शिवपुरी। कोलारस थाना क्षेत्र के टामकी में सिंध नदी पर बनाए गए स्टॉप डैम के दरवाजे तोड़कर डैम को खाली करने के मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. (Shivpuri Stop Dam) जल संसाधन विभाग के उपयंत्री एलएन निमोरिया की शिकायत पर पुलिस ने आोरपियों के खिलाफ भादवि की धारा 430 के तहत केस दर्ज किया है. यह सभी लोग किसानों से रूपए वसूलकर उन्हें सिंचाई के लिए डैम से पानी छोड़कर डैम खाली कर देते थे और डैम के दरवाजों की प्लेटे नदी में फेंककर चले जाते थे, जिससे स्टॉप डैम फिर बंद न हो सके.
जल संसाधन विभाग को लगाया चूना: जल संसाधन विभाग के उपयंत्री एलएन निमोरिया ने पुलिस को आवेदन देकर बताया था कि 17 सितंबर की रात किसी अज्ञात व्यक्ति ने टॉमकी स्टॉप डैम के 11 गेटों की सभी प्लेटे निकालकर नदी में फेंक दी थी. जिससे स्टॉप डैम खाली हो गया और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी हो गई. स्टॉप डैम को किसानों की सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता करने एवं क्षेत्र में जलस्तर वृद्धि हेतु बनाया गया था और उसमें गेट लगाकर पानी को भरवाया गया था. पुलिस ने मामले को लेकर गांव के लोगों से बयान लिए. मामले जांच एसआई शत्रुधन सिंह भदौरिया ने की और जांच के बाद आरोपी बंटी, कल्ला, माखन, केपी, भूरा उर्फ राजकुमार, कमलसिंह और रामेश्वर गुर्जर पर मामला दर्ज कर लिया.
डैम से आरोपी चला रहे थे रोजगार: डैम के दरवाजों को क्षति पहुंचाने के मामले में कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी चिंता जाहिर कर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. मामले में आरोपी बंटी और कल्ला की महत्वपूर्ण भूमिका थी और यह दोनों मिलकर ही किसानों से पानी के एवज में वसूली करते थे. स्टॉप डैम को खाली करने वाले आरोपी लंबे समय से डैम के पानी से अपना रोजगार चला रहे थे. आरोपी स्टॉप डैम से पानी छोड़कर उसे निचले क्षेत्रों मेंं बसने वाले गांव तक पहुंचाते थे और वहां खेती करने वाले किसानों से पानी छोडऩे के एवज में रूपए वसूलते थे. यह सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा था.