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शिवपुरी जिले में अस्पताल बेहाल...प्रसव के लिए महिला को लेकर पहुंचे परिजन तो लटके मिले ताले - शिवपुरी में अस्पताल बदहाल

शिवपुरी जिले के खरई अस्पताल में प्रसव के लिए महिला को लेकर पहुंचे परिजनों को वहां ताले लटके मिले. दो घंटे तक महिला अस्पताल के गेट पर दर्द से कराहती रही. shivpuri district hospitals mismanagement

shivpuri district hospitals mismanagement
महिला को लेकर पहुंचे परिजन तो अस्पताल में लटके मिले ताले
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Jan 16, 2024, 11:13 AM IST

शिवपुरी। शासन ने सुदूर गांवों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए न सिर्फ अस्पताल खोले बल्कि वहां पर्याप्त सुविधाओं के साथ ट्रेंड मेडिकल स्टाफ भी पदस्थ किया है. इसके बाबजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम यह है कि मरीजों को इन अस्पतालों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. इसी का परिणाम है कि रविवार को कोलारस के खरई में जब प्रसूता प्रसव के लिए पहुंची तो अस्पताल में ताले लटके मिले. वह करीब दो घंटे तक वहां स्टाफ का इंतजार करती रही.

एंबुलेंस वाला भी करता रहा इंतजार : ग्राम डेहरवारा निवासी महिला रविवार की दोपहर प्रसव पीड़ा हुई तो वह 108 एम्बूलेंस के माध्यम से खरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के लिए पहुंची. जब प्रसूता और उसके परिजन अस्पताल में पहुंचे तो अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद नहीं मिला. प्रसूता शाम 4 बजे अस्पताल पहुंच गई थी, परंतु शाम करीब छह बजे तक उसे अस्पताल में अटेंड नहीं किया गया. एंबुलेंस का स्टाफ भी दो घंटे तक इंतजार करता रहा. इसी अस्पताल में ग्राम पाली की एक अन्य प्रसूता भी प्रसव के लिए पहुंची थी, उसे भी अस्पताल पहुंचने के दो घंटे बाद तक न तो किसी चिकित्सकीय स्टाफ ने देखा और न ही उसे भर्ती किया गया.

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अस्पताल में ऐसा अक्सर होता है : प्रसूता के अटेंडरों का कहना था कि अस्पताल में कोई स्टाफ ही नहीं है. आफिस में ताले लटके हुए हैं. आए दिन यही हाल होता है. ग्रामीणों का कहना है कि यह हालत सिर्फ आज की नहीं है. यहां पर आए दिन इसी तरह के हालात निर्मित होते हैं. न तो मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जाता है और न ही प्रसूताओं का प्रसव करवाया जाता है. जो स्टाफ यहां पर तैनात है, वह अक्सर अस्पताल से गायब रहता है. ऐसे में खरई स्वास्थ्य केंद्र तो सिर्फ ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी के समान है. इधर, इस मामले में सीएमएचओ डॉ. पवन जैन का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी.

शिवपुरी। शासन ने सुदूर गांवों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए न सिर्फ अस्पताल खोले बल्कि वहां पर्याप्त सुविधाओं के साथ ट्रेंड मेडिकल स्टाफ भी पदस्थ किया है. इसके बाबजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही का परिणाम यह है कि मरीजों को इन अस्पतालों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. इसी का परिणाम है कि रविवार को कोलारस के खरई में जब प्रसूता प्रसव के लिए पहुंची तो अस्पताल में ताले लटके मिले. वह करीब दो घंटे तक वहां स्टाफ का इंतजार करती रही.

एंबुलेंस वाला भी करता रहा इंतजार : ग्राम डेहरवारा निवासी महिला रविवार की दोपहर प्रसव पीड़ा हुई तो वह 108 एम्बूलेंस के माध्यम से खरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के लिए पहुंची. जब प्रसूता और उसके परिजन अस्पताल में पहुंचे तो अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद नहीं मिला. प्रसूता शाम 4 बजे अस्पताल पहुंच गई थी, परंतु शाम करीब छह बजे तक उसे अस्पताल में अटेंड नहीं किया गया. एंबुलेंस का स्टाफ भी दो घंटे तक इंतजार करता रहा. इसी अस्पताल में ग्राम पाली की एक अन्य प्रसूता भी प्रसव के लिए पहुंची थी, उसे भी अस्पताल पहुंचने के दो घंटे बाद तक न तो किसी चिकित्सकीय स्टाफ ने देखा और न ही उसे भर्ती किया गया.

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अस्पताल में ऐसा अक्सर होता है : प्रसूता के अटेंडरों का कहना था कि अस्पताल में कोई स्टाफ ही नहीं है. आफिस में ताले लटके हुए हैं. आए दिन यही हाल होता है. ग्रामीणों का कहना है कि यह हालत सिर्फ आज की नहीं है. यहां पर आए दिन इसी तरह के हालात निर्मित होते हैं. न तो मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जाता है और न ही प्रसूताओं का प्रसव करवाया जाता है. जो स्टाफ यहां पर तैनात है, वह अक्सर अस्पताल से गायब रहता है. ऐसे में खरई स्वास्थ्य केंद्र तो सिर्फ ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी के समान है. इधर, इस मामले में सीएमएचओ डॉ. पवन जैन का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी.

Last Updated : Jan 16, 2024, 11:13 AM IST
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