शिवपुरी। शनिवार को पांच ट्रैक्टर-ट्रालियों से सैकड़ों ग्रामीण मन्नत पूरी होने पर बलारपुर माता के मंदिर पर दर्शन करने के लिए जा रहे थे. फारेस्ट कर्मचारियों ने उन्हें मंदिर तक जाने से रोक दिया. इस पर ग्रामीणों और महंत का फारेस्ट कर्मचारियों से विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि बाबा ने फारेस्ट चौकी के गेट पर ही ताला लगा दिया. इसके बाद वह ग्रामीणों को लेकर सुरवाया थाने मामले की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. पार्क प्रबंधन अब मंदिर से जुड़े हुए लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
महंत ने कहा बदल दें मदिर: मंदिर प्रबंधन का कहना है कि नेशनल पार्क प्रबंधन से जुड़े लोग लगातार भक्तों को परेशान कर रहे थे. इसी के चलते वह हजारों ग्रामीणों के साथ मिलकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर पहुंचेंगे. वहां कलेक्टर को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराएंगे कि फारेस्ट प्रबंधन द्वारा सैंकड़ों साल पुराने मंदिर के रास्ते को बंद किया जा रहा है. ऐसे में लाखों भक्तों की आस्था पर कुठाराघात हो रहा है. इसके अलावा इसी के साथ ज्ञापन सौंप कर शत चंडी यज्ञ की अनुमति मांगेंगे. महंत प्रयाग भारती का कहना है कि हमने तो प्रशासन से यहां तक कह दिया कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह माता की प्रतिमा को उठाकर मंदिर को यहां से कहीं और स्थापित कर दें. हम वहां जाकर मां की पूजा अराधना कर लेंगे.
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कार्रवाई की बात: पार्क प्रबंधन अब मंदिर से जुड़े हुए लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसी के चलते विनय राज शर्मा को एक नोटिस सौंपा गया है जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को वन एवं वन्यजीव विरोधी कार्य के लिए उकसाया जाने की बात कही गई है. आपका यह कृत्य वन्य प्राणी सरंक्षण अधिनियम 1971 की धारा 52 के तहत दंडनीय अपराध है. इस संबंध में 16 अप्रैल तक विजय से उसका पक्ष जाना गया है. नोटिस में यह उल्लेख है कि अनुपस्थिती की स्थिती में आपके खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा. थाना प्रभारी रामेंद्र चौहान ने बताया कि यह पूरा मामला नेशनल पार्क प्रबंधन से जुड़ा हुआ है. नेशनल पार्क प्रबंधन ने वहां कुछ एडवायजरी जारी की है. ऐसे में हमने शिकायतकर्ताओं को यह समझाया है कि यह मामला हमसे नहीं नेशनल पार्क से जुड़ा है.