शिवपुरी। जिले में दूध बेचने वालों ने दूध की सप्लाई बंद कर दी है, जिसके कारण लोगों को दूध की किल्लत से परेशान होना पड़ रहा है. वहीं, दुकानदारों ने दूध की कमी को कम करने के लिए ग्वालियर संभाग के मालनपुर से 20 हजार लीटर से अधिक दूध मंगाया, लेकिन दूध की बिक्री से पहले ही खाद्य अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर सैंपल भरे. मिली जानकारी के अनुसार रविवार को खाद्य अधिकारी आशुतोष मिश्रा, आरआई प्रमोद शर्मा ने अपनी टीम के साथ आनंद दूध डेयरी पहुंचे और पनीर, दूध और अन्य सामाग्री के सैंपल एकत्रित किए.
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ग्वालियर के मालनपुर से मंगाया था दूधः इस पूरे मामले में दुग्ध संघ के अध्यक्ष आनंद राठौर का कहना है कि उन्हें जिले वासियों की और से सोचना महंगा पड़ा है. उन्होंने कहा कि हमने आज ग्वालियर के मालनपुर से दूध मंगाया था, ताकि जिले में दूध की किल्लत को कुछ हद तक कम हो जाए, लेकिन इस प्रयास का खामियाजा हमको भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जिलों में दूध के फेट के हिसाब से दूध खरीदा जाता है. शिवपुरी जिले में दूध खोआ के आधार पर दिया जाता है. वहीं, जिले में दूधिया अपनी मनमानी चला रहे हैं और दूध के रेट बढ़ाने की जिद्द पर अड़े हुए हैं. आपको बता दें कि जिले में मंहगाई के चलते 45 रुपये में दूध की बिक्री हो रही है, जिससे लोगों को दूध लेने में दिक्कत आ रही है. फिलहाल अभी दूधिया दूध के दाम 50 रुपये और उसके बाद गर्मी में 55 रुपये की मांग पर अड़े हुए हैं.
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दूधियों और प्रशासन के बीच हुई थी बैठकः शुक्रवार को दूधियों और प्रशासन के बीच बैठक हुई थी. ये बैठक में एसडीएम की अध्यक्षता में हुई थी. इस बैठक में दूध की कीमतों को लेकर चर्चा की गई, जिसमें तय हुआ कि 15 फरवरी से 31 मार्च तक 43 रुपये प्रति लीटर, 1 अप्रैल से 10 जुलाई को 43 रुपये प्रति लीटर और 11 जुलाई से दीपावली की दोज तक दूध का भुगतान 44 रुपये प्रति लीटर मूल्य का भूगतान करना होगा. इस बैठक में तहसीलदार, पुलिस प्रशासन के साथ आमजन भी मौजूद थे. वहीं, बैठक में दूध की कीमतों पर लिए गए इस फैसले के बाद दूधियों ने हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन दूध की सप्लाई न होने के कारण अभी भी लोगों में परेशानी बनी हुई है.