शिवपुरी। शहर में पुलिस और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच चालान काटने को लेकर विवाद हो गया. विवाद के बाद युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सिटी कोतवाली पहुंचकर जमकर हंगामा किया और पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए. गुरुवार शाम माधव चौक पर यातायात पुलिस द्वारा पॉइंट लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी. इसी दौरान अजमेर सिंह लोधी की नाम के एक शख्स की बाइक यातायात पुलिस ने पकड़ ली. अजमेर हेलमेट नहीं लगाए हुए थे. पुलिस अजमेर सिंह का चालान काटना चाहती थी. इसी बात को लेकर यातायात पुलिस और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं में माधव चौक पर जमकर बहस हो गई.
ट्रैफिक पुलिस से उलझे भाजयुमो नेता : चालानी कार्रवाई से खफा अजमेर सिंह ने फोन पर यातायात प्रभारी रणवीर सिंह यादव से भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री एवं सांसद प्रतिनिधि मयंक दीक्षित की बात कराना चाही. जब यातायात प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने फोन पर बात करने को मना कर दिया तो युवा मोर्चा के महामंत्री मयंक दीक्षित माधव चौक पहुच गए और यातायात प्रभारी से बहस करने लगे. महामंत्री के साथ कई युवा भी मौके पर पहुंच गए. युवा मोर्चा के महामंत्री मयंक ने यातायात प्रभारी रणवीर को उंगली दिखाते हुए कहा था कि आप चालान काटिए कितने का काटोगे. एक हजार, दस हजार, पचास हजार, एक लाख, दो लाख.
पुलिस के खिलाफ नारेबाजी : इसके बाद भाजयुमो महामंत्री ने वाहन की चाबी यातायात प्रभारी को थमा दी. विवाद को बढ़ता देख मौके पर सिटी कोतवाली पुलिस पहुंच गई. पुलिस विवाद की जड़ अजमेर सिंह लोधी को उठाकर कोतवाली ले आई. इससे गुस्साए महामंत्री मयंक अपने साथियों के साथ कोतवाली पहुंचे. थोड़ी ही देर में काफी भीड़ एकत्रित हो गई और देखते ही देखते नारेबाजी होने लगी. मौके पर वार्ड क्रमांक 38 के पार्षद वेदांश सविता भी पहुंच गए. मौजूद भीड़ ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए. इसके साथ ही कोतवाली में घुसने का भी प्रयास किया. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने कोतवाली की शटर लगाकर उन्हें रोकने का भी प्रयास किया.
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पुलिस असहाय दिखी : घटना के कुछ देर बाद युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अपने साथी अजमेर को अपने साथ ले गए. बता दें कि शिवपुरी पुलिस 11-17 जनवरी तक यातायात सप्ताह मना रही है. लोग यातायात नियमों का पालन भी करें. इसके लिए पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई की जा रही है. लेकिन पुलिस द्वारा मनाए जा रहे यातायात सप्ताह के दूसरे दिन चालानी कार्रवाई को लेकर जमकर विवाद हो गया. हालांकि हंगामे के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. एसडीओपी अजय भार्गव का कहना है कि मामले की फ़िलहाल जांच की जा रही है.