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वेतन लेने के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रही 'राखी'

बालिका छात्रावास में सहायक वार्डन के रूप मे कार्य कर रही राखी वेतन के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रही है. राखी का कहना है कि छात्रावास की वार्डन और डीसीपी जानबुझकर मेरे पैसे नहीं दे रहे है. वहीं डीसीपी का कहना है कि पंचायत अध्यक्ष के गलत हस्ताक्षर के कारण पैसे रूके हुए है.

Victim girl
पीड़ित युवती
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Published : Feb 9, 2021, 9:57 PM IST

शिवपुरी। साहब...! मैं बालिका छात्रावास इंदार में सहायक वार्डन के रूप मे कार्य कर रही हूं. कार्य करते हुए मुझे 8 माह हो गए लेकिन मेरा वेतन अभी तक नहीं मिला. जब इस संबंध में वार्डन और डीपीसी से बातचीत की जाती है तो वह मेरे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. यह कहना था जनसुनवाई में गुहार लगाने आई राखी वर्मा का. जो इंदार के बालिका छात्रावास में सहायक वार्डन में पदस्थ है. राखी को वार्डन और डीपीसी परेशान करते है और वेतन का भुगतान भी नहीं करते. इसलिए राखी ने मंगलवार को जनसुनवाई में अधिकारियों को अपनी फरियाद सुनाई.

वेतन नहीं मिलने से परेशान राखी
  • 8 वर्ष से कर रही है काम

राखी वर्मा ने बताया कि वह सहायक वार्डन बालिका छात्रावास इंदार में 8 वर्ष से अपनी सेवाएं दे रही है. लेकिन अभी तक वार्डन आशा रघुवंशी ने छात्रावास के ताले नहीं खोले. जिस वजह से मैं बाहर बैठकर अपना कार्य कर रही हूं. इस संबंध में शामावि इंदार में डीपीसी ने निर्देशित किया था कि मेरी ज्वाईनिंग शामावि इंदार में करवाई जाए. स्कूल के हेडमास्टर ने लिखित आदेश मांगा. लेकिन आज तक कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया.

  • 11 माह से नहीं मिला वेतन

राखी वर्मा ने बताया कि मुझे विगत 11 माह से वेतन नहीं मिला है. मेरी छोटी बहन की हालत ज्यादा खराब है. मेरे पापा का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. मुझे वेतन न मिल पाने की वजह से मैं उनका इलाज नहीं करवा पा रही हूं. यहां से इंदार का डेली किराया 200 रुपए के लगभग लग जाता है. लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति वेतन न मिलने के कारण काफी बिगड़ गई है.

  • अध्यक्ष के हस्ताक्षर से अटका है वेतन

मामले के बारे में डीपीसी ने कहा कि पंचायत अध्यक्ष के गलत हस्ताक्षर होने पर ही वेतन निकाल सकती है. वहीं अध्यक्ष अनपढ़ है वह हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं है. अध्यक्ष हस्ताक्षर कर देते है, तो वेतन मिल जाएगा.

शिवपुरी। साहब...! मैं बालिका छात्रावास इंदार में सहायक वार्डन के रूप मे कार्य कर रही हूं. कार्य करते हुए मुझे 8 माह हो गए लेकिन मेरा वेतन अभी तक नहीं मिला. जब इस संबंध में वार्डन और डीपीसी से बातचीत की जाती है तो वह मेरे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. यह कहना था जनसुनवाई में गुहार लगाने आई राखी वर्मा का. जो इंदार के बालिका छात्रावास में सहायक वार्डन में पदस्थ है. राखी को वार्डन और डीपीसी परेशान करते है और वेतन का भुगतान भी नहीं करते. इसलिए राखी ने मंगलवार को जनसुनवाई में अधिकारियों को अपनी फरियाद सुनाई.

वेतन नहीं मिलने से परेशान राखी
  • 8 वर्ष से कर रही है काम

राखी वर्मा ने बताया कि वह सहायक वार्डन बालिका छात्रावास इंदार में 8 वर्ष से अपनी सेवाएं दे रही है. लेकिन अभी तक वार्डन आशा रघुवंशी ने छात्रावास के ताले नहीं खोले. जिस वजह से मैं बाहर बैठकर अपना कार्य कर रही हूं. इस संबंध में शामावि इंदार में डीपीसी ने निर्देशित किया था कि मेरी ज्वाईनिंग शामावि इंदार में करवाई जाए. स्कूल के हेडमास्टर ने लिखित आदेश मांगा. लेकिन आज तक कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया.

  • 11 माह से नहीं मिला वेतन

राखी वर्मा ने बताया कि मुझे विगत 11 माह से वेतन नहीं मिला है. मेरी छोटी बहन की हालत ज्यादा खराब है. मेरे पापा का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. मुझे वेतन न मिल पाने की वजह से मैं उनका इलाज नहीं करवा पा रही हूं. यहां से इंदार का डेली किराया 200 रुपए के लगभग लग जाता है. लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति वेतन न मिलने के कारण काफी बिगड़ गई है.

  • अध्यक्ष के हस्ताक्षर से अटका है वेतन

मामले के बारे में डीपीसी ने कहा कि पंचायत अध्यक्ष के गलत हस्ताक्षर होने पर ही वेतन निकाल सकती है. वहीं अध्यक्ष अनपढ़ है वह हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं है. अध्यक्ष हस्ताक्षर कर देते है, तो वेतन मिल जाएगा.

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