शिवपुरी। जिले के बैराड़ नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को अब तक जमीन आबंटित नहीं हुई है, जिसके चलते पीएम आवास स्वीकृत होने के 3 साल बाद भी लोहपीठा समुदाय के लोग अपना घर नहीं बना पा रहे है. ऐसे में उन्हें तिरपाल तानकर बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.
अब तक नहीं मिली जमीन
एक ओर जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोक हितकारी योजनाओं को कागजों की जगह धरातल पर उतारने की बात कह रहे है. वहीं दूसरी ओर कुछ गैर जिम्मेदाराना अधिकारी सरकार की योजनाओं को फेल साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. शिवपुरी जिले की बैराड़ नगर परिषद क्षेत्र में राजस्व विभाग के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये का ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसमें निवासरत लोहपीठा समुदाय के भूमिहीन पीएम आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को अब तक योजना का लाभ नहीं मिला है.
फाइलों में अटकी आबंटन की जमीन
जमीन आबंटन की फाइल लालफीताशाही की भेंट चढ़ कर रह गई है, जिसके कारण योजना के पात्र होने के बाद भी इन लोगों का आवास नहीं बन पाया है. लोहपीठा समुदाय के लोगों को आज भी सड़क किनारे तिरपाल तानकर झोपड़ियां बनाकर रहना पड़ रहा है. पिछले तीन साल से नगर परिषद अधिकारी, तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर के यहां कई बार जनसुनवाई में गुहार लगाई गई है, लेकिन आज तक इन गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. पिछले डेढ़ साल से ये फाइल पोहरी में राजस्व विभाग में अटकी हुई है. जिसके कारण इन भूमिहीन परिवारों को पीएम आवास स्वीकृत होने के 3 साल बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सड़क किनारे रहने को मजबूर लोहपीठा समुदाय
नगर में कई सालों से सड़क किनारे झोंपडियों में गुजर बसर कर रहे लोहपीठा परिवारों को साल 2018 में प्रधानमंत्री आवास तो स्वीकृत किए जा चुके हैं, लेकिन पक्के आवासों के संबंध में इन्हें दिया गया आश्वासन जमीन आबंटन नहीं होने के कारण अब तक पूरा नहीं हुआ है. ऐसी मान्यता है कि लोहपीठा परिवार किसी स्थान पर स्थायी रूप से बसेरा नहीं करते, लेकिन बैराड़ में एक स्थान पर सालों से डेरा डाले लोहपीठा परिवार अब अपने सिर पर पक्की छत चाहते हैं. लोहपीठा समाज के लोगों ने बताया कि हम लोग गरीबी हालत में सड़क किनारे 12 महीने तिरपाल तानकर बिना बिजली के सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम में आने वाली परेशानियों में अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं. सड़क किनारे रहकर लोहे का छोटा-छोटा सामान बनाकर बेचते है और अपना पेट पालते हैं.
गुहार लगाने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
बैराड़ नगर परिषद क्षेत्र में सालों से निवास कर रहे लोहपीठा परिवारों का आरोप है कि वे लोग गरीब हैं, इसलिए कोई सुनवाई नहीं करता. पिछले 3 साल से पीएम आवास योजना में खुद का घर बनाने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों से लेकर तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर के यहां गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. पिछले साल तहसील कार्यालय का वार्षिक निरीक्षण करने आईं कलेक्टर अनुग्रह पी से लोहपीठा समुदाय की महिलाओं ने प्रधानमंत्री आवास के लिए नगर परिषद क्षेत्र में जमीन आबंटित करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद कलेक्टर ने टीएल मीटिंग में भूमि आबंटित करने के लिए निर्देश दिए थे. उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.
तिरपाल डालकर झोपड़ियों में रहना बनी मजबूरी
अपने आशियाने की आस में आधी से ज्यादा जिंदगी झोपड़ी में बिता चुके गरीबों के दर्द को समझते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई, लेकिन शासन द्वारा चलाई जा रहीं गरीबों के उत्थान की इस योजना का लाभ फिलहाल बैराड़ के गरीब लोहपीठा समुदाय को नहीं मिल रहा है. भूमिहीन लोगों के पास मकान बनने के लिए जमीन नहीं होने के कारण नगर परिषद इनके खातों में राशि नहीं डाल रही है, जिस कारण आज भी लोहपीठा समुदाय के लोग सड़क किनारे तिरपाल के आशियाने बनाकर रहने को मजबूर हैं.
बीजेपी मंडल अध्यक्ष बैराड़ विक्की मंगल ने कहा कि नगर के पचीपुरा, धौरिया रोड, बैराज माता मंदिर के साथ ही कई जगह शासकीय भूमि पर लोगों ने पत्थर डालकर अतिक्रमण कर रखा है. प्रशासन अतिक्रमणकारियों को बेदखल कर लोहपीठा समुदाय के लिए जमीन आबंटित करें ताकि इनके लिए पीएम आवास बनाया जा सकें.
वहीं इस मामले में सुरेश धाकड़ रांठखेड़ा पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री ने कहा कि वे तत्काल इस संबंध में एसडीएम और तहसीलदार से बात करके लोहपीठा समुदाय के लोगों के लिए जमीन आबंटित करवाने का काम करेंगे.