टर मिले ना ही एंबुलेंस.
पेंट करने के लिए खरीदा था थिनर: जानकारी के अनुसार टामकी गांव का रविंद्र केवट दिवाली में दरवाजों पर पेंट करने के लिए थिनर खरीद कर लाया था. थिनर का ढक्कन खोल कर पत्नी से दरवाजों पर पेंट करने की बात कह कर वह खेत पर काम करने चला गया. रविंद्र का 2 वर्षीय बेटा गौरव वहां खेल रहा था. उसने पानी समझकर थिनर पी लिया जिससे उसकी की हालत बिगड़ गई.
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लापरवाह अस्पताल प्रबंधन: बच्चे को इलाज के लिए माता-पिता कोलारस के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे. रविंद्र ने बताया कि उसे वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला. नर्स ने कहा कि, बच्चे की हालत गंभीर है उसे जिला अस्पताल ले जाओ, लेकिन रविंद्र को कोलारस के सरकारी अस्पताल से कोई भी एंबुलेंस नहीं. मजबूरी में पिता बाइक पर ही बच्चे को इलाज के लिए शिवपुरी लेकर पहुंचा और मासूम बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है.